जी हाँ आपने सही सुना, जो दास्ताँ हम आपको बताने जा रह हैं शायद वह देश के इतिहास का सबसे बड़ा सामूहिक बलात्कार काण्ड की श्रेणी में ही आता है. भारत में बलात्कार नासूर बन चुका है जो लाख कोशिशों के बाद भी रुकने का नाम नही ले रहा. देश की राजधानी दिल्ली हो या फिर देश का कोई अन्य कोना ,हैवानों की हैवानियत ने कई मासूमों के सपनों को तार-तार कर दिया है.
बिहार का मुजफ्फरपुर जिला, यहाँ सरकारी/ निजी बालिका गृह में गुमशुदा और अनाथ बच्चियां इस लिए ले जाई जाती रहीं जिससे उनके सपने आगे बढ़ें. लेकिन किसे क्या पता कि इंसान की शक्ल में हैवान भी छुपा होता है. यहाँ के कर्मचारियों ने अनाथ बच्चियों के साथ ऐसा कुकर्म किया जिसके बारे में लिखने से पहले रूह काँप जाती है. मर्द कर्मचारी तो इस कुकृत्य में शामिल थे ही वरन महिला कर्मचारी भी पैसों के लालच में उनका बखूबी साथ दे रही थी. इस पूरे मामले में सूबे की मंत्री मंजू वर्मा के पति का नाम भी सामने आया है जिससे सियासी भूचाल मच गया है.
- पूरे मामले पर एक नज़र
बिहार के मुजफ्फरपुर में एनजीओ ‘सेवा संकल्प समिति’ का संचालन बृजेश ठाकुर नाम का व्यक्ति करता था जो इस बलात्कार काण्ड का सबसे बड़ा अपराधी बताया जा रहा है. एक लड़की बताती है कि आंटियां रोज ब्रजेश सर के कमरे में बुलाती थी, उसे पेट के कीड़े मारने के नाम पर दवा दी जाती थी, सुबह होने पर शरीर में दर्द रहता था शरीर अकड़ जाती थी और पैंट फर्श पर पड़ी मिलती थी. उसके मुताबिक ब्रजेश जो उस एनजीओ का संचालक भी है उसके अंगों के साथ छेड़छाड़ करता था. उसे गलत काम करने के लिए कहा जाता था. जब वे राजी नही होती तो उनके पेट पर लात मारी जाती और उन्हें लोहे के गर्म राडों से दागा भी जाता था.
सेल्टर होम आने वाले लोग बच्चियों की पिटाई भी करते थे. एक मासूम ने बताया कि एक तोंद वाले अंकल उसके साथ जबरदस्ती करते थे. बात ना मानने पर बहुत पिटाई होती और भूंखे रखा जाता था. कई लड़कियां तो ऐसी हैं जो अत्याचार सहन करते-करते बोल पाने में भी असमर्थ हो चुकी हैं.
सेल्टर होम में मौजूद सभी लड़कियों को ड्रग्स, नशे का इंजेक्शन देकर गलत काम कराया जाता था. सेल्टर होम में मौजूद करीब 40 लड़कियों में अधिकतर 7 से 18 साल की उम्र की लड़कियां हैं. पीड़ितों ने बताया है कि हर रोज कई बाहरी लोग आते थे और उनके साथ बलात्कार करते थे.
अदालत के सामने लड़कियों ने ऐसा घिनौना सच बयाँ किया जिससे वहां मौजूद हर कोई सन्न रह गया. एक लड़की ने बताया कि उसके गुप्तांगों को खरोचा जाता था. उसके साथ कई लोग एक साथ गलत काम करते थे. बात ना मानने पर कई तरह की यातनाएं दी जाती थी.
उनपर कई बार खौलता पानी और तेल डाला जाता था. इस मामले में बिहार की मंत्री मंजू वर्मा के पति का नाम भी सामने आने से सियासी भूचाल मचना स्वाभाविक था. हालांकि मंजू वर्मा ने अपनी सफाई में कहा है कि यदि उनके पति दोषी हुए तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगी.
फिलहाल पुलिस ने ब्रजेश ठाकुर सहित अन्य 9 लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. विपक्ष और सामाजिक संगठन लगातार इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और दोषियों को तुरंत फांसी की मांग भी कर रहे हैं. फिलहाल मामले को बढ़ता देख बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने केस सीबीआई को सौंप दिया है. मुजफ्फरपुर सेल्टर कांड की जांच सीबीआई के हवाले है. वह इस मामले की जांच करने में जुट गई है. डॉक्टरों की टीम ने सेल्टर हाउस से कई दवाइयों के सैम्पल भी इकठ्ठा किए हैं जिन्हें जांच के लिए लैब भेजा गया है. फिलहाल वहां मौजूद 34 बच्चियों का मेडिकल कराया गया है जिसमें रेप होने की पुष्टि हुई है.
देश में लगातार घटती इस तरह की बीभत्स घटनाएं देश को विश्वपटल पर कलंकित कर रही हैं. सरकार द्वारा अभी हाल में 12 साल या उससे कम की बालिका के साथ हुए दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा का कानून पास किया है लेकिन घटनाएं हैं कि रुकने का नाम ही नही ले रही हैं. इसी बाबत एक बार फिर से बहस छिड़ गई है कि ऐसे अपराधियों को सरकार सजा दे या फिर जनता?
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