जोड़ों का दर्द एक सामान्य समस्या बन गई है। बढ़ती उम्र के साथ ये परेशानी भी बढ़ने लगती है। जिसकी वजह से आपको उठने बैठने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जोड़ों का दर्द कई कारणों से होता है। मांसपेशियों के खिंचाव, चोट लगने, ज्वाइंट में हो रही परेशानी के चलते आपको यह समस्या हो सकती है। हर किसी के जीवन में बीमारियों का आना जाना लगा रहता है। बस फर्क इतना है कि किसी को छोटी बीमारी होती है तो किसी को इतनी बड़ी बीमारी हो जाती है कि यदि व्यक्ति का सही समय पर सही इलाज ना किया जाये तो यह उसके लिए खतरनाक साबित भी हो सकता है। आज हम आपको बताएंगे लखनऊ के रहने वाले राजेंद्र जी की कहानी।
राजेन्द्र कुमार जी की उम्र 65 साल की है और वे लखनऊ के रहने वाले हैं। बता दें कि राजेन्द्र कुमार जी कुछ समय पहले ही सचिवालय से रिटायर हुए हैं। राजेन्द्र कुमार जी के परिवार में एक बेटा, एक बेटी और पत्नी है। वे अपने परिवार के साथ बहुत ही खुशी के साथ रहते हैं। राजेन्द्र जी भी ऐसी ही एक समस्या में फस गये। दरअसल उन्हें काफी समय से जोड़ों के दर्द की समस्या थी। जोड़ों के दर्द के कारण उन्हें काफी तकलीफ होने लगी। राजेन्द्र जी ने काफी समय तक एलोपैथिक इलाज किया। लेकिन अपनी इस समस्या में उन्हें कोई ज्यादा फायदा होता नजर नहीं आ रहा था। साथ ही एलोपैथिक इलाज से उन्हें अपने शरीर में साइड इफेक्ट भी दिखने लगे।
अपनी समस्या से परेशान राजेन्द्र जी जोड़ों के दर्द का कोई कारगर इलाज चाहते थे। वे चाहते थे कि कोई ऐसा इलाज उन्हें मिल जाये जिससे उनकी समस्या जड़ से खत्म हो जाये। लेकिन सबसे बड़ी समस्या ये थी कि आखिर ऐसा इलाज मिले कहां। राजेन्द्र जी टीवी पर आयुर्वेद में मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी देखा करते थे। वे साल 2016 से हकीम जी से जुड़े हुए हैं। इतने साल हकीम जी से जुड़ने के बाद उनके मन में ख्याल आया कि क्यों ना एक बार हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपना लिया जाये। हकीम जी के नु्स्खों को काफी लोग अपना रहे हैं और स्वस्थ भी हो रहे हैं। राजेन्द्र जी ने सेहत और जिंदगी लगातार देखना शुरू कर दिया और जो फीडबैक लोग दे रहे थे उन पर भी गौर करना शुरू कर दिया। राजेन्द्र जी को धीरे-धीरे हकीम जी के घरेलू नुस्खों पर यकीन होने लगा। वे हकीम जी की यूनानी औषधियों को अपनाने के लिए पूरी तरह से तैयार थे। उन्होंने सेहत और जिंदगी में दिए हुए नंबर पर कॉल किया और हकीम जी को अपनी सारी समस्याएं बता दी। हकीम जी ने उनकी समस्या को सुना और उन्हें भरोसा दिलाया कि वे अपनी समस्या में राहत पा सकते हैं। उन्हें हकीम साहब ने उनकी समस्या के लिए गोंद सियाह लेने की सलाह दी। हकीम जी पर भरोसा करके राजेन्द्र जी ने ATIYA HERBS से गोंद सियाह मंगवाया और उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। राजेन्द्र जी ने हकीम जी के निर्देश के अनुसार ही गोंद सियाह का इस्तेमाल किया था। हकीम जी की औषधि को इस्तेमाल करते हुए अभी कुछ ही वक्त हुआ था कि राजेन्द्र जी को अपनी समस्या में आराम दिखाई देने लगा। जब उन्हें जोड़ों के दर्द में आराम हुआ तो उन्होंने हकीम जी के घरेलू नुस्खों को भी अपनाना शुरू कर दिया। वे घर परिवार के किसी भी सदस्य की छोटी से छोटी समस्याओं के लिए हकीम जी के घरेलू नुस्खे अपनाते। और उन नुस्खों से आराम भी मिलता। राजेन्द्र जी को हकीम जी और उनकी यूनानी औषधियों पर पूरा भरोसा हो गया था।
गोंद सियाह के इस्तेमाल से राजेंद्र जी को जोड़ों के दर्द में काफी आराम हुआ। उन्होंने काफी समय तक एलोपैथिक इलाज किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ था। जब सभी तरफ से फायदा नहीं हुआ उसके बाद ही उन्होंने हकीम जी के नुस्खे अपनाने शुरू किये। लेकिन हकीम जी के नुस्खे अपनाने के साथ ही उनके मन में ये सवाल भी था कि क्या मैं स्वस्थ हो सकता हूं। दवाओं के इस्तेमाल के बाद उन्हें उनके सवाल का खुद ही जवाब मिल गया। राजेंद्र जी आज स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी बिता रहे हैं। जोड़ों के दर्द के अलावा उन्हें सांस की समस्या थी लेकिन आज वे खुलकर सांस लेते हैं। वे हकीम जी के यूनानी नुस्खों को अपनाकर खुद तो स्वस्थ हुए ही। साथ ही अब वे लोगों की भी मदद कर रहे हैं। वे लोगों तक हकीम जी के नुस्खों को पहुँचा रहे हैं। राजेंद्र जी का कहना है कि एलोपैथिक इलाज में किसी भी समस्या का स्थायी फायदा नहीं है। अगर समस्या को पूरी तरह से खत्म करना है तो उसके लिए यूनानी इलाज ही करना होगा। और यूनानी इलाज में हकीम साहब का इलाज सबसे कारगर और फायदेमंद है। इसलिए लोग उनके नुस्खे अपनाते हैं। हकीम जी काफी लोगों को यूनानी औषधियों से स्वस्थ कर चुके हैं। राजेंद्र जी का जो आज जोड़ों का दर्द ठीक हुआ है उसका सारा श्रेय वह हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं। वह यही उम्मीद करते हैं कि जिस तरह से वह स्वस्थ हुए उसी तरह और लोग भी हकीम जी के घरेलू नुस्खे को अपनाकर स्वस्थ हो जाये।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं। यह एक मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के ही औषधीय गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।