73 साल के एच.एम.आनंद जी दिल्ली के रहने वाले हैं। वह अपनी पत्नी के साथ खुशहाल ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं। लेकिन जीवन में परेशानियों का आना जाना तो लगा ही रहता है। यदि व्यक्ति 50 की उम्र पार कर ले तो उसे कोई ना कोई बीमारी आकर घेर ही लेती है और सही ढंग से फिर उसका इलाज भी नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति आने से पहले ही व्यक्ति को खुद की सेहत का पूरी तरह से ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है। अन्यथा शरीर को बढ़ती उम्र के साथ इसका खामयाजा भुगतना पड़ता है।चलिए आज हम आपको एच.एम.आनंद जी और उनके परिवार के बारे में बताते हैं जिन्होंने अपनी कई समस्याओं के लिए हकीम जी के नुस्खों को अपनाया जिसके बाद वे खुद तो स्वस्थ हुए ही साथ ही परिवार को भी स्वस्थ किया।
एच.एम.आनंद जी दिल्ली के रहने वाले हैं। वह स्टेट बैंक से रिटायर्ड हो चुके हैं। हमेशा से ही वह दयालु और मददगार व्यक्ति रहे हैं। लोगों को समस्याओं में देखकर वह उनकी सहायता किये बिना नहीं रह पाते। यह तो उनकी बातचीत करने के ढंग से ही पता चलता है। उनका बहुत ही छोटा सा परिवार है। उनके परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं। फिलहाल वह दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ रहते हैं और उनके बच्चे बाहर रहते हैं। अब बात करते हैं उनकी परेशानियों की जिसकी वजह से वह काफी परेशान थे।
दरअसल उन्हें यूरिन इंफेक्शन की समस्या थी। जिसकी वजह से उन्हें बार- बार वॉशरुम जाना पड़ता था। अगर हम ज्यादा देर तक अपनी यूरिन को रोक लेते हैं तो इसका सीधा असर हमारी किडनी पर भी पड़ता है। एच.एम आनंद जी भी अपनी इस समस्या से काफी परेशान थे क्योंकि उन्हें कमर दर्द, यूरिन, और नींद न आने की समस्या थी। कमर दर्द,नींद ना आने और यूरिन बार बार आने की समस्या ने उनके जीवन की गति को धीमा कर दिया था। जिसकी वजह से उनकी दिनचर्या सामान्य तरीके से नहीं चल रही थी। यूरिन की समस्या से आपके शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। वह कई सारी परेशानियों से जूझ रहे थे। कमर दर्द की वजह से उनका चलना फिरना भी काफी मुश्किल हो गया था।उन्हें लगने लगा था कि अब वह कभी ठीक नहीं हो पायेंगे। शुरू में उन्होंने कई सारे डॉक्टरों से इलाज भी कराया। पर आराम बिल्कुल नजर नहीं आया। उनका खुद का बेटा एलोपैथिक डॉक्टर है जिसके कारण उनको एलोपैथिक ट्रीटमेंट का सहारा लेना पड़ा। एलोपैथिक इलाज के बाद भी उनकी समस्याएं पूरी तरीके से ठीक नहीं हो पाई। चारों तरफ से निराश एच.एम.आनंद जी को अपने स्वस्थ होने का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा था।उन्होंने आशा ही छोड़ दी थी की उनका कमर दर्द कभी ठीक भी हो पाएगा। धीरे-धीरे समय बितता गया और उनकी समस्या का कोई कारगर इलाज नहीं मिल पा रहा था।
फिर एक दिन एक महान व्यक्ति ने उनकी जिंदगी ही बदल दी। और वो व्यक्ति थे आयुर्वेद के मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब। आनंद जी अपना ज्यादातर समय घर पर ही बिताया करते थे। रोजाना की तरह टी.वी देखते हुए ही उनकी नज़र हकीम साहब के बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी पर पड़ी। जिसमें हकीम साहब लोगों को यूनानी नुस्खे बता रहे थे। लोगों को मिलते आराम को देखते हुए उन्हें लगने लगा की शायद उन्हें भी अपनी समस्याओं में आराम मिल जाये। उन्होंने सोचा क्यों ना एक बार हकीम जी के घरेलू नुस्खे अपना कर देखे। बिना किसी देरी के एच.एम.आनंद जी ने ATIYA HERBS से जैतून के सिरके के साथ अन्य कई सारी औषधियां मंगवा ली। इसका इस्तेमाल करने मात्र से ही उन्हें कुछ ही दिनों में इसका असर दिखाई देने लगा। हकीम जी के घरेलू नुस्खों पर आनंद जी को विश्वास हो गया। अब वह रोजाना हकीम जी का शो देखते हैं।
आनंद जी बताते हैं कि जब उन्हें आराम मिला तो उन्होंने अपनी पत्नी को घुटनों की समस्या के लिए भी गोंद सियाह देना शुरू कर दिया। इसके साथ साथ उनकी पत्नी अपने बालों को मजबूत और खूबसूरत बनाने के लिए भी हकीम जी के गोंद मोरिंगा का निरंतर इस्तेमाल कर रही हैं जिसके परिणामस्वरुप उनके बालों की तारीफे भी हो रही है। आज वो और उनकी पत्नी काफी स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी बिता रहे हैं। अंग्रेजी दवाओं के दौर में घरेलू नुस्खों और यूनानी दवाओं पर विश्वास करना आसान नहीं है लेकिन हकीम जी के नुस्खे और एच.एम.आनंद जी के विश्वास ने उनको उनकी समस्याओं से राहत दिलाने में असरदार तरीके से काम किया ।जिससे उनकी अनिद्रा और बार बार यूरिन जाने जैसी समस्याओं में काफी फर्क पड़ना शुरू हुआ और उनका जीवन फिर से एक बार पहले की तरह सामान्य तरीके से गुजरने लगा। ये दावा हम नहीं बल्कि खुद एच.एम.आनंद जी कर रहे हैं।
अपनी बीमारियों पर यूनानी दवाओं और घरेलू नुस्खों का सकारात्मक प्रभाव देखने के बाद अब वह अपने करीबी मित्रों, रिश्तेदारों को भी गोंद सियाह का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। वह चाहते हैं कि जिन लोगों को परेशानी है वह भी मेरी तरह स्वस्थ और तंदुरुस्त बनने की ओर पहल करें। एच.एम.आनंद जी का कहना है कि हकीम साहब उनके और उनके परिवार के लिए भगवान का रूप बनकर आये हैं। उन्हें जितनी बार याद करें उनके लिए बस दुआ ही निकलती है। हकीम साहब लोगों की सेवा करते रहें जिससे उनकी तरह ही कई और लोगों को अपनी समस्या में आराम मिल सके।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
जैतून का सिरका क्या है?
हकीम सुलेमान साहब का जैतून का सिरका विभिन्न रोगों जैसे मधुमेह नियंत्रण, पाचन, गैस्ट्रिक से संबंधित समस्या, लिवर से संबंधित समस्या, गुर्दे से संबंधित समस्या, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की समस्या के लिए एक आदर्श हर्बल उपचार है। हकीम साहब के अनुसार जैतून का सिरका शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए काफी असरदार है। डायबिटीज के लिए यह सिरका फायदेमंद है। जैतून का सिरका पूर्ण रूप से आयुर्वेदिक है। इसके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसकी खुराक को हकीम साहब या हकीम साहब की कंपनी के डॉक्टरों द्वारा बताई गयी मात्रा में ही लेना चाहिए। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन इसकी काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।