मुंबई शहर जिसे न जाने कितने नामों से पुकार जाता है जैसे- मायानगरी, सपनों को शहर, हादसों का शहर आदि. इसे पहले बॉम्बे या बम्बई कहा जाता था. मुंबई इसका नाम दो नामों को जोड़कर बनाया गया है- मुंबा+ अम्बा जो यहाँ के धार्मिक स्थल है.इस सपनों के शहर में कई राज़ छुपे हुए है जो आपको हैरान कर देंगे. मुंबई का अपना एक ख़ास इतिहास है जिसके बारे में कम ही लोग जानते होंगे. लेकिन आप इस शहर के बारे में जाना चाहते है या मुंबई शहर के इतिहास में रूचि रखते है तो आर्टिकल को आगे पढ़े.
मौर्या काल की बात की जाए तो यह उनका एक दीप समूह था. लेकिन अपने अधिकार के लिए बहुत विवाद किए गए फिर हिन्दू राजाओं के द्वारा इस समस्या को सुलझा दिया गया था. फिर कुछ वक़्त के बाद पुर्तगालियों ने इस शहर पर अपना हक जमाया लेकिन कुछ वक्त बाद ब्रिटिश साम्राज्य ने इस जगह को अपने आवागमन का केंद्र बना लिया था. इस शहर को बड़ा शहर बनाना था इसलिए इसको दीपो संग जोड़ना शुरू किया गया. इस प्रकिया के दौरान मुंबई शहर ने बहुत विकास किया.
इसे मायानगरी कहने के पीछे एक कहानी भी बताई जाती है. पहले मुंबई शहर राक्षसों का हुआ करता था. एक बार एक राजकुमारी इस शहर से गुज़र रही थी उस राक्षस का दिल उस सुंदर राजकुमारी पर आया गया तो उसने उसका हरण करके अपने महल में बंदी बना लिया था.
राजकुमारी को उस राक्षस से कोई लेना-देना नहीं था पर वह राक्षस राजकुमारी से बेहद प्यार करने लगा था. जब वह राजकुमारी से मिलने जाता वह घर जाने की जिद करती. लेकिन एक यही ख्वाहिश वह पूरी नहीं कर पता था. यूही दिन बिताते गए और एक दिन राजकुमारी ने अपने प्राण त्याग दिए.
राक्षस को बहुत दुःख हुआ और उसने महदेव का कठोर तप किया. उसके तप से प्रसन्न होकर भगवान ने वरदान मांगने को कहा! राक्षस से अपने शहर को मायानगरी में बदलने का वरदान माँगा, जिससे वहां जो भी व्यक्ति आए तो वापिस जा न पाए. उसे किसी भी तरह का लोभ, विलास वासना हो जाए.
यही कारण है कि अब जो व्यक्ति मुंबई जाता है उसका दिल वापिस आने का नहीं करता और न जाने कितनी और कैसी कहानियां छिपी हुई है मुंबई शहर के इतिहास के पीछे.
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