क्या अब मुझे नौकरी छोड़नी पड़ेगी? क्या अब मेरी जिंदगी बिस्तर पर ही कटेगी?” कुछ इस तरह के सवाल दुबई में रह रहे फ़ुर्कान जी के दिमाग में उस समय चलना शुरू हो गए। भागदौड़ भरी जिंदगी और बिगड़ती लाइफस्टाइल की वजह से इनके कंधों, घुटनों और कमर में असहनीय दर्द होना शुरू हो गया। वैसे तो ये समस्याएं बूढ़े लोगों में देखने को मिलती हैं लेकिन अब इस तरह की समस्याएं आज के युवाओं में भी आम होती जा रही हैं। इन्हीं युवाओं में से एक हैं दुबई में रहने वाले फ़ुर्कान जी इनकी उम्र महज़ 42 साल है। इस उम्र में ज्यादातर ऐसी समस्या नहीं होती लेकिन इनका काम ही कुछ ऐसा है जिसकी वजह से इन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ा।
वैसे तो फ़ुर्कान जी उत्तर प्रदेश के रामपुर शहर के रहने वाले हैं, लेकिन घर की समस्याओं और बढ़ती महंगाई की मार की वजह से ये काम की तलाश में 3 साल पहले दुबई आ गए, और यहाँ पर इन्होंने बाइक repairing की कंपनी में मार्केटिंग का काम करना शुरू किया, मार्केटिंग के लिए U.A.E के अलग-अलग शहरों में जाकर कंपनी और रेस्टोरेंट वगैरह में विज़िट करते थे, इस काम की वजह से इन्हें 9 से 10 घंटे रोजाना बाइक चलानी पड़ती थी। इस काम को करते हुए मुश्किल से 1 साल ही गुजरा था जब लगातार बाइक चलाने के कारण इनके कंधों, कमर, और घुटनों में जोड़ों का दर्द शुरू हो गया। इन्होंने शुरुआत में तो इस दर्द पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और अपने काम को हल्के दर्द में भी जारी रखा। इनकी इसी लापरवाही की वजह से धीरे-धीरे दर्द बढ़ता गया और दर्द कमर से लेकर कंधों और पैरों तक पहुँच गया। हालत कुछ ऐसी हो गई थी की कुर्सी पर बैठे रहे तब भी दर्द होता था और बेड पर लेट जाएं तब भी दर्द होता, इनका उठना बैठना तक दुर्लभ हो गया था। इस दर्द की वजह से इनका काम प्रभावित होने लगा क्योंकि अब बाइक चलाने में भी तकलीफ होने लगी। और इन्हें लगने लगा की नौकरी छोड़कर दुबई से इंडिया वापस जाना पड़ेगा। फ़ुर्कान जी जब भी नौकरी छोड़कर वापस भारत जाने का सोचते तो इन्हें रामपुर में रह रहे अपने बीवी और बच्चों का ख्याल आता। क्योंकि पूरे परिवार के सदस्यों की जिम्मेदारी इन्हीं पर थी, अपने 3 बच्चों का ख्याल इन्हें मायूस करता जा रहा था। बीवी को इस समस्या के बारे में इसलिए नहीं बताया था क्योंकि वे एक जिम्मेदार पति हैं और पत्नी को परेशान नहीं करना चाहते थे।
लेकिन इस तकलीफ के बढ़ने के साथ ही साथ इनकी परेशानी भी बढ़ने लगी। क्योंकि अगर जॉब नहीं करेंगे तो पैसा कहाँ से आएगा और ऐसे ही चलता रहा तो बीवी के खर्चे कैसे पूरे होंगे। बच्चों के एजुकेशन का क्या होगा? इसी सोच ने इन्हें परेशान कर रखा था, इस तरह के अनेकों सवालों से परेशान होकर इन्होंने दुबई में ही डॉक्टर को दिखाने के बारे में सोचा और कई डॉक्टरों से अपना इलाज करवाया। और उनकी दी हुई दवाइयाँ खाना शुरू किया लेकिन उससे उन्हें ज्यादा कुछ आराम नहीं मिला। और फिर न चाहते हुए भी आखिर इन्होंने इस समस्या को लेकर अपनी बहन से बात की, इनकी बहन मुंबई में रहती है, उन्हें जब इसका पता चला तो उन्होंने तुरंत अपनी भाभी यानि फ़ुर्कान जी की बीवी को फोन लगा दिया और पूरी समस्या बता दी। लेकिन ये सब सुनकर फ़ुर्कान जी की बीवी तनिक भी परेशान नहीं हुई। क्योंकि उन्होंने पहले से ही हकीम सुलेमान खान साहब के बारे में सुन रखा था। फ़ुर्कान जी की बीवी ने इंडिया से फ़ुर्कान जी को कॉल किया और कुछ समय के लिए छुट्टी लेकर भारत आने को कहा, अब बीवी वाली बात थी फ़ुर्कान जी कैसे टाल सकते थे। तुरंत 2 महीने की छुट्टियाँ ली और इंडिया आ गए।
