त्रिफला (Triphala) को एक महा औषधि माना जाता है। इसका प्रयोग लोग आमतौर पर पेट संभधित रोग जैसे कब्ज दूर करने के लिए करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह न सिर्फ कब्ज दूर करने की औषधि है बल्कि इसके कई फायदे भी हैं।
त्रिफला (Triphala) का उपयोग बरसों से आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जा रहा है। त्रिफला चूर्ण को आयुर्वेद में शरीर को फिर से जीवंत करने के लिए एक रासायनिक औषधि के रूप में माना जाता है। इस लेख में हम आपको त्रिफला (Triphala) के फायदे और त्रिफला चूर्ण की खुराक और इसको घर पर बनाने के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
त्रिफला क्या है? (What Is Triphala)
त्रिफला यानि तीन फल। यह तीन जड़ी बूटियों को मिला के बनता।
- आंवला
- बहेड़ा
- हरड़
इन तीनों औषधियों के मिल के जो चूरन तैयार होता है उसे त्रिफला कहते हैं। इसका सेवन हमेशा चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।
त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि: (How To Make Triphala Powder)
वैसे तो त्रिफला चूर्ण बाजार में आसानी से मिल जाता है, जैसे बैद्यनाथ त्रिफला चूरन, पतंजलि त्रिफला चूरन, आदि लेकिन अगर आप इसे घर पर भी बनाना चाहते हैं तो इसे आसानी से बना सकते हैं. इसके लिए हरड़ का छिलका, बहेड़े का छिलका और आंवले की गुठली का 1-1 भाग लेकर बारीक चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें और इसका सेवन करें.
त्रिफला की सामान्य खुराक: (How to take Triphala Powder)
सोते समय एक छोटा चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है। इसके अलावा विषम भाग को घी या शहद के साथ भी ले सकते हैं।
त्रिफला के लाभ: (Benefits OF Triphala)
त्रिफला को हर उम्र के लोग रासायनिक औषधि के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा त्रिफला के नियमित सेवन से पेट संबंधी दिक्कतें दूर रहती हैं। मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों में भी यह औषधि लाभकारी है। आइए इसके कुछ प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
1. कब्ज में सहायक
आयुर्वेद में कब्ज को कई गंभीर बीमारियों की जड़ बताया गया है। अगर आप कब्ज से पीड़ित हैं तो आपको भविष्य में पाइल्स, फिशर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। कब्ज दूर करने के लिए त्रिफला चूर्ण एक कारगर औषधि मानी जाती है। यह पुराने कब्ज से पीड़ित रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी है।
विधि: कब्ज दूर करने के लिए रोजाना रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करें।
2. पेट में गैस की समस्या से छुटकारा (एसिडिटी)
कब्ज के अलावा पेट से जुड़ी एक और समस्या है जो ज्यादातर लोगों को होती है। यह समस्या गलत खान-पान और अनियमित रहन-सहन के कारण होती है। त्रिफला चूर्ण पेट फूलना, गैस की समस्या (हाइपरएसिडिटी) आदि सभी रोगों से राहत देता है।
विधि: आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण रोजाना सुबह, दोपहर और शाम पानी के साथ लें।
3. आंखों के लिए फायदेमंद
बहुत कम लोग जानते हैं कि त्रिफला चूर्ण आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है। आंखों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ यह आंखों को कई तरह की बीमारियों से भी बचाता है।
विधि: एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात भर ठंडे पानी में भिगो दें। अगली सुबह इसे छानकर पानी अलग कर लें और उस पानी से आंखों को अच्छी तरह धो लें। ऐसा करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों से जुड़ी कई बीमारियों से बचाव होता है।
4. वजन घटाने और मोटापे में सहायक
अगर आप बढ़ते वजन और मोटापे से परेशान हैं और इससे जल्दी छुटकारा पाना चाहते हैं तो त्रिफला आपके लिए कारगर औषधि हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला में ऐसे गुण होते हैं जो पाचन शक्ति को बढ़ाने और वजन कम करने में मदद करते हैं। इसलिए नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।
विधि: एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को 200 मिली पानी में मिलाकर रात भर के लिए रख दें। अगली सुबह इस पानी को आधा होने तक उबालें। अब इस बचे हुए मिश्रण को 2 चम्मच शहद के साथ लें। इसका नियमित सेवन करने से कुछ ही हफ्तों में मोटापा कम होने लगता है।
5. पाचन शक्ति बढ़ाता है
