आयशा जी दुबई के फुजेरा की रहने वाली हैं। एक उम्र के बाद शरीर के अंगों में दर्द होना स्वाभाविक है लेकिन आयशा जी उम्र के उस पड़ाव पर नहीं पहुँची थी कि उनके जोड़ों में और कमर में दर्द हो। इस दर्द के कारण उनको काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। जिसकी वजह से उनकी जिंदगी में काफी समस्याएं आई। आइये जानते हैं आयशा जी की कहानी कि आखिर कैसे उन्होंने अपने कमर दर्द को ठीक किया।
कमर का दर्द आयशा जी को गिरने के कारणवश नहीं हुआ था। आयशा जी इस दर्द से अभी से नहीं बल्कि पिछले 5 साल से जूझ रहीं थी। दरअसल डिलीवरी के बाद उनकी कमर में असहनीय दर्द हो गया था। उन्होंने कई डॉक्टरों से भी इलाज कराया। जिसके बाद उन्हें कई टेस्ट कराने की सलाह दी गई। डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी टेस्ट की रिपोर्ट नॉर्मल आने के बाद भी उनका दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा था। उन्होंने कई सारे इलाज का सहारा भी लिया लेकिन उससे भी उनके दर्द में कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ा। काफी समय दवा खाने के बाद जब कोई आराम न मिला तो उन्होंने टीवी पर सेहत और जिंदगी शो में हकीम सुलेमान खान साहब को सुना। टीवी में हकीम जी के शो में लोगों को हकीम जी के घरेलू नुस्खों से मिलते आराम को देखते हुए आयशा जी काफी प्रभावित हुई। इसके बाद उन्होंने उनसे कंसल्ट किया।
हकीम जी ने आयशा जी की समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्हें गोंद सियाह दवा का सेवन करने की सलाह दी थी। जिसे उन्होंने ATIYA HERBS से मंगवा लिया। जैसे कि हम सब जानते हैं कि यूनानी दवाई असर दिखाने में समय लेती है लेकिन समस्या का समाधान जड़ से करती हैं। गोंद सियाह ने आयशा जी के लिए किसी चमत्कार से कम काम नहीं किया है। जो असहनीय दर्द उनका पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था वह अब उस दर्द से मुक्त हो चुकी हैं। अब वह अपनी दिनचर्या सामान्य तरीके से बीता पाने के योग्य हो गई हैं जिसका सारा श्रेय वह हकीम जी की यूनानी दवाओं को देती हैं। धीरे-धीरे ही सही पर हकीम जी की दवाओं से उनकी समस्या ठीक होने लगी। अब उनका जीवन काफी खुशहाल हो गया। ऐसा हम नहीं बल्कि खुद आयशा जी अपनी मुँहज़बानी बयान कर रही है।
वो समय आयशा जी के लिए काफी तकलीफदेह साबित हुआ था क्योंकि उस समय उनका उठना बैठना तक दुश्वार हो गया था। उनका दर्द इतना असहनीय हो गया था कि वह दर्द से परेशान थी। उनकी दिनचर्या काफी बिगड़ गई थी। इलाज कराने के बाद भी जब उनके दर्द में आराम नहीं मिला था तब वह काफी निराश हो गई थी। उन्होंने इस दर्द को अपनी ज़िंदगी का एक हिस्सा मान लिया था लेकिन हकीम जी की यूनानी दवा ने उनके लिए किसी चमत्कार से कम काम नहीं किया और वह अब दर्द से मुक्त हो चुकी हैं। वह अपने शरीर को बेहद हल्का महसूस करती हैं और इसके साथ साथ अब वह अपने आपको स्वस्थ और तंदुरुस्त भी महसूस करने लगी हैं। जिसका सारा श्रेय वह हकीम जी को देती हैं। वह हकीम जी और उनकी दवा के लिए दिल से शुक्रगुज़ार हैं। अंग्रेजी दवाओं के दौर में घरेलू नुस्खों और यूनानी दवाओं पर विश्वास करना आसान नहीं है लेकिन हकीम जी के नुस्खे और आयशा जी के विश्वास ने उनको उनकी समस्याओं से राहत दिलाने में असरदार तरीके से काम किया।
आयशा जी हकीम जी की यूनानी दवा और घरेलू नुस्खों से इतनी प्रभावित हो चुकी हैं कि वह अब अपनी हर समस्या के लिए यूनानी इलाज का ही सहारा लेती हैं और इसके साथ साथ अन्य लोगों जैसे सगे संबंधी,रिलेटिव्स,मित्रों को भी यूनानी इलाज और घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्हें यूनानी दवाओं की सबसे ख़ास बात यह लगती है कि इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते और यह दवा हर बीमारी का जड से इलाज करती है। उनके परिवार में अब यूनानी दवाओं के लिए जागरूकता बढ़ चुकी है। आयशा जी भी अब हकीम जी के नक़्शे कदम पर चल रही हैं वे भी अब समाज सेवा के रूप में ज़रूरतमंद लोगों को घरेलू नुस्खों और यूनानी दवाओं का सेवन करने की सलाह देती हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।