‘मौत से क्या डर मिनटों का खेल है, आफत तो जिंदगी है जो वर्षों चला करती है।‘ दोस्तों जिंदगी में समस्याओं का आना जाना लगा रहता है। अगर स्वास्थ्य और शरीर आपका साथ देता है तो जिंदगी में हर तरह की समस्या से निपट जा सकता है लेकिन अगर शरीर में हुई समस्याओं की वजह से आप खटिया पर पड़े रहने के लिए मजबूर हो जाएं तो ये जीवन की सबसे बड़ी समस्या बन जाती है। आज इस आर्टिकल में हम आपको सुरेश देवी के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें सर्वाइकल पेन की वजह से गर्दन का दर्द, घुटनों का दर्द, कमर का दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। कमर में दर्द ज्यादा देर बैठे रहने, एक करवट में सोने, गलत पॉश्चर और मांसपेशियों में सूजन के कारण हो जाता है। कई बार कमर की नस दबने के कारण भी कमर में दर्द होने लगता है और ब्लड सर्कुलेशन सही ना होने की वजह से मांसपेशियों में जकड़न हो जाती है, जिसकी वजह से दर्द बढ़ जाता है। चलिए आपको बताते हैं की कैसे सुरेश देवी जी ने अपने कमर के दर्द को दूर किया।
कौन हैं सुरेश देवी?
सुरेश देवी जी हरियाणा की रहने वाली हैं। इनकी उम्र 64 साल है। इनके परिवार में इनके पति, तीन बेटे दो बहूएं और तीन पोते रहते हैं। इन सब के अलावा इनके घर में एक गाय भी है। हकीम सुलेमान खान साहब के साथ जुड़ने के बाद इनके शरीर में अनेकों जगह हो रहे दर्द में वास्तविक राहत मिल गई है और अब अपने परिवार के साथ सेहतमंद जिंदगी जी रही हैं।
क्या है सुरेश देवी की सच्ची कहानी?
कई सालों से जोड़ों के दर्द से परेशान सुरेश देवी जब अस्पताल पहुंची तो डॉक्टरों ने बहुत सारी अंग्रेजी दवाइयाँ उनके हाथों में थमा दी। एक तो शरीर में दर्द की समस्या और ऊपर से इतनी सारी दवाइयाँ देखकर वो और भी परेशान हो गईं। दवाइयाँ खाने का मन तो नहीं करता लेकिन क्या करें इनके पास कोई दूसरा चारा नहीं था। तो उन्होंने दवाइयाँ लेना शुरू कर दी, लेकिन इन दवाइयों की वजह से इनके शरीर में और भी दूसरी समस्याएं होना शुरू हो गई। सुरेश देवी इस समस्या से काफी परेशान हो गई और अपने ठीक होने की आशा छोड़ दी। लेकिन कहते हैं ना की समय कितना भी बुरा क्यों न हो एक न एक दिन गुजर ही जाता है।
दरअसल हुआ कुछ यूं की एक दिन इन्होंने टीवी पर चैनल बदलते समय यूनानी जड़ी बूटियों के मशहूर बादशाह हकीम सुलेमान खान साहब का प्रोग्राम सेहत और जिंदगी देखा। जिसमें देश दुनिया के लोग हकीम जी को कॉल करके अपनी समस्याएं बताते हैं और हकीम जी उन्हें घर की किचन में मौजूद मसालों की मदद से नुस्खे तैयार करने की विधि बताते हैं, ज्यादा तकलीफ होने पर हकीम साहब खुद के द्वारा तैयार किये गए नुस्खों को अपनाने की सलाह देते हैं। इस प्रोग्राम को कुछ दिनों तक देखने के बाद सुरेश देवी को पता चला की हकीम जी से जुड़ने के बाद लाखों लोग स्वस्थ हो चुके हैं। ये सब देखने के बाद सुरेश देवी जी को भी हकीम जी के नुस्खों और यूनानी जड़ी बूटियों पर विश्वास हो गया। उन्हें लगा की जब इतने सारे लोग हकीम जी के नुस्खे अपना रहे हैं तो मुझे भी एक बार इनके नुस्खों को अपनाकर देखना चाहिए ये सोचकर सुरेश देवी ने तुरंत संस्था में कॉल करके अपनी सारी समस्याएं जैसे- कमर का दर्द, घुटनों का दर्द और सर्वाइकल पेन के बारे में बताया। जोड़ों के दर्द के अलावा इनके पेट में बहुत ज्यादा ऐसिड बनने की समस्या का जिक्र भी इन्होंने डॉक्टरों के साथ किया। हकीम साहब के काबिल डॉक्टरों की टीम ने इनकी तकलीफ को अच्छी तरह से समझने के बाद इन्हें दवाइयाँ भेज दी।
