राजधानी दिल्ली के शास्त्री नगर के रहने वाले अशोक भाटिया जी और उनकी पत्नी कृष्णा जी पिछले कई वर्षों से शरीर के दर्द और सर्वाइकल के दर्द से परेशान थे। शरीर में होने वाले दर्द ने उनकी ज़िन्दगी की गति धीमी कर दी थी। सर्वाइकल की वजह से उनको दिन – रात चक्कर और खराब मन के साथ उनको अपनी दिनचर्या बितानी पड़ रही थी। सर्वाइकल पेन जैसी शारीरिक समस्या काफी तकलीफ देह होती है, जिसे झेलने वाला उसके दर्द को बयान नहीं कर सकता है, यह समय उनको काटना काफी भारी हो गया था। यह समस्या हड्डियों से जुड़ी होती है जिसके होने पर कंधो में, गर्दन आदि में गंभीर दर्द होता है जिसे हम सर्वाइकल का दर्द कहते हैं। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। आज के दौर में अनियमित दिनचर्या के कारण लगभग हर तीसरे व्यक्ति को यह परेशानी होती है। घंटों बैठे रहना, झुक कर बैठना, और कई अन्य गलत आदतों की वजह से इस परेशानी का सामना बड़ी तादाद में लोगों को करना पड़ता है। उस दौरान उन्होंने कई डॉक्टरों से संपर्क किया लेकिन हर जगह से सिर्फ निराशा ही हाथ लगी लेकिन फिर उन्हें हकीम सुलेमान जी की जड़ी-बूटी के बारे में पता लगा जिसने उनको नया जीवन दे दिया। यह हम नहीं बल्कि खुद यह दंपत्ति बता रहें हैं।
कृष्णा भाटिया जी जो पेशे से गृहिणी हैं। वह काफी दयालु स्वभाव की महिला हैं। वह पिछले कई सालों से सर्वाइकल और जोड़ों के दर्द से जूझ रही थी। उन्होंने अपनी ओर से हर वो मुमकिन कोशिश करके देख ली थी जिससे उनको आराम मिल सके लेकिन उनके हाथ निराशा के बगैर और कुछ नहीं लगा। उन्होंने कई सालों तक अंग्रेजी दवाईयों का सेवन भी किया जो केवल उन्हें कुछ ही समय के लिए राहत देती थी और उनकी समस्या में कोई आराम नहीं मिल पाता था। शायद उनका ये समय काफी बुरा चल रहा था। लेकिन बुरे वक्त की सबसे अच्छी आदत होती है कि वह एक ना एक दिन गुजर ही जाता है। कृष्णा भाटिया जी के साथ भी कुछ ऐसा ही होने वाला था।
फिर एक दिन अचानक से उनकी मुलाकात टीवी प्रोग्राम के ज़रिये आयुर्वेद के मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब से हुई। आपको बता दें एक दिन वह रोजाना की तरह ही टीवी देख रहे थे तभी उनकी नजर अचानक से हकीम साहब के बेहद चर्चित शो सेहत और जिंदगी पर गई जिसमें मशहूर हकीम साहब लोगों को यूनानी जड़ी-बूटी के बारें में बता रहे थे। लोगों को मिलते आराम को देखते हुए अशोक भाटिया जी काफी प्रभावित हुए। उन्होंने देखा की हकीम साहब के घरेलू नुस्खों से कई लोगों को आराम मिल रहा है। इसके बाद बिना किसी देरी के उन्होंने सर्वाइकल के दर्द और घुटनों के दर्द में कारगर जड़ी-बूटी गोंद सियाह को ATIYA HERBS से मंगवा लिया। हकीम साहब के दिशा निर्देश के अनुसार ही अशोक जी और उनकी पत्नी ने हकीम साहब की यह जड़ी-बूटी अपनाई। अंग्रेजी दवाओं के दौर में यूनानी जड़ी-बूटी पर विश्वास करना आसान नहीं है लेकिन हकीम जी की जड़ी-बूटी और इस दंपत्ति के विश्वास ने उनको उनकी समस्याओं से राहत दिलाने में असरदार तरीके से मदद किया। अब उसी दर्द से उनको राहत मिल चुकी है। उन्होंने अब शुगर के लिए भी हकीम जी की यूनानी जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है जिसकी वजह से अब उनकी यह समस्या भी कंट्रोल में रहने लगी है। अब वह फिर से अपने आपको स्वस्थ और फुर्तीला महसूस कर पा रहे हैं। इसका सारा श्रेय वे हकीम जी को देते हैं।
अशोक भाटिया जी की पत्नी कृष्णा भाटिया जी को ये बिल्कुल भी आशा नहीं थी कि वह इतनी जल्दी हकीम जी की जड़ी-बूटी से स्वस्थ हो जाएंगी। पर आज उन्हीं की जड़ी-बूटी से उन्हें अपनी गंभीर समस्या में काफी आराम मिल पाया है। जिसकी वजह से वह बेहतर तरीके से अपनी जिंदगी बिता रहीं हैं।
उनकी दिनचर्या अब बेहतर तरीके से गुज़र रही है। उनका शरीर अब बेहतरीन तरीके से काम कर रहा है। अशोक जी और उनकी पत्नी हकीम जी की जड़ी-बूटियों से इतना प्रभावित हो चुके हैं कि अब वो अपने घर परिवार,दोस्तों,रिलेटिव्स को फिट रखने के लिए भी यूनानी जड़ी-बूटियों का ही सुझाव देते हैं। ये दंपत्ति अब हकीम जी के दिशा निर्देश अनुसार ही जड़ी-बूटी को अपना रहे हैं। उन्होंने भी अब समाज सेवा के रूप में आर्थिक रुप से कमजोर और जरूरतमंदो को दवाई और जड़ी-बूटी पहुँचाना शुरू कर दिया है।
अशोक जी और उनकी पत्नी हकीम साहब का बहुत बहुत आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि आज वह जो स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी बिता रहें हैं उसका सारा श्रेय वह हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं। वह चाहते हैं कि जिस तरह उन्होंने हकीम जी की जड़ी-बूटी को अपनाया उसी तरह और लोग भी उन जड़ी-बूटियों को अपनाकर स्वस्थ जिंदगी बिताये।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू (हिंदी)। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं। यह एक मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के ही गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रखता है।
आप भी असली गोंद सियाह मंगवाने के लिए इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
011 6120 5545
- Clinic – The Herbals – Atiya Healthcare
- Address – 21B/6, Basement Near Liberty Cinema, New Rohtak Road, Karol Bagh, New Delhi-5