इंडिया पहुंचे तो इनकी बीवी ने इन्हें हकीम सुलेमान खान साहब के प्रोग्राम सेहत और जिंदगी के बारे में बताया की इस प्रोग्राम के माध्यम से सुलेमान जी लोगों को यूनानी जड़ी बूटी और घरेलू नुस्खों के बारे में बताते हैं, और अनेकों लोग इनके साथ जुड़कर बिना किसी ऑपरेशन और एलोपैथिक दवाइयों के सालों पुराने दर्द में राहत पा चुके हैं। इस प्रोग्राम को देखकर फ़ुर्कान जी को उम्मीद की एक राह दिखाई देने लगी और फिर इन्होंने तुरंत स्क्रीन पर चल रहे नंबर पर कॉल करके हकीम जी के डॉक्टरों की टीम के साथ संपर्क किया जहां पर इन्हें गोंद सियाह खाने की सलाह दी गयी। इन्होंने तुरंत ही ATIYA HERBS से गोंद सियाह मँगवाया और डॉक्टरों की सलाह के अनुसार गोंद सियाह का सेवन शुरू कर दिया। कुछ ही दिनों में इस जड़ी बूटी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और फ़ुर्कान जी का दर्द धीरे-धीरे कम होने लगा। और वह फिर से पहले की तरह अपनी जिंदगी जीने लगे। इसी उम्मीद के साथ इन्होंने गोंद सियाह को खाना जारी रखा, और दो महीने की छुट्टी के बाद जब दुबई वापिस आए तो गोंद सियाह साथ ले आए, यहाँ भी इन्होंने गोंद सियाह को और दो महीने इस्तेमाल किया। इसी तरह गोंद सियाह लेने के बाद उन्हें अपनी कमर की समस्या में राहत मिलनी शुरू हो गई।
जब हम दुबई जाकर इनसे मिले तो हमने इनको दौड़ने को कहा और इन्होंने हमें दौड़कर दिखाया, जिसका वीडियो आपको आर्टिकल के अंत में मिल जाएगा आप देख सकते हैं, अब इन्हें इतना आराम मिल चुका है की ये बिना दर्द के आराम से बाइक चलाते हैं, इन्होंने फिर से अपनी जॉब करना शुरू कर दिया है, इन्होंने अपने साथ काम करने वाले कई लोगों को हकीम सुलेमान खान साहब की गोंद सियाह के बारे में बताया। फ़ुर्कान जी हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़ने के लिए ईश्वर का धन्यवाद करते हैं और कहते हैं की अगर हकीम साहब के बारे में पता नहीं चलता तो शायद इस समस्या से उनके जीवन में अब तक पता नहीं कितनी और समस्याएं खड़ी हो जाती। लेकिन अब हकीम साहब की वजह से ‘मैं अपनी जिंदगी को फिर से पहले की तरह इन्जॉय कर पा रहा हूँ।
तो दोस्तों आपने जाना की कैसे जिंदगी से परेशान होने के बाद ईश्वर की कृपा से और हकीम जी के यूनानी नुस्खों का इस्तेमाल करने से फ़ुर्कान जी का जीवन एक बार फिर से पहले की तरह हो गया है तो अगर आप या फिर आपके आसपास भी कोई इस तरह की समस्या से परेशान है तो उस तक हकीम जी के घरेलू नुस्खे और यूनानी दवाओं की जानकारी पहुंचाकर उनकी मदद जरूर करें। धन्यवाद।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रखता है।
आप भी असली गोंद सियाह मंगवाने के लिए इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
011 6120 5336
- Clinic – The Herbals – Atiya Healthcare
- Address – 21B/6, Basement Near Liberty Cinema, New Rohtak Road, Karol Bagh, New Delhi-5