घुटने का दर्द काफी कॉमन प्रॉब्लम है, जो किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि घुटने या जोड़ों का दर्द बुढ़ापे की बीमारी है और कम उम्र में इसका कोई असर नहीं होता। अगर आप ऐसा सोचते हैं, तो यह बात बिल्कुल गलत है। घुटने का दर्द सिर्फ अधिक उम्र के लोगों में ही नहीं, कम उम्र के लोगों में भी देखा जाता है। हां, यह हो सकता है कि कम उम्र के लोगों में कुछ लक्षण कम देखे जाएं। कम उम्र के लोगों को अलग-अलग कारणों से घुटने में दर्द होता है और इसका मतलब है कि उन्हें इस दर्द की ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए, ताकि आगे चलकर यह समस्या अधिक ना बढ़ जाए। घुटनों के दर्द की इस समस्या से ताहिरा बेग़म जी भी परेशान थीं। लेकिन उन्होंने समय रहते खुद को स्वस्थ कर लिया। जानिए कैसे?
हैदराबाद की रहने वाली ताहिरा बेग़म जी की उम्र 60 साल से ज्यादा हो गयी है। इस उम्र में समस्याओं का आना तो आम बात है। अक्सर लोग 50 साल की उम्र तक आने के बाद खुद को बूढ़ा होता हुआ समझ लेते हैं। इस उम्र में अगर कोई बीमारी उन्हें आ जाये तो वे उम्र का पड़ाव समझकर उसे स्वीकार कर लेते हैं। ना कि उसका कारगर उपचार करते हैं। लेकिन ताहिरा बेग़म जी ने ऐसा नहीं किया और खुद को स्वस्थ कर लिया। आज वे अपने परिवार के साथ बहुत ही खुशी के साथ रहती हैं। उनके परिवार में केवल पति ही रहते हैं। उनका एक बेटा भी है जो कि बाहर रहता है।
ताहिरा बेग़म जी पुराने ख्यालातों से जुड़ी हुई हैं। वे आज भी यूनानी नुस्खों और घरेलू उपचारों पर ज्यादा भरोसा करती हैं। उसके पीछे भी एक वजह है। दरअसल उनके पिता हकीम थे। वे लोगों की समस्या को ठीक करने के लिए यूनानी नुस्खे दिया करते थे। और ताहिरा बेग़म जी अपने घर की सबसे बड़ी थीं। इसलिए वे अपने पिता के साथ नुस्खे बनाने में मदद करती थीं। बस तभी से उन्हें एलोपैथिक उपचार और यूनानी उपचार में फर्क समझ में आ गया।
ताहिरा बेग़म जी और उनके पति दोनों को घुटने के दर्द की समस्या हो गयी थी। घुटने के दर्द की समस्या इतनी ज्यादा हो गयी की उन्हें काफी परेशानियां झेलनी पड़ी। धीरे-धीरे इस समस्या ने अपना विकराल रूप ले लिया। एक वक्त था जब घर में सब कुछ ठीक ही चल रहा था लेकिन घुटनों में दर्द की समस्या ने सब कुछ बेकार कर दिया। वे अपने दर्द से परेशान ही थीं कि एक दिन उनकी मुलाकात आयुर्वेद में विशेषज्ञ और मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब से हुई। दरअसल वे अपने घर पर ही टीवी देख रही थीं। तभी उनकी नज़र हकीम जी के बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी।
सेहत और जिंदगी देखने के बाद ताहिरा बेग़म जी हकीम जी से काफी प्रभावित हुईं। ताहिरा बेग़म जी बताती हैं कि हकीम जी को उन्होंने जब पहली बार देखा था तो उन्हें अपने पिता की याद आ गयी थी। उनके पिता भी हकीम जी की तरह ही लोगों की मदद करते थे। ताहिरा बेग़म जी ने सोचा कि क्यों ना एक बार हकीम जी के घरेलू नुस्खों को भी अपनाकर देख लिया जाये। हकीम जी से प्रभावित होकर ताहिरा बेग़म जी ने हकीम जी से संपर्क किया और अपनी समस्या उन्हें बता दी। हकीम जी ने उनकी समस्या के लिए S. CARE इस्तेमाल करने की सलाह दी। हकीम जी की यूनानी बूटी को ताहिरा बेग़म जी ने ATIYA HERBS से ऑर्डर किया और उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। एस. केयर के इस्तेमाल के कुछ समय बाद ही ताहिरा बेग़म जी और उनके पति दोनों को घुटनों के दर्द में काफी आराम हो गया। जब उन्हें आराम लगने लगा तो वे काफी खुश हुए।
आज ताहिरा बेग़म जी एक स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी बिता रही हैं। अब वे रोजाना हकीम सुलेमान खान साहब का शो सेहत और जिंदगी देखती हैं और हकीम जी के घरेलू नुस्खों को एक कॉपी में लिख लेती हैं। जब ताहिरा बेग़म जी और उनके पति को घुटनों के दर्द में आराम हो गया था तो उसके बाद उन्होंने कई लोगों को हकीम जी की यूनानी बूटियों को लेने की सलाह दी थी। उनके बेटे को भी पेट में कब्ज की समस्या थी। उसके लिए ताहिरा बेग़म जी ने हकीम जी का छः चीजों का घरेलू नुस्खा बनाकर दिया था। उनके बेटे को भी अपनी समस्या में काफी आराम है। ताहिरा बेग़म जी बताती हैं कि साल 2014 में उनके पिता का इंतकाल हो गया था और साल 2015 में वे हकीम जी से जुड़े हैं।
अब ताहिरा बेग़म जी और उनके पति हकीम जी के नुस्खों को लोगों तक पहुँचा रहे हैं। ताकि हकीम जी के नुस्खों को अपनाकर लोग स्वस्थ हो सकें। क्योंकि बड़े-बड़े अस्तपतालों में उपचार कराना हर किसी के बस का नहीं होता है। इसलिए हकीम जी बहुत कम खर्च में लोगों को यूनानी दवाएं देते हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
S CARE क्या है?
“अतिया हर्ब्स” की एस-केयर दवा अच्छी तरह से परीक्षण और शोधित है, जो गठिया या कटिस्नायुशूल जैसे मांसपेशियों और जोड़ों के रोगों के रोगियों को पूर्ण संतुष्टि देती है। इतना ही नहीं, अल्सर और मुंहासे जैसी अन्य बीमारियों पर भी यह दवा व्यापक प्रभाव डालती है। लेकिन, यह मुख्य रूप से मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में कारगर है। यह मांसपेशियों की अकड़न का उपचार करता है और दर्द से राहत देता है।