पाचन शक्ति कमजोर होने से कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला में ऐसे गुण होते हैं जो पाचन शक्ति को मजबूत बनाते हैं और पेट संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करते हैं। इसलिए अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो डॉक्टर से सलाह लेकर त्रिफला का सेवन शुरू कर दें।

6. बालों का झड़ना रोकता है
आजकल ज्यादातर लोग बालों के झड़ने की समस्या से परेशान रहते हैं और बालों का झड़ना रोकने के लिए रोज नए-नए तरीके आजमाते रहते हैं। लेकिन अगर आप आयुर्वेद की मदद लें तो बालों के झड़ने की समस्या से निजात पा सकते हैं। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार त्रिफला चूर्ण के सेवन से बालों का झड़ना काफी हद तक कम किया जा सकता है।
विधि: 125 मिली लोहा भस्म में 2-5 ग्राम त्रिफला चूर्ण मिलाकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करें।
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7. भूख बढ़ाता है
त्रिफला में आंवला, हरड़ और बहेड़ा होता है और ये तीनों फल पेट के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। यही कारण है कि त्रिफला चूर्ण को पेट से संबंधित लगभग सभी समस्याओं के लिए सर्वोत्तम औषधि माना जाता है। आयुर्वेद में इसके गुणों का उल्लेख करते हुए लिखा है कि इसके सेवन से भूख और पाचन शक्ति बढ़ती है। इसलिए अगर आपको भूख कम लगती है या पाचन शक्ति कमजोर है तो नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।
8. यूरिनरी प्रॉब्लम में फायदेमंद
त्रिफला चूर्ण मूत्र विकारों में भी उपयोगी है। इसके सेवन से बार-बार पेशाब आना, पेशाब में जलन आदि समस्याओं से राहत मिलती है।
विधि: त्रिफला, अनार और चिरौंजी का एक साथ सेवन करने से पेशाब की समस्या में लाभ होता है।
9. सूजाक में उपयोगी
गोनोरिया एक यौन संचारित रोग है जो जीवाणु संक्रमण के कारण होता है। यह रोग स्त्री और पुरुष दोनों को हो सकता है। त्रिफला चूर्ण सूजाक के उपचार में उपयोगी है। हालांकि सूजाक के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करें।
10. कुष्ठ रोग में लाभदायक
कुष्ठ एक त्वचा संबंधी समस्या है जिसमें त्वचा पर सफेद धब्बे, गांठ या घाव दिखाई देते हैं। आयुर्वेद के जानकारों के मुताबिक कुष्ठ रोग में त्रिफला का सेवन फायदेमंद होता है। अगर आप कुष्ठ रोग से पीड़ित हैं तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।
11. मलेरिया में फायदेमंद
गर्मी और मानसून के मौसम में मलेरिया का प्रकोप काफी बढ़ जाता है। बच्चों में यह मच्छर जनित रोग बहुत आम है। त्रिफला चूर्ण मलेरिया से होने वाले बुखार से राहत दिलाने में सहायक होता है। इसका सेवन किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं।
विधि: त्रिफला का काढ़ा बनाकर पीने से मलेरिया में लाभ होता है।
अब आप त्रिफला के फायदों को अच्छी तरह समझ गए हैं। ध्यान रहे कि अगर आप किसी गंभीर बीमारी के इलाज में त्रिफला का इस्तेमाल कर रहे हैं तो डॉक्टर की जरूर लें।
त्रिफला का सेवन करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान: (Keep this in mind before using Triphala)
त्रिफला के फायदों के बारे में तो आपको जानकारी हो ही गई होगी और अब आप इसका सेवन करने के बारे में सोच रहे होंगे। लेकिन इसका सेवन करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
- रक्त शर्करा के स्तर को कम करने से जुड़ा हुआ है। यदि आप मधुमेह से गुजर रहे हैं तो इसका सेवन न करें क्योंकि प्रत्येक रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य से काफी अधिक कम कर सकता है।
- त्रिफला का नियमित सेवन करें। इसके अधिक सेवन से दस्त या पानी की कमी हो सकती है।
- त्रिफला चूर्ण का अधिक मात्रा में सेवन करने से डायरिया जैसी पेट की समस्या हो सकती है। त्रिफला चूर्ण केवल पैकेजिंग के अनुसार या डॉक्टर द्वारा सलाह के अनुसार ही लें।
- त्रिफला चूर्ण का अधिक मात्रा में और लंबे समय तक सेवन करने से बड़ी मात्रा में वजन कम किया जा सकता है। वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण को सही मात्रा में और सही समय पर लें।
- अगर आपको डायबिटीज है तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।
- गर्भवती महिलाएं त्रिफला चूर्ण का सेवन न करें तो बेहतर है क्योंकि त्रिफला चूर्ण बहुत गर्म होता है जो बच्चे के लिए अच्छा नहीं होता है।
- अगर आपको लगता है कि आपको त्रिफला से एलर्जी हो सकती है, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- 6 साल से कम उम्र के बच्चों को त्रिफला का सेवन नहीं करना चाहिए।
- त्रिफला चूर्ण का अधिक मात्रा में सेवन करने से भी नींद में परेशानी हो सकती है।
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