देश में इतने बड़े बैंक घोटाले के सामने आने के बाद वित्तीय संस्था मूडीज ने बैंक की स्थिति का रिव्यू करना शुरू कर दिया है. साथ ही वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने पंजाब नेशनल बैंक की व्यवहार्यता रेटिंग को नकारात्मक रखा है. इससे यह आशंका पैदा हो गई है कि एजेंसी पीएनबी की रेटिंग घटा सकती है.
टीवी टुडे पर आई खबर के अनुसार फिच ने कहा है कि वह रेटिंग में बदलाव को लेकर तब ही कोई फैसला लेगी, जब बैंक की वित्तीय स्थिति पर महाघोटाले के असर का पता चलेगा. मूडीज ने भी पीएनबी की स्थिति पर नजर बनाई हुई है.
क्या घटने वाली है रेटिंग?
पीएनबी भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है जिसकी व्यवस्थात्मक स्तर पर काफी ज्यादा अहमियत है. रेटिंग वॉच नेगेटिव में पंजाब नेशनल बैंक को शामिल करने का मतलब है कि इसकी रेटिंग को घटाया जा सकता है. हालांकि इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि इस घोटाले का असर पीएनबी की सपोर्ट रेटिंग फ्लोर (बीबीबी-) पर नहीं पड़ने वाला है.
घोटाले के चलते उठे सवाल
इसके अलावा फिच ने कहा है कि हमें लगता है कि सरकार की तरफ से पीएनबी को संभालने के लिए सहयोग मुहैया कराने की संभावना काफी ज्यादा है. इस घोटाले का बैंक की वित्तीय स्थिति पर कितना असर पड़ेगा, फिलहाल यह पता नहीं चला है. हालांकि इस घोटाले ने बैंक के आंतरिक और बाहरी खतरे को नियंत्रण करने को लेकर सवाल जरूर खड़े किए हैं.
बैंक पर प्रभाव
इस घोटाले के सामने आने के बाद से ही मैनेजमेंट के स्तर पर भी कई सवाल खड़े हुए हैं, जिसमें प्रमुख ही कि यह फ्रॉड कई साल तक यूं ही चलता रहा और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. फिच ने कहा है कि इस घोटाले ने बैंक की साख पर असर डाला है. जो बैंक के कैपिटल मार्केट कैप पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है.
वायबिलिटी रेटिंग का अर्थ
वायबिलिटी रेटिंग किसी वित्तीय संस्थान की साख को मापती है. फिच के अनुसार इससे यह पता चलता है कि किसी संस्थान के फेल होने की आशंका कितनी है.
11360 करोड़ का है पीएनबी घोटाला
देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी की मुंबई स्थित एक शाखा में 11,360 करोड़ रुपये का फर्जी ट्रांजैक्शन किया गया है. पंजाब नेशनल बैंक ने 5 फरवरी को सीबीआई के सुपुर्द लगभग 280 करोड़ रुपये के फर्जी ट्रांजैक्शन का मामला सुपुर्द किया था.
इस मामले की जांच सीबीआई कर ही रही थी कि बैंक के मुंबई स्थिति महज एक ब्रांच से आई फर्जीवाड़े सूचना ने बैंक को 11,360 करोड़ रुपये के अतिरिक्त नुकसान में ला दिया.
इस मामले में लगातार जांच जारी है और इसमें जांच एजेंसियों ने कई गिरफ्तारियां भी कर ली हैं. धोखाधड़ी के इस मामले के केंद्र में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ज्वैलर्स से जुड़े मेहुल चौकसी हैं.
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