दर्द की समस्या के लिए इन्हें दर्द में कारगर औषधि गोंद सियाह भेजी गई, सुरेश देवी से हुई मुलाकात में इन्होनें हमें बताया की सर्वाइकल पेन की वजह से इन्हें गर्दन से लेकर कमर तक तो दर्द था ही उम्र ज्यादा होने की वजह से घुटनों में भी दर्द होता था जिसके वजह से उठने-बैठने, चलने-फिरने और घर के काम करने में तकलीफ होती थी। कमर दर्द की वजह से सीधी खड़ी नहीं हो पाती थी। सारा दिन खटिया पर पड़े पड़े ही निकल जाता था। अपना खुद का काम भी करना भारी पड़ जाता था और पिछले कई सालों ये इसी दर्द में अपने दिन काट रहीं थी।
जड़ी बूटियाँ इनके घर आने के बाद शाम को सुरेश देवी जी ने गोंद सियाह की एक चुटकी पानी में डालकर पी ली और सो गई जब सुबह उठी तो चाय बनाते समय इन्हें महसूस हुआ की रात भर में ही कमर के दर्द में हद से ज्यादा आराम मिल गया, आपको यकीन नहीं होगा लेकिन ये सच है। इस आर्टिकल के लास्ट में सुरेश देवी जी के साथ हुए इंटरव्यू की क्लिप दी गई है आप देख सकते हैं।
पहले ही दिन मिली इस राहत से सुरेश देवी जी को इस जड़ी बूटी की शक्ति पर पूरा यकीन हो गया। और इन्होंने इसका सेवन जारी रखा। 15 दिन में ही इन्हें सर्वाइकल पेन, कमर दर्द, और घुटनों के दर्द में राहत मिल गई है और अब ये आसानी से उठ बैठ सकती हैं, यहाँ तक की सीढ़ियाँ भी चढ़ लेती हैं और खाना भी खुद ही बनाती हैं। इनके पास एक गाय भी है जिसकी सेवा करना, चारा चरने के लिए डालना, दूध निकालना, दही से मट्ठा और मट्ठे से घी निकालना, घर में झाड़ू पोंछ करना ये सारे काम अब सुरेश देवी बड़े ही आसानी से कर पाती हैं। दर्द में आराम मिलने के बाद इनको इस तरह काम करते हुए देखकर इनके घर वाले बहुत खुश हैं। अब उन्हें कोई भी इस तरह के दर्द की वजह से तकलीफ में दिखाई देता है तो वो गोंद सियाह खाने की सलाह जरूर देती हैं।
जब हकीम जी से एक डॉक्टर ने कहा की आप इन जड़ी बूटियों के रहस्य क्यों उजागर कर रहे हो तब हकीम जी ने क्या जवाब दिया।
हकीम जी ने कहा की मुझे पता है की आपने डिग्री लेने के लिए बहुत पैसे खर्च किये हैं। लेकिन डॉक्टर का काम लोगों की सेवा करना होता है, पैसा कमाना नहीं। अगर आपको पैसे ही कमाने हैं तो कोई और धंधा करो, भगवान के लिए भगवान से डरो और लोगों की जिंदगी के साथ मत खेलो।
दोस्तों हकीम जी घरेलू उपाय और यूनानी जड़ी बूटियों के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। दर्द के साथ साथ मर्ज पर भी काम करने वाले नुस्खों को बनाकर लोगों तक पहुंचाते हैं ताकि अगर किसी को शरीर में किसी भी तरह के दर्द की समस्या है तो उसमें आराम मिल सके। अगर आप या फिर आपके परिवार में कोई भी जोड़ों के दर्द, कमर दर्द, घुटनों में दर्द, सर्वाइकल पेन जैसी समस्याओं से ग्रसित है तो एक बार हकीम सुलेमान खान साहब के नुस्खों को अपनाकर देखें इससे आपको जरूर राहत मिलेगी।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। इस पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, यह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है, यह बहुत ही पौष्टिक होता है इसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रखता है।