दोस्तों किसी भी दवा पर विश्वास करना बहुत मुश्किल हो जाता है जब तक हम खुद उसे try नहीं करते हैं, लेकिन हम किस किस चीज का इस्तेमाल खुद पर करेंगे, अगर हर चीज हम खुद से experience करते रहेंगे तो हमारा पूरा जीवन experience करने में ही निकल जाएगा, इसलिए हमें चाहिए की हम दूसरों के experience से भी सीखें। इस आर्टिकल में आज हम आपको दिल्ली के वकील साहब के जीवन की सच्ची कहानी बताने जा रहे हैं जिससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। वकील साहब 50 की उम्र में घुटनों के दर्द की समस्या होने की वजह से लंगड़ाकर चलने के लिए मजबूर हो गए थे। लेकिन उन्हें इस तकलीफ में आराम उस समय मिला जब सालों परेशान होने के बाद वे हकीम सुलेमान खान साहब जी से जुड़े। अब आलम ये है की वकील साहब 65 की उम्र में भी भागे भागे फिरते हैं, इतना ही नहीं इनके बच्चे तक इनसे ये कहने लगे हैं की पापा आप तो दिनों दिन जवान होते जा रहे हैं। आखिर क्या है इनकी सेहत का राज चलिए जानते हैं।
साथियों, जिन वकील साहब की हम बात कर रहे हैं उनका नाम है अशोक अग्रवाल । अशोक जी दिल्ली में रहते हैं, दिन भर भागदौड़ भरी जिंदगी की वजह से 50 की साल तक आते आते इनके घुटनों ने काम करना बंद कर दिया जिस कारण लंगड़ाकर चलने के लिए मजबूर हो गए। पूरे 15 साल तक इस समस्या से परेशान रहे, अब इनकी उम्र 65 साल हो गई है।
दरअसल आज से 15 साल पहले उम्र बढ़ने के साथ ही साथ इन्हें घुटनों में हल्का दर्द होना शुरू हो गया था। जिस पर इन्होंने ध्यान नही दिया। जब जब दर्द होता तो वे पेन किलर खा लेते थे। इनकी अपनी इसी लापरवाही से धीरे धीरे ये दर्द इतना बढ़ गया की वकील साहब का उठना बैठना, चलना फिरना भी मुश्किल हो गया। साथ ही साथ इनका काम धंधा भी बंद हो गया और ये बिस्तर पर आ गए । इनके बिस्तर पर पड़े रहने की वजह से इनका परिवार भी इनके लिए परेशान होने लगा । जब ये परेशानी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई तब शुरू हुआ इलाज का सिलसिला। इन्होनें कई डॉक्टर से अपना इलाज कराया लेकिन कहीं से भी उन्हें कोई आराम नहीं मिला। पूरे 15 साल तक ये सिलसिला जारी रहा। अग्रवाल जी ने अपना समय बेकार किया, पैसा भी बहुत लगाया, कोर्ट आना जाना तो बंद हो ही गया था ऊपर से काम को छोड़कर doctors के चक्कर लगाए वो अलग ।
सालों तक चक्कर काटने के बाद डॉक्टर से इन्हें यही सुनने को मिला की अब आपका ये जीवन ऐसे ही कटेगा अगर आपने घुटनों का ऑपरेशन नहीं कराया तो। ऑपरेशन का नाम सुनते ही मानो वकील साहब के पैरों तले से जमीन खिसक गई हो? क्योंकि ऑपरेशन से वकील साहब को उतना ही डर लगता था जितना की एक बिल्ली को कुत्ते से लगता है इसकी वजह ये थी की वकील साहब की बहन और बहनोई भी घुटनों के दर्द से इतने ज्यादा परेशान थे की उन्हें ऑपरेशन करवाकर घुटने बदलवाने पढ़ गए थे। इस ऑपरेशन की वजह से उन्हें कई दिनों तक बैशाखी का सहारा लेकर चलना पड़ा। ये सब देखकर वकील साहब काफी परेशान हो गए थे और उनके दिमाग में यही सवाल घूमते रहते थे की क्या मुझे भी घुटने बदलवाने पड़ेंगे? क्या मुझे भी बैशाखी पर चलना पड़ेगा?
