छींक आना एक सामान्य समस्या है। जब हमें जुकाम होता है या फिर धूल-मिट्टी से एलर्जी होती है तो हमें छींक आने की समस्या हो जाती है। आमतौर इस एलर्जी की वजह से हमें सांस लेने में तकलीफ होती है। रात को सोते समय भी इस वजह से आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है लेकिन कभी कभी छींक आने की वजह से व्यक्ति को काफी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। जिस प्रकार अब्दुल माजिद जी को हो गयी थी। आइये जानते हैं उनकी पूरी आत्मकथा। कि कैसे उन्हें अपनी समस्या में आराम मिला।
बेंगलुरू के रहने वाले अब्दुल माजिद जी बहुत ही सरल और दयालु स्वभाव के व्यक्ति हैं। साधा जीवन उच्च विचार की सोच रखने वाले अब्दुल जी बहुत ही मेहनत के साथ अपना काम करते हैं। अपने काम के साथ साथ वे अपनी सेहत का भी खासा ख्याल रखते हैं। लेकिन उनके काम का ध्यान जब छूट गया जब उन्हें एलर्जी की समस्या हो गयी। वैसे तो अब्दुल जी अपनी सेहत के लिए हमेशा एक्टिव रहते हैं। लेकिन समय के साथ उन्हें एलर्जी की समस्या ने तोड़ दिया। एलर्जी के कारण उन्हें लगातार छींके आना, सर्दी जुकाम और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। रात में सोते समय कभी कभी उन्हें सांस ना आने की भी समस्या हो जाती थी। रात में होने वाली इस समस्या के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
अब्दुल जी ने अपनी एलर्जी का इलाज कराना शुरू किया। डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद उन्हें अपनी समस्या में कोई फर्क दिखाई नहीं दे रहा था। उन्होंने अपना डॉक्टर बदल दिया। उसके बाद उनका इलाज दूसरे डॉक्टर से चलने लगा। ऐसे करते हुए अब्दुल जी को काफी समय हो गया। वक्त के साथ समस्या बढ़ ही रही थी और डॉक्टर बदले जा रहे थे। उन्होंने अपनी समस्या के लिए करीब 20 से 25 डॉक्टर बदल दिये लेकिन उनकी सांस की समस्या में कोई फर्क नहीं आया। अब्दुल जी काफी परेशान रहने लगे। उन्हें चारों तरफ से अपने स्वस्थ होने की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही थी।
जब अब्दुल जी चारों तरफ से हार चुके थे उसके बाद उनकी मुलाकात यूनानी में मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब से हुई। अब्दुल जी यूट्यूब पर अपनी समस्या का इलाज खोज रहे थे। तभी उनकी नजर हकीम जी के बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर गयी। सेहत और जिंदगी का शो उस समय यूट्यूब पर लाइव चल रहा था। अब्दुल जी ने शो देखना शुरू किया और उसे पूरा देखा। जब शो खत्म हुआ तो अब्दुल जी के मन में भी हकीम जी के घरेलू नुस्खे और यूनानी दवाओं को इस्तेमाल करने की ललक जागी। उन्होंने सीधा हकीम जी को कॉल किया और उनसे संपर्क किया। हकीम जी ने उनकी समस्या को जाना और उन्हें MAJOON R. CARE इस्तेमाल करने की सलाह दी। बिना किसी देरी किये अब्दुल जी ने ATIYA HERBS से कारगर यूनानी औषधि को मंगवा लिया। साथी ही हकीम जी के डॉक्टरों ने उन्हें बैंगलुरू में ही अपने क्लीनिक का पता दिया। अब अब्दुल जी अपनी हर समस्या के लिए हकीम जी के क्लीनिक से दवा मंगवा लेते हैं। पहले तो अब्दुल जी को हकीम जी के घरेलू नुस्खों पर कम ही यकीन था। लेकिन जैसे ही दवाओं का इस्तेमाल किया तो उन्हें हकीम जी पर और उनके नुस्खों पर भरोसा होना शुरू हो गया। उन्हें कुछ समय बाद उन्हें अपनी समस्या में आराम दिखाई देने लगा। अब्दुल जी इस बात से बेहद खुश थे कि जहां एक तरफ किसी भी डॉक्टर से इलाज नहीं हो पा रहा था। वहां हकीम जी ने घरेलू नुस्खों से ही उनकी समस्या में राहत दिला दी।
हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाकर अब्दुल जी बहुत ही सेहतमंद जिंदगी जी रहे हैं। आज उन्हें सांस की भी कोई समस्या नहीं है और एलर्जी की समस्या में भी राहत आई है। अब्दुल जी ने एक लंबा समय अपनी समस्या को दिया है। लेकिन हकीम जी से इलाज कराने के बाद उन्हें कम समय में ही आराम मिल गया। आराम मिलने के बाद अब वे लोगों की सेवा कर रहे हैं। जो लोग अस्वस्थ हैं या फिर किसी बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें हकीम जी के यूनानी नुस्खों को अपनाने की सलाह दे रहे हैं। अब्दुल जी का कहना है कि हकीम जी इसी तरह ही निःस्वार्थ भाव से लोगों की मदद करते रहें। हम तो हमेशा हकीम जी की लंबी उम्र की दुआएं मांगते हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
MAJOON R. CARE क्या है?
माजून आर-केयर श्वसन अंग संबंधी बीमारियों के लिए तैयार किया गया पेस्ट है। यह क्रोनिक अस्थमा, एलर्जिक राइनाइटिस, (एआर), और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) जैसी बीमारियों का इलाज करता है। यह एक तरह से श्वसन अंगों को मजबूत बनाता है। इसके अलावा इस दवा से फेफड़ों की सूजन का इलाज भी कर सकते हैं। इस प्रकार इसकी मदद से आप बिना किसी रुकावट के खुलकर सांस ले सकते हैं।