बेंगलुरु की रहने वाली सलमा जी की उम्र 17 साल है। इस उम्र में वे अपने साथियों की तरह ही पढ़ाई में मेहनत कर रही हैं। अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए दिन रात एक कर रही हैं। लेकिन कहते हैं सब कुछ इंसान की सोच के अनुसार नहीं चलता। सलमा जी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। छोटी सी उम्र में एक गंभीर समस्या ने उन्हें घेर लिया। समस्या ऐसी कि पढ़ाई तो दूर उनका खाना-पीना तक छूट गया। जिस उम्र में बच्चों को केवल पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए उस उम्र में सलमा जी खुद की सेहत पर ध्यान दे रही थी। सेहत पर ध्यान देना भी जरूरी है लेकिन कम उम्र में ही गंभीर समस्या का आना यह खतरनाक हो सकता है। सलमा जी भी ऐसी ही एक गंभीर समस्या की चपेट में आ गयी। दरअसल सलमा जी को गॉल ब्लैडर में पथरी हो गयी। इस समस्या ने सलमा जी को काफी तोड़ दिया।
लिवर के नीचे एक छोटी सी थैली के रूप में पित्ताशय या गॉल ब्लैडर होता है जिसमें लिवर से निकला पित्त जमा होता है। यह पित्त गाढ़ा होकर पाचन तंत्र में पहुंचता है जो पाचन की क्रिया को आसान बनाता है। लेकिन कुछ परिस्थितियों में पित्ताशय यानी गॉल ब्लैडर में पथरी जमा होने लगती है, जिसे गॉल ब्लैडर स्टोन कहते हैं। गॉल ब्लैडर स्टोन से अचानक पेट में बहुत तेज दर्द होता है।
सलमा जी को जब यह समस्या हुई तो उनके माता-पिता को सलमा जी की काफी चिंता होने लगी। उन्होंने बेंगलुरु के बड़े से बड़े डॉक्टर से सलमा जी का इलाज कराया। सभी डॉक्टरों ने अपना अपना इलाज शुरू कर दिया। किसी डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी तो किसी ने कुछ। अब सलमा जी की उम्र इतनी छोटी थी कि इस उम्र में ऑपरेशन कराना सलमा जी के माता-पिता ने ठीक नहीं समझा। खुद सलमा जी भी कोई ऐसा इलाज खोज रही थीं जिससे बहुत ही आसानी से उनकी समस्या ठीक हो जाये। लेकिन ऑपरेशन का नाम सुनकर सलमा जी काफी डर गयी थी।
सलमा जी की बीमारी के कारण उनकी पढ़ाई पर भी गहरा असर पड़ रहा था। सलमा जी को पेट में दर्द इतना होने लगा कि खाने पीने तक में समस्या होने लगी। डॉक्टर ने उसे केवल फल खाने के लिए ही कहा। फलों के सहारे सलमा जी अपनी समस्या को ठीक करने की कोशिश कर रही थीं। लेकिन स्टोन इतनी जल्दी आखिर कहां निकलने वाला था।
सलमा जी घर पर ही टीवी देख रही थीं। टीवी पर बार बार चैनल बदलते हुए वे एक जगह रूक गयीं। साधना टीवी पर आयुर्वेद के विशेषज्ञ माननीय हकीम सुलेमान खान साहब का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी चल रहा था। सलमा जी की नजर उस शो से नहीं हटी और उन्होंने हकीम जी का वह शो पूरा देखा। शो को पूरा देखने के बाद उन्हें लगा कि एक बार हकीम जी के घरेलू नुस्खे और यूनानी औषधियों को अपनाना चाहिए। उन्होंने सीधा हकीम जी को कॉल किया और अपनी समस्या के बारे में बताया। हकीम जी ने उन्हें उनकी समस्या के लिए P. CARE इस्तेमाल करने की सलाह दी। पहले तो सलमा जी ने ATIYA HERBS से दवा को मंगवा लिया। लेकिन बाद में हकीम जी के डॉक्टर से बात करने पर सलमा जी को पता चला कि हकीम जी का एक क्लीनिक बेंगलुरु में भी है। उसके बाद सलमा जी को कभी भी जरूरत पड़ी तो वे सीधा हकीम जी के क्लीनिक चली जाया करती थीं।
सलमा जी ने हकीम जी की औषधि को लगातार इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। हकीम जी की यूनानी औषधि से सलमा जी को खुद की समस्या में फर्क महसूस होने लगा। सलमा जी ने हकीम जी का पी. केयर करीब तीन महीने तक इस्तेमाल किया। तीन महीने बाद सलमा जी अपनी बीमारी को अलविदा कह चुकी थी। उन्होंने अपनी समस्या को काफी हद तक ठीक कर लिया था। सलमा जी काफी खुश थीं कि बिना ऑपरेशन के वे स्वस्थ और सेहतमंद हो गयी।
पी. केयर के इस्तेमाल से सलमा जी अब काफी बेहतर हो चुकी थीं। सलमा जी ने बताया कि पहले उन्हें खाने पीने में भी समस्या हो रही थी। उन्हें इतनी समस्या होने लगी थी कि रात में नींद आने में भी समस्या होने लगी। रात में नींद ना आना, लगातार उल्टी बनी रहना। इन सारी समस्याओं को सलमा जी झेल रही थी। फिर हकीम जी के क्लीनिक पर हकीम सुलेमान खान जी के कहने पर हकीम मुनव्वर सिद्दीकी जी ने उन्हें पी केयर दिया और तीन महीने में सलमा जी को 90 प्रतिशत आराम मिल गया। सलमा जी हकीम जी को अल्लाह का दूसरा रूप मानती हैं। और साथ ही उनकी लंबी उम्र की दुआ भी मांगती हैं। उनका कहना है कि यदि आज हकीम जी उनके जीवन में नहीं आते तो शायद वे कभी स्वस्थ और सेहतमंद नहीं हो पाती।
P. CARE क्या है?
पी-केयर विभिन्न जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण है जो पेट को आराम पहुंचाता है और भारी भोजन के बाद कई लोगों को होने वाली एसिडिटी से बचाता है। एक हर्बल संयोजन जो न केवल पाचन को बढ़ावा देता है बल्कि हमारी त्वचा को भी स्वस्थ बनाता है। यह पाचन/आंत संबंधी समस्याओं, लिवर संबंधी समस्याओं, एसिडिटी, कब्ज बवासीर, किडनी और पित्त पथरी के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, यह लिवर की रक्षा करने में कुशल है और पित्त स्राव को बढ़ावा देता है। यह सोरायसिस जैसे त्वचा रोगों के इलाज में कारगर है और रक्त को भी शुद्ध करता है।