घुटनों का दर्द एक सामान्य समस्या है जो कि सभी उम्र के लोगों को समान रूप से प्रभावित कर सकती है पर यह देखा गया है कि ये समस्या उम्र के साथ बढ़ती चली जाती है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि चोट, गठिया जैसी विभिन्न तरह की चिकित्सा स्थिति और साथ ही अधिक वजन होना इस समस्या को और भी अधिक ट्रिगर कर सकता हैं। घुटनों के दर्द होने पर व्यक्ति को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वे चाह कर भी खुद को असहज महसूस करने लगते हैं। जिस प्रकार बेंगलुरु के शफ़ीकउल्लाह साहब जी करते हैं। इनकी कहानी भी कुछ ऐसी ही है। चलिए जानते हैं उनके जीवन के बारे में।
शफ़ीकउल्लाह साहब जी की उम्र 53 साल की है और वे बेंगलुरु के रहने वाले हैं। पेशे से शफ़ीकउल्लाह साहब जी इलेक्ट्रॉनिक में एक छोटे से व्यापारी हैं। इसी से उनके घर का गुजर बसर होता है। उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी और चार बच्चें हैं। वे अपने परिवार के साथ काफी खुशहाल जिंदगी बिताते हैं।
शफ़ीकउल्लाह साहब जी को करीब सात साल पहले घुटनों में दर्द की समस्या हुई थी। वैसे तो वे अपने व्यापार में इतना मग्न रहते हैं कि खाना खाने तक की फुर्सत नहीं मिलती है। लेकिन घुटनों के दर्द ने उनको कुछ रोक सा दिया। घुटनों के दर्द के कारण आने-जाने में ज्यादा तकलीफ होने लगी। यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी। परिवार के लोगों ने उन्हें इलाज कराने के लिए जोर दिया। लेकिन उनके पास फुर्सत कहां थी कि वे अपना इलाज करा लें। जब घुटनों में ज्यादा दर्द होता तो पेन किलर लेकर अपना काम चला लेते थे। कभी-कभी हमारी लापरवाही ही हमारे शरीर के लिए काफी दुखदायक हो जाती है। जिस प्रकार शफ़ीकउल्लाह साहब जी को हुई है। ज्यादा तबियत खराब होने पर उन्होंने देखा कि अब तो घुटनों के दर्द का इलाज कराना ही होगा। लेकिन एलौपेथिक इलाज से कोई फायदा तो हो नहीं रहा था। तो अब समस्या थी कि घुटनों के दर्द को आखिर दूर कैसे किया जाये।
वे अक्सर मस्जिद जाया करते थे। मस्जिद में ही उनके दोस्त ने उन्हें हकीम सुलेमान खान साहब का नाम सुझाया और बताया कि अपनी समस्याओं के लिए एक बार हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाकर देखिए। उनके घरेलू नुस्खों से बहुत से लोगों को फायदा हुआ है तुम्हें भी होगा। शफ़ीकउल्लाह साहब जी ने दोस्त के कहे अनुसार हकीम जी से संपर्क किया और उन्हें अपने घुटनों के दर्द के बारे में सारी कहानी बता दी। हकीम जी ने उनकी समस्या के लिए S. CARE इस्तेमाल करने की सलाह दी। बस फिर क्या था शफ़ीकउल्लाह साहब जी ने ATIYA HERBS से दवाई मंगाई और उसका इस्तेमाल शुरू कर दिया। शुरूआत में तो शफ़ीकउल्लाह साहब जी ने हकीम जी के निर्देश के अनुसार दवाइयों का इस्तेमाल जारी रखा। लेकिन जब कुछ ही समय में उन्हें 40 से 45 प्रतिशत आराम हो गया तो उन्होंने ढील देनी शुरू कर दी। वे फिर से अपने काम काज में लग गये। दवाई कभी लेते तो कभी छूट जाती। लेकिन उनकी पत्नी को भी यही समस्या थी। उनकी पत्नी ने भी हकीम जी की यूनानी औषधियों का इस्तेमाल शुरू किया। उन्होंने लगातार इस्तेमाल किया जिसका परिणाम हुआ कि आज वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
शफ़ीकउल्लाह साहब जी ने एक खास बातचीत में बताया कि उनसे बहुत बड़ी भूल हुई है। उन्हें हकीम जी की दवाओं को लगातार इस्तेमाल करना चाहिए था। लेकिन अब वे ड्राइ फ्रूट्स के जरिए खुद की सेहत का ख्याल रख रहे हैं। लेकिन हकीम जी को वो लगातार उनके बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर देखते हैं। शफ़ीकउल्लाह साहब जी को गर्दन में दर्द की भी समस्या थी। उसके लिए उन्होंने हकीम जी की एक्सरसाइज अपनाई जिसका फायदा उन्हें कुछ ही समय में हो गया। वे हकीम साहब के फैन हो गये हैं। उनका कहना है कि हकीम जी बहुत बड़े वैद्य हैं। वे काफी बीमारियों और उनके इलाज के बारे में भली भांति जानते हैं। हम हकीम साहब को फॉलो करते हैं। हकीम साहब जब टीवी पर बात करते हैं तो उन्हें देखकर बहुत अच्छा लगता है।
S. CARE क्या है?
एस-केयर दवा अच्छी तरह से परीक्षण और शोधित है, जो गठिया या कटिस्नायुशूल जैसे मांसपेशियों और जोड़ों के रोगों के रोगियों को पूर्ण संतुष्टि देती है। इतना ही नहीं अल्सर और मुंहासे जैसी अन्य बीमारियों पर भी यह दवा व्यापक प्रभाव डालती है। लेकिन, यह मुख्य रूप से मांसपेशियों और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में कारगर है। यह मांसपेशियों की अकड़न का इलाज करता है और दर्द से राहत देता है।