लेकिन वो कहते हैं न की वक्त कितना भी बुरा क्यों न हो गुजर ही जाता है, कुछ ऐसा ही हुआ अशोक जी के साथ इनके मन में आशा की किरण उस समय जागी जब इन्होंने साधना टीवी पर हकीम सुलेमान खान साहब का प्रोग्राम देखा। इस प्रोग्राम से इन्हें पता चला की हजारों लोग हकीम साहब के साथ जुड़कर कई तरह के दर्द में राहत पा चुके हैं। कई सालों से घुटनों के दर्द से परेशान अशोक जी ने बुझे हुए दिल से सोचा की क्यों न एक बार हकीम साहब पर विश्वास कर लिया जाए।
बेहतर होने की उम्मीद के साथ बिना देरी किए अशोक जी ने हकीम सुलेमान खान साहब की डॉक्टरों की टीम से संपर्क किया तो हकीम साहब की टीम ने इन्हें घुटनों के दर्द में कारगर जड़ी बूटी गोंद सियाह, जिसे काला गोंद के नाम से भी जाना जाता है, खाने की सलाह दी । अशोक जी ने बिना देर किए गोंद सियाह को ATIYA HERBS से मँगवाया और खाना शुरू कर दिया। इस यूनानी जड़ी बूटी को खाने का नतीजा ये हुआ की कुछ दिनों में ही इनके घुटनों के दर्द में आराम दिखना शुरू हो गया और आज आलम ये है की वकील साहब को घुटनों के दर्द में काफी हद तक आराम मिल चुका है। जब इनकी बीवी को भी ये समस्या शुरू हुई तो अशोक जी ने उन्हें भी गोंद सियाह लाकर दी जिससे इनकी बीवी को भी राहत मिल गई है। और अब वो बहुत खुश हैं।
अब वकील साहब की जिंदगी फिर से पहले की तरह हो गई है। रोज कोर्ट के अंदर 4 से 10 चक्कर जरूर लगाते हैं। इस बीच जब दोस्त इनसे मिलते हैं तो वो कहते हैं की वकील साहब आजकल कौन सी दवाई खा रहे हो जो भागे भागे जा रहे हो। अशोक जी का एक ही जवाब होता है की ये सब हकीम सुलेमान खान साहब की गोंद सियाह का कमाल है।
अब वकील साहब रोज अपनी बीवी के साथ हकीम साहब का शो सेहत और जिंदगी देखते हैं जहां से उन्हें नए नए नुस्खों के बारे में पता चलता है। इस शो को देखकर इन्होंने अपनी बीवी के साथ मिलकर 4 तरह के नुस्खे तैयार किए हैं, जिनको डेली पीते हैं। इन नुस्खों का रिजल्ट ये है की इनके बच्चे भी अब इनसे कहते हैं की पापा आप तो दिन प्रतिदिन जवान होते जा रहे हैं, इतना ही नहीं अब इनकी पूरी दिनचर्या बदल गई है। एक समय था जब 10 बजे सोकर उठते थे और खाना खाने के बाद फिर से सो जाया करते थे। लेकिन अब सुबह 6 बजे उठते हैं और रात को 12 बजे तक सोते हैं। ये सब यूनानी जड़ी बूटी गोंद सियाह का कमाल है । हकीम सुलेमान खान साहब का धन्यवाद करते हुए वकील साहब कहते हैं की हकीम साहब मुझे भगवान की तरह मिले हैं। मैं चाहता हूँ की एक बार हकीम साहब के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लूँ।
अगर आप भी इस तरह की किसी तरह की समस्या से परेशान हैं तो हमारी वेबसाईट Atiya herbs से original गोंद सियाह मगायें और घुटनों के दर्द या जोड़ों के दर्द में आराम पाएं ।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। इस पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, यह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है, यह बहुत ही पौष्टिक होता है इसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रखता है।
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