पैरों में दर्द होने की समस्या वैसे तो बेहद आम है। यह समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। लेकिन यदि पैरों में दर्द लगातार बना रहता है या फिर बार-बार होता है तो इस पर सोचने की जरूरत है। यह कोई गंभीर समस्या भी हो सकती है। इस पर खासा ध्यान देने की जरूरत है। कभी-कभी ऐसा भी देखा गया है कि पैरों में झनझनाहट होने को लोग यूं ही टाल देते हैं लेकिन बाद में यह समस्या गंभीर रूप ले लेती है। जिसके बाद काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही मिलती जुलती कहानी है शाहबाज आलम जी की।
शाहबाज आलम जी बेंगलुरु में रहते हैं और उनकी उम्र 31 साल है। शाहबाज जी अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके परिवार में उनकी पत्नी और चार बच्चे हैं। शाहबाज़ जी अपने पैरों की समस्या को लेकर काफी परेशान रहते थे। पेशे से वे इमाम हैं और इसी से वे अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। पैरों में लगातार झनझनाहट से वो काफी परेशान रहते थे। उठने-बैठने से लेकर घूमने फिरने तक उनका मुश्किल हो गया था। वे अपनी समस्या को लेकर काफी परेशान रहने लगे। उन्हें अपनी समस्या के लिए कोई कारगर इलाज नहीं मिल पा रहा था। उन्होंने अपने पैरों को ठीक करने के लिए हर तरह का इलाज करा लिया। लेकिन किसी भी इलाज से कोई फर्क महसूस नहीं हुआ। सभी प्रकार के इलाज कराने के बाद वे थक चुके थे और अपने पैरों को ठीक होने के सपने देखने बंद कर दिये।
कहते हैं ऊपर वाले के घर देर है पर अंधेर नहीं। शाहबाज़ जी का बुरा समय भी अब जाने वाला था। उनके जीवन में खुशियों का अंबार लगने वाला था। कुछ समय बाद ही उनकी जिंदगी में एक ऐसा शख्स आया जिसने उनके सारे दुखों को ठीक कर दिया। उनका नाम था माननीय हकीम सुलेमान खान साहब।
शाहबाज़ जी की मुलाकात हकीम जी से मुनव्वर साहब के माध्यम से हुई। जिसके बाद उन्होंने हकीम जी का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी देखा। सेहत और जिंदगी देखने के बाद उनके मन में भी हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाने की ललक उठी। उन्हें भी अपने पैरों की हालत ठीक होती दिखाई दे रही थी। सभी तरह के इलाज कराने के बाद शाहबाज़ जी ने मन बना ही लिया और सीधा हकीम जी से संपर्क किया। हकीम जी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी समस्या ठीक हो सकती है। उन्होंने हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाना शुरू कर दिया।
हकीम जी ने उनकी समस्या को देखते हुए दर्द में सबसे कारगर औषधि गोंद सियाह को इस्तेमाल करने की सलाह दी। पहले तो वे सोच में पड़ गये कि असली गोंद सियाह कहां से मंगाया जाये। जिसके बाद शाहबाज़ जी ने ATIYA HERBS से गोंद सियाह ऑर्डर किया और हकीम जी द्वारा बताये हुए निर्देशों द्वारा उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। शाहबाज़ जी गोंद सियाह के इस्तेमाल करने के साथ ही काफी खुश भी थे। जिस प्रकार लोगों को फायदा हुआ है उसी प्रकार मुझे भी होगा। आखिर में हुआ भी कुछ ऐसा ही। गोंद सियाह के इस्तेमाल के कुछ समय बाद ही उन्हें अपने पैरों की समस्या में फर्क दिखाई देने लगा। गोंद सियाह ने उनके पैरों में 40 प्रतिशत तक आराम दे दिया था। जहां एक तरफ उन्हें चलने में भी समस्या होती थी वहीं अब वे दौड़ भी लेते है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होती है ।
शाहबाज़ जी ने हकीम जी के इस यूनानी गोंद को अपनाकर अपने पैरों की समस्या को अलविदा कह दिया। धीरे-धीरे उनकी यह समस्या खत्म होती जा रही थी। हकीम जी के यूनानी नुस्खों को अपनाकर वे खुद तो स्वस्थ हुए ही साथ ही वे अपने रिश्तेदारों को भी हकीम जी के नुस्खों को अपनाने की सलाह देते हैं। शाहबाज़ जी आज हकीम जी के यूनानी नुस्खों को लोगों तक पहुँचा रहे हैं। उनका मानना है कि हकीम जी के यूनानी इलाज में वो ताकत है जो बड़े से बड़ा डॉक्टर भी नहीं कर सकता।
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्या है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के औषधीय गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।