घुटने में दर्द होना घुटनों की आम समस्या है जो अक्सर उम्रदराज व्यक्तियों में दिखाई पड़ती है। बढ़ती उम्र में घुटने का दर्द होने का एक सामान्य कारण है, बुढ़ापे में व्यक्ति का शरीर मुलायम नहीं रहता वह कठोर बन जाता है जिससे जोड़ों के बीच होने वाले कार्टिलेज में दरार या अत्यधिक घर्षण उत्पन्न होने लगता है। घुटने में दर्द कई कारणों से होता है जैसे बढ़ती हुई उम्र, चोट और घुटनों में अत्यधिक दबाव इत्यादि। घुटने के दर्द का स्तर हल्का व असहनीय भी हो सकता है। घुटनों में दर्द, से चलने में तकलीफ होती है। जब कार्टिलेज जो जोड़ों के बीच एक कुशन है, टूट-फूट से ग्रस्त हो जाता है, तो इससे जोड़ों के बीच घर्षण बढ़ जाता है। कभी-कभी ये दर्द इतना बढ़ जाता है कि घुटनों के साथ-साथ हाथ, पैरों और उंग्लियों में भी होना शुरू हो जाता है। लेकिन इस समस्या पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। जिस प्रकार चंडीगढ़ की रीटा शर्मा जी ने किया है।
चंडीगढ़ की रहने वाली रीटा शर्मा जी की उम्र 64 साल है। ये उम्र बुढ़ापा कहलवाने के लिए काफी होती है। अक्सर लोग जब 50 की उम्र पार कर लेते हैं तो खुद ही अपने आप को बुढ़ापे की श्रेणी में ढाल लेते हैं। लेकिन रीटा शर्मा जी उन लोगों से थोड़ा हट के हैं। वे इस उम्र में भी स्वस्थ और सेहतमंद हैं और बखूबी अपने परिवार का ख्याल रख रही हैं। उनके परिवार की बात करें तो उनके परिवार में उनकी तीन बेटियां हैं। जिनकी उन्होंने शादी कर दी है। लेकिन उनकी एक बेटी उन्हीं के पास रहती है। और उनकी नातिन भी उन्हीं के साथ रहती हैं। रीटा शर्मा जी के पति का काफी समय पहले ही देहांत हो गया था। तब से ही घर की जिम्मेदारी रीटा जी के हाथों में है। लेकिन रीटा जी ने कभी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ा। हमेशा मुसीबतों का डटकर सामना किया है। कहते हैं कि जो व्यक्ति अपनी सहायता खुद करता है भगवान भी उसी की मदद करते हैं। रीटा जी एक बहुत ही दयालु स्वभाव की महिला हैं। उनके स्वभाव को देखकर ही कॉलोनी के लोग अक्सर उनसे मिलने उनके घर आते-जाते रहते हैं। कहते हैं बीमारियों से आखिर कौन बच पाया है। रीटा जी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
दरअसल रीटा जी को घुटनों में दर्द होना शुरू हो गया। धीरे-धीरे दर्द ने गंभीर रूप ले लिया। जब दर्द ज्यादा बढ़ने लगा तो रीटा जी ने अपना उपचार कराना शुरू किया। इस दौरान भी दर्द कभी कभी अपनी हद से पार हो जाता। रीटा जी अपनी समस्या से काफी परेशान रहने लगीं। उनकी समस्या यहीं नहीं रूकी बल्कि बढ़ती चली गयी। रीटा जी को घुटनों में दर्द के साथ-साथ हाथ और पैरों में भी दर्द होने लगा। हद तो तब हो गयी जब उन्हें उंग्लियों में भी दर्द होना शुरू हो गया। इस स्थिति में आने के बाद वे काफी बीमार हो गयीं। अब वे बिल्कुल टूट चूकीं थीं। क्योंकि इस स्थिति में आने के बाद वे अपने घर का काम भी नहीं कर पा रहीं थीं। रोटी बनाने के लिए उनसे आटा भी नहीं गूंथा जा रहा था। उनकी इस समस्या से उनके परिवार वाले भी काफी परेशानियों का सामना कर रहे थे। लेकिन कर भी क्या सकते थे। उनके बस का जो था वो कर रहे थे। रीटा जी ने अपना जगह-जगह उपचार कराना शुरू किया। शुरू में तो हर डॉक्टर की दवा से आराम होता लेकिन जैसे ही थोड़ा समय गुजरा दर्द ज्यों का त्यों।
फिर एक दिन रीटा जी ने यूट्यूब पर आयुर्वेद में मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब को देखा। उस समय हकीम जी का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी चल रहा था। रीटा जी ने हकीम जी का शो सेहत और जिंदगी पूरा देखा और वे हकीम जी से काफी प्रभावित हुई। हकीम जी से प्रभावित होने के बाद उन्होंने मन बनाया कि वे भी हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाना शुरू करेंगी। उन्होंने शो में दिये हुए नंबर पर कॉल किया और हकीम जी से संपर्क किया। हकीम जी ने उनकी समस्या सुनी और उनकी समस्या के लिए दर्द में सबसे कारगर बूटी गोंद सियाह को इस्तेमाल करने की सलाह दी। हकीम जी की बातों को ध्यानपूर्वक सुनकर उन्होंने ATIYA HERBS से गोंद सियाह ऑर्डर किया और उसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। गोंद सियाह के इस्तेमाल से उन्हें कुछ समय में ही आराम होने लगा। धीरे-धीरे उनके घुटनों के दर्द से लेकर उंग्लियों के दर्द तक सब गायब होने लगा। अब वे अपने हर प्रकार के दर्द को अलविदा कह चुकीं थीं।
हकीम जी के गोंद सियाह से रीटा जी को काफी आराम हुआ। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि कम समय और कम खर्च में उनका दर्द दूर हो सकता है लेकिन हकीम जी के गोंद ने ये सब करके दिखा दिया। जिस वक्त रीटा जी बीमार थीं उस समय उनके परिवार के लोगों ने उनका काफी साथ दिया। रीटा जी का कहना है कि अगर उनका परिवार उनका साथ ना देता तो शायद आज मैं हमेशा के लिए बिस्तर पर लेटी रहती। दरअसल रीटा जी को दर्द की ये समस्या बुखार आने के बाद हुई थी। उन्हें साल 2021 में चिकन गुनिया हुआ और उसके बाद से ही उन्हें ये समस्या पैदा हो गयी। गोंद सियाह के साथ ही अब वे अपने बालों की समस्या के लिए भी सफेद गोंद मोरिंगा का इस्तेमाल करतीं हैं। उन्हें अपने बालों की समस्या में भी काफी आराम है। अब वे सुबह आराम से उठतीं हैं और शाम को पार्क में घूमने जाती हैं। साथ ही अपने स्वस्थ होने का सारा श्रेय वे हकीम साहब को देती हैं। अगर हकीम साहब उनकी जिंदगी में ना आते तो वे शायद कभी अपने दर्द से राहत नहीं पा सकतीं थीं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं। यह एक मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के ही औषधीय गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।
आप भी असली गोंद सियाह मंगवाने के लिए इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
011 4317 8409
- Clinic – The Herbals – Atiya Healthcare
- Address – 21B/6, Basement Near Liberty Cinema, New Rohtak Road, Karol Bagh, New Delhi-5