कभी अरब देशों का मुख्य हिस्सा रहे क़तर को जमीन से अलग करने के लिए सऊदी ने कमर कस ली है. क़तर दुनिया का बड़ा तेल निर्यातक देश रहा है. इस देश पर लगाम लगीने के लिए यूएई, सऊदी अरब, बहरीन और इजिप्ट ने एक नया फार्मूला तैयार किया है. इसके तहत सऊदी अरब और क़तर के बीच एक बड़ी नहर खोदकर इस देश को एक टापू में तब्दील करने की तैयारी की जा रही है.
- खबर पर एक नज़र
कभी बेटी-रोटी का आपस में रिश्ता रखने वाले अरब देशों के बीच आंतरिक कलह खुलकर सामने आ रही है. सऊदी के अन्य देशों ने बीते साल जून महीने में क़तर से अपने सभी राजनयिक सम्बन्ध समाप्त कर लिए थे. इस देश पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा था.
सऊदी अरब सहित अन्य खाड़ी देश क़तर पर ईरान का सहयोग का आरोप लगाते आए हैं. हालांकि क़तर ने सऊदी के इन सभी आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया था. गौरतलब है कि वैश्विक बाजार में ईरान इन देशों का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी रहा है. इसी मसले पर अरब देशों ने फैसला लिया है कि सऊदी और क़तर के बीच 60 किलोमीटर लंबी और 200 मीटर चौड़ी नहर खोदकर इसे जमीन से अलग कर दिया जाए.
खाड़ी देश यूएई के एक अधिकारी की मानें तो नहर के जरिए कतर को एक द्वीप या टापू जैसा बनाने की योजना लगभग पूरी कर ली गई है. ऐसा करने से उसका सऊदी अरब के साथ जमीनी संपर्क बिलकुल समाप्त हो जाएगा. गौरतलब है कि सऊदी अरब, यूएई और बहरीन का कतर के साथ पिछले साल जून महीने से ही विवाद चल रहा है.
सऊदी के शाही राजकुमार के सीनियर सलाहकार सऊद अल-काहतानी ने कहा कि वे सल्वा आइलैंड परियोजना के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, यह एक महान परियोजना है. इसके पूरा होते ही पूरा भूगोल बदल जाएगा और क़तर अरब से बिलकुल कटा हुआ क्षेत्र बन जाएगा.
सऊदी अरब के समाचार पत्र मक्का न्यूज़ के हवाले से एक खबर आई है. इस खबर में कहा गया है कि इसी महीने नहर खोदने के लिए निर्माण कम्पनियों से बोली आमंत्रित की गई है. जल्द ही कौन सी कम्पनी यह परियोजना पूरा करेगी उसका ऐलान कर दिया जाएगा.
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