हैदराबाद के किशनबाग के मुखीम जी जिनकी उम्र मात्र 30 साल है। हमेंशा खुशमिजाज और सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति हैं। अपने जीवन को अपने तरीके से जीना उनकी आदत है। चाहे कुछ भी हो यदि उन्होंने कुछ सोचा है तो वह उसे जरूर पूरा करेंगे। क्योंकि उनका मानना है कि जिंदगी का पता नहीं कब खत्म हो जाये। इसलिए मौत का इंतजार करने से पहले जिंदगी को जी भर के जी लिया जाये। हालांकि इतनी उम्र में ही वे लोगों के काफी प्रिय बन चुके हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को कुछ भी सलाह चाहिए होती है तो वह सीधा मुखीम जी के पास चला आता है।
30 साल के मुखीम अभी पढ़ाई कर रहे हैं। उनका छोटा सा परिवार है। जिसमें उनके साथ उनकी माता और पिता रहते हैं। माता पिता के साथ मुखीम जी काफी खुश रहते हैं। साथ वे अपने काम से काम रखते हैं। लेकिन उनका एक शौक है और वह शौक है खाने और पीने का। कोई भी नयी चीज हो सबसे पहले खाने के लिए उत्सुक रहते हैं। हालांकि बाजार के फास्ट फूड की बात करें तो वह उनके लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा है। फास्ट फूट का नाम आते ही भला वे कहां पीछे रहने वाले हैं। पर उन्हें क्या पता था कि उनका यह शौक उन्हें परेशानी में डाल सकता है। भला वो कहां जानते थे कि उनका यह खाने पीने का शौक ही उनका सबसे बड़ा दुश्मन बन सकता है।
हुआ यूं कि ज्यादा बाजारू खाना खाने से उनके पेट की पाचन क्रिया पर असर पड़ने लगा। जिससे वे कुछ भी खाते तभी पेट खराब होने की समस्या होने लगती। इसी समस्या को लेकर वे काफी परेशान भी रहने लगे। मन में बस यही सवाल था कि अभी तो उम्र भी कुछ नहीं हुई और पेट की समस्या अभी से होने लगी। अब मुखीम जी का डॉक्टर्स के यहाँ आना जाना होने लगा। साथ ही डॉक्टर ने भी सही उपचार के लिए परहेज के नाम पर उनके फास्ट फूड पर रोक लगा दी। अब जो व्यक्ति खाने को ज्यादा पसंद करता हो और किसी बीमारी को लेकर उसके पसंदीदा खाने को बंद कर दिया जाये तो जाहिर सी बात है कि वह परेशान तो होगा ही। मुखीम जी का मानना था कि यदि स्वस्थ रहना है तो खाने पर तो कंट्रोल करना पड़ेगा। ऐसा नहीं किया तो स्वास्थ्य पूरी तरह से खराब हो जायेगा। ऐसे दौर में एक दिन यूट्यूब के माध्यम से उन्होंने हकीम सुलेमान खान साहब के नुस्खों को देखा।
हकीम साहब से जुड़ने के बाद मुखीम जी ने हकीम साहब के घरेलू नुस्खे अपनाना शुरू कर दिया। नुस्खों के अपनाने से आराम भी होने लगा। फिर एक दिन मुखीम जी ने हकीम साहब के शो सेहत और जिंदगी में अपनी बीमारी को लेकर नमक ज़ैतून का नाम सुना। मुखीम जी ने सोचा क्यों ना एक बार इन यूनानी बूटियों का भी इस्तेमाल कर लिया जाये। उन्होंने ATIYA HERBS से जैतून के नमक को मंगा लिया। हकीम साहब के बताए गए अनुसार उसका सेवन भी करना शुरू कर दिया। सेवन करने के मात्र कुछ ही दिनों में मुखीम जी को काफी आराम लगा। उन्होंने फिर से फास्ट फूड खाना शुरू कर दिया और पेट की समस्या भी 80 फीसदी तक ठीक हो चुकी थी।
हकीम साहब के नुस्खों के द्वारा मुखीम जी आज काफी स्वस्थ हैं। साथ ही खुश भी हैं कि वह अब पहले की तरह ही कुछ भी खा पी सकेंगे। अपनी बीमारी के ठीक होने के बाद मुखीम जी ने अपने कई दोस्तों और रिश्तेदारों की भी मदद की है। बता दें कि मुखीम जी अब तक 4 से 5 लोगों की मदद कर चुके हैं। जो लोग हकीम साहब के नुस्खों के द्वारा स्वस्थ हुए हैं वह मुखीम जी और हकीम साहब का तहे दिल से धन्यवाद करते हैं। मुखीम जी का कहना है कि आज यदि वे अपने पेट की समस्या से ठीक हैं तो वह केवल हकीम सुलेमान खान की मेहरबानी से।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
नमक जैतून क्या है ?
नमक जैतून एक प्राकृतिक उत्पाद है जो पेट से संबंधित समस्याओं जैसे अपच, गैस्ट्रिक संबंधी समस्याओं, लिवर से संबंधित समस्याओं और पाइल्स की समस्या आदि में उपयोग किया जाता है। यह जैतून को प्राप्त कर उसके रसायन द्वारा तैयार किया गया नमक है। यह आयुर्वेदिक है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसका उपयोग करने से शरीर की अन्य कई बीमारियों को भी राहत मिलती है। साथ ही यह हमारे शरीर के लिए आवश्यक भी है। पेट के साथ अन्य बीमारियों से बचने के लिए नमक जैतून का सेवन करना बहुत जरूरी है।