एक कहावत है कि ‘पुत्र कपुत्र हो सकता है लेकिन माता कभी कुमाता नही होती’ लेकिन लखनऊ के दारुल्सफा में घटी निर्मम घटना ने इस कहावत को भी धता बता दिया है. क्या वाकई एक माँ इतनी निर्दयी हो सकती है जो अपनी ही औलाद का क़त्ल कर दे? जिस बच्चे को नौ महीने गर्भ में रखा सालों तक पाल पोसकर बड़ा किया, लाड़ प्यार दिया जब वही माँ जान की दुश्मन बन जाए तो उसे डायन की उपमा ही दी जा सकती है. ताज़ा मामला सूबे की राजधानी लखनऊ का है. यूपी विधानपरिषद सभापति रमेश यादव की पत्नी ने अपने पुत्र की गला घोंटकर ह्त्या कर दी और पुलिस से छुपाने के लिए कई बहाने बनाए.
पूरे मामले पर एक नज़र
लखनऊ का विधायक निवास दारुल्सफा. बी ब्लाक में रहने वाले यूपी विधानपरिषद के मौजूदा सभापति रमेश यादव का रिहाइशी घर जहां वे अपनी दूसरी पत्नी और दो बेटों के साथ रहते हैं. रविवार तड़के इलाके में एक खबर ने सनसनी फैला दी. दरअसल उनके छोटे बेटे अभिजीत की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो चुकी थी. परिवार में मौजूद अभिजीत की माँ मीरा यादव ने बताया था कि रात में बेटे ने सीने में दर्द की शिकायत की थी जिसके बाद दवा लगाकर उसे सुला दिया गया था.
परिवार के लोगों ने चुपके से शव को ठिकाने लगाने की सोची लेकिन लखनऊ पुलिस के बड़े अधिकारियों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. सोशल मीडिया पर चले कंपेन के बाद हरकत में आई पुलिस ने मामले की जांच करना शुरू किया और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पीएम रिपोर्ट में आये तथ्य वाकई चौंकाने वाले थे. मृतक अभिजीत के शरीर पर चोट के कई निशान के अलावा गले पर भी निशान पाए गए. इसके बाद यह साफ़ हो गया कि मृतक की मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई बल्कि उसका मर्डर किया गया.
पुलिस ने शक के दायरे में मीरा यादव से पूछताछ की तब दूध का दूध पानी का पानी हो गया. मीरा ने ह्त्या की बात कबूल कर ली है. उसने बताया कि अभिजीत अक्सर नशा करके आता था और घर में मारपीट करता था जिसके चलते उसने उसे मौत के घाट उतार दिया. हालाँकि वह अपना बयान कई बार बदल रही है.
यदि रमेश यादव के परिवार की बात करें तो उन्होंने 2 शादियाँ की थी. पहली पत्नी अपने पूर्व विधायक बेटे आशीष यादव के साथ एटा में रहती है जबकि मीरा यादव जिसने इस घटना को अंजाम दिया वो उनकी दूसरी पत्नी है. मीरा और रमेश के 2 बेटे थे जिसमें मृतक छोटा बेटा था. इस घटना ने एक बार फिर माँ और बेटे के रिश्तों को कलंकित कर दिया है.
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