किडनी स्टोन का दर्द न केवल असहनीय होता है बल्कि ये व्यक्ति का हाल बेहाल कर देता है। किडनी स्टोन बनने के कई कारण हो सकते हैं। इसका दर्द पेट या पीठ में कहीं भी हो सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार, कम पानी पीने की समस्या इसके बनने का सबसे अहम कारण होता है। इसके अलावा, गलत खानपान भी किडनी स्टोन बनने का कारण हो सकता है। ऐसे में खानपान में कुछ सुधार करके किडनी स्टोन के बनने की क्षमता को कम किया जा सकता है। किडनी की समस्या के कारण भी पेट में कई समस्याएं हो जाती है। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के जीवन का किस्सा बताने वाले हैं जिन्होंने यूनानी दवाओं से खुद को स्वस्थ कर लिया।
बेंगलुरु के रहने वाले हिमायत साहब बहुत ही सरल और दयालु प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। उन्हें ज्यादा किसी से मतलब नहीं रहता वो बस अपने काम से मतलब रखते है। उनकी उम्र 37 साल की है और वे कम्प्यूटर डिजाइनर हैं। वो अपने काम से बहुत प्यार करते हैं। इसलिए काम के लिए हमेशा सतर्क रहते हैं। हिमायत साहब का बहुत ही छोटा सा परिवार है। उनके परिवार के नाम पर बस उनकी पत्नी ही है। अपनी पत्नी के साथ हिमायत साहब बहुत ही खुशी के साथ रहते हैं।
सब कुछ ठीक चल ही रहा था कि हिमायत साहब को पेट में कुछ समस्या हुई। पेट में गैस बनना शुरू हो गया। जांच के बाद पता चला कि उन्हें किडनी में स्टोन है। हिमायत साहब काफी घबरा गये। अब उनका काम से ज्यादा ध्यान अपने पेट पर जाने लगा। पेट की समस्या इतनी होने लगी कि कभी-कभी उन्हें काम छोडकर भी जाना पड़ता था। हमारे शरीर का सारा सिस्टम हमारे पेट से ही जुड़ा होता है। यदि हमारा पेट ही स्वस्थ नहीं रहेगा तो हम किस प्रकार स्वस्थ होंगे। बस हिमायत साहब जी भी इसी उलझन में उलझे रहते थे। उन्होंने कई डॉक्टरों से अपना इलाज कराना शुरू किया। लेकिन उन्हें ऐसा कोई कारगर इलाज नहीं मिल पाया कि वे अपनी समस्या को जड़ से खत्म कर सकें। किसी डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए कहा तो किसी ने लंबे इलाज करने की सलाह दी। हिमायत साहब जी किसी भी इलाज के लिए तैयार नहीं थे। हिमायत साहब के पिता जी शुरू से ही यूनानी इलाज पसंद करते हैं। पिता जी के कहने पर उन्होंने भी यूनानी इलाज की तरफ रूख किया। अब समस्या ये थी कि सही इलाज कहां से कराएँ। उनके लिए सबसे अच्छा और बेहतर केवल एक ही शख्सियत थे और उनका नाम था हकीम सुलेमान खान साहब।
एक दिन हिमायत साहब जी घर पर ही बैठे हुए थे। घर पर टीवी देखते हुए उनकी नजर हकीम जी के बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी। सेहत और जिंदगी का पूरा शो उन्होंने बहुत ही ध्यान के साथ देखा। इस शो में हकीम जी घरेलू नुस्खों से लोगों का इलाज कर रहे थे। हिमायत साहब जी को भी लगा कि क्यों ना वो भी हकीम जी से ही इलाज करायें। उन्होंने दिए हुए नंबर पर कॉल किया और हकीम जी से संपर्क किया। हकीम जी से बात होने पर उन्होंने अपनी सारी समस्या बता दी। हकीम जी ने उन्हें दवा के साथ-साथ क्लीनिक का पता भी दिया। उनकी समस्या को देखते हुए उन्हें P.CARE लेने की सलाह दी गयी। हिमायत साहब जी पहले से ही परेशान थे। उन्होंने बिना देरी किये ATIYA HERBS से दवा ऑर्डर कर दी। P. CARE आने के बाद हिमायत साहब जी ने जिस प्रकार हकीम जी ने बताया था उसी प्रकार अपनाना शुरू कर दिया। उन्होंने देखा कि कम समय में ही उन्हें पेट में राहत दिखाई देने लगी। हिमायत साहब जी को हकीम जी पर यकीन तो था ही अपने पेट की समस्या में आराम मिलने के बाद पूरा भरोसा हो गया। हिमायत साहब जी ने लगातार तीन महीने तक P.CARE का इस्तेमाल किया। जिसका परिणाम यह निकला कि उनके पेट की समस्या ठीक हो गयी। हकीम जी की यूनानी औषधि ने उनके पेट की समस्या को अलविदा कह दिया। हिमायत साहब जी अपनी समस्या से राहत पाने के बाद पहले की तरह ही खुशी के साथ अपने काम पर ध्यान देने लगे। उनका मानना है कि एलोपैथिक इलाज से कहीं बेहतर है यूनानी इलाज। यूनानी इलाज समस्या को जड़ से खत्म करता है। इसमें व्यक्ति को धैर्य रखने की जरूरत है। यदि व्यक्ति धैर्य के साथ इलाज करेगा तो निश्चित रूप से ही उसकी समस्या जड़ से खत्म हो जायेगी। आज हिमायत साहब जी यूनानी इलाज को अपनाकर काफी खुश हैं। हिमायत साहब जी की मुलाकात एक बार बेंगलुरु में पहले हो चुकी थी। बेंगलुरु में एक कैंप के दौरान उनकी मुलाकात हकीम जी से हुई थी। लेकिन वे पूरी तरह से सेहत और जिंदगी के शो के माध्यम से जुड़े थे। हिमायत साहब जी हकीम जी की लंबी उम्र की दुआएं मांगते हैं और कामना करते हैं कि लोगों को जब भी कोई समस्या हो तो सबसे पहले हकीम जी के घरेलू नुस्खे अपनाएँ। ये नुस्खे आपको स्वस्थ और सेहतमंद बनाने में मदद करते हैं।
P. CARE क्या है?
अतिया हर्ब का पी-केयर विभिन्न जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण है जो पेट को आराम पहुंचाता है और भारी भोजन के बाद कई लोगों को होने वाली एसिडिटी से बचाता है। एक हर्बल संयोजन जो न केवल पाचन को बढ़ावा देता है बल्कि हमारी त्वचा को भी स्वस्थ बनाता है। यह पाचन/आंत संबंधी समस्याओं, लिवर संबंधी समस्याओं, एसिडिटी, कब्ज बवासीर, किडनी और पित्त पथरी के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, यह लीवर की रक्षा करने में कुशल है और पित्त स्राव को बढ़ावा देता है। यह सोरायसिस जैसे त्वचा रोगों के इलाज में कारगर है और रक्त को भी शुद्ध करता है।