मिलिए लखनऊ के रहने वाले मुनव्वर हुसैन साहब से। जिनकी उम्र 54 साल है और आज वे स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी बिता रहे हैं। इस उम्र में उन्होंने स्वस्थ होने के लिए काफी कुछ किया है। वरना इस उम्र में आकर तो लोग एक दूसरे का सहारा बन जाते हैं। उस उम्र में हुसैन साहब सेहतमंद तरीके से अपना जीवन बिता रहे हैं। हुसैन साहब रियल स्टेट का बिजनेस करते हैं। आइये जानते हैं उनकी पूरी आत्मकथा के बारे में।
कमर से पैर तक होने वाले इस दर्द को साइटिका कहते हैं। ये परेशानी अक्सर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में देखी जाती थी लेकिन खराब लाइफस्टाइल की वजह से आज कल ये परेशानी कम उम्र के युवाओं को भी परेशान कर रही है।
हुसैन साहब को भी यही कमर से लेकर पैरों तक में दर्द की समस्या हो गयी। इस समस्या के कारण उनका चलना फिरना तक दुर्लभ हो गया। वे दस कदम से ज्यादा चल ही नहीं पाते थे। कभी कभी तो दर्द इतना तेज हो जाता था कि उन्हें पेन किलर लेकर आराम करना पड़ता था। अपनी समस्या से परेशान हुसैन साहब अपने लिए आराम चाहते थे। लेकिन कई तरह के उपाय करने के बाद भी उन्हें आराम नहीं मिला। साल 2002 में उन्हें डिस्क की समस्या हो गयी थी। उस वजह से ही अक्सर उनकी कमर में दर्द रहता था। उनका आना जाना तक बंद हो गया। हुसैन साहब अपने लिए कोई कारगर उपाय चाहते थे लेकिन ऐसा उपाय शायद उनकी जानकारी में नहीं था। हुसैन साहब की मुलाकात माननीय हकीम सुलेमान खान साहब से हुई। दरअसल साल 2014 में वे हकीम जी से जुड़े। वे हकीम जी से टीवी के माध्यम से जुड़े थे। टीवी पर हकीम जी का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी चलता है। बस वहीं से हुसैन साहब हकीम जी से जुड़ गये। लेकिन उन्हें तब तक हकीम जी पर भरोसा नहीं था कि वे शायद उनकी समस्या को ठीक भी कर सकते हैं या फिर नहीं। हकीम साहब के घरेलू नुस्खे को उनकी पत्नी अपनाना चाहती थी।
लेकिन हुसैन साहब की वजह से नहीं अपना रही थीं। उनकी पत्नी लगातार उन पर जोर दे रही थी कि वे हकीम जी के नुस्खे अपनायें। आखिरकार वो दिन आ ही गया जब हुसैन साहब ने हकीम जी को कॉल किया और अपनी समस्या के बारे में उन्हें बताया। हकीम जी ने उनकी समस्या के लिए S CARE और दर्द के लिए सबसे कारगर बूटी गोंद सियाह को इस्तेमाल करने की सलाह दी। हुसैन साहब ने ATIYA HERBS से गोंद सियाह ऑर्डर किया। और हकीम जी के द्वारा बताए हुए निर्देश के अनुसार गोंद सियाह का सेवन करना शुरू कर दिया। गोंद सियाह ने बहुत कम समय में ही अपना काम दिखाना शुरू कर दिया। हुसैन साहब को उनकी समस्या में आराम लगना शुरू हो गया। हुसैन साहब को यकीन नहीं हुआ कि हकीम जी का यह गोंद इतना कारगर हो सकता है। लेकिन फिर भी वे लगातार इस बूटी का सेवन करते रहे। हुसैन साहब को जो खुशी उस वक्त मिल रही थी वह देखने लायक थी। क्योंकि वे अपनी इस समस्या से पिछले कई सालों से जूझ रहे थे।
हुसैन साहब फिर से अपने काम में लग गये क्योंकि अब उनका सारा ध्यान केवल उनके काम पर ही रहता था। हुसैन साहब को हकीम जी के इस गोंद से करीब 80 प्रतिशत आराम हुआ था। खुद आराम लेकर वे अब लोगों की मदद कर रहे हैं। साथ ही उनकी पत्नी भी अपनी समस्या के लिए हकीम जी का जैतून का सिरका अपना रही हैं। हुसैन साहब बताते हैं कि एलोपैथिक दवाओं का सेवन करने से कोई फायदा नहीं हैं। एलोपैथिक दवाओं से साइड इफेक्ट होने के ज्यादा चांस होते हैं। जितना हो सकते अपने लिए यूनानी बूटी का इस्तेमाल करें। क्योंकि यूनानी बूटी का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और यह समस्या का जड़ से हल करता है। हुसैन साहब को हकीम जी के बात करने का तरीका और घरेलू नस्खे बताने का तरीका बहुत अच्छा लगता है। वे भी उसी अंदाज में लोगों को नुस्खे बता रहे हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। इसके कालस्कंध (संस्कृत) ग्राम, तेंदू है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। यह एक मध्यप्राण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। यह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हम से दूर रखता है।
आप भी असली गोंद सियाह मंगवाने के लिए इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
011 0000 0000
- Clinic – The Herbals – Atiya Healthcare
- Address – 21B/6, Basement Near Liberty Cinema, New Rohtak Road, Karol Bagh, New Delhi-5