अपने खानपान का सही तरह से ख्याल ना रखने पर शरीर समय से पहले ही बूढ़ा होने लगता है, ना ऊर्जा महसूस होती है और ना त्वचा पर कसावट नजर आती है। लेकिन, सुंदर दिखने ही नहीं बल्कि स्वस्थ रहने के लिए भी खानपान में बदलाव किया जा सकता है। जिससे शरीर को जवान बने रहने में मदद भी मिलती है। समय के साथ सभी की उम्र बढ़ती ही है। लेकिन इस बढ़ती उम्र में खुद को स्वस्थ और सेहतमंद बनाकर रखना हमारे हाथ में ही है। बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं। शुरूआत में तो उन बीमारियों पर ध्यान नहीं दिया जाता लेकिन समय के साथ बाद में वे काफी गंभीर रूप ले लेती हैं। यही समस्याएं आगे चलकर व्यक्ति को बिस्तर तक ले आती हैं। जानिए चंडीगढ़ के गुरबिंदर जोहल जी के बारे में। जिन्होंने समय रहते खुद पर ध्यान दिया और नतीजा यह निकला कि आज वे बहुत ही खुशी से और स्वस्थ होकर अपना जीवन बिता रही हैं।
चंडीगढ़ की रहने वाली गुरबिंदर जोहल जी की उम्र 85 साल से भी ज्यादा है। लेकिन इतनी उम्र होने के बावजूद भी गुरबिंदर जी स्वस्थ हैं और बहुत ही अच्छे तरीके से अपना ख्याल रखती हैं। गुरबिंदर जी के दो बेटे हैं और एक बेटी है। उनके तीनों बच्चे बाहर रहते हैं। वे अकेली ही घर और फार्म हाउस की देखभाल करती हैं। उन्होंने घर के काम और चौकीदारी के लिए कुछ लोग भी लगा रखे हैं। खुद की सेहत का ख्याल रखना और इतने बड़े फार्म हाउस की देखभाल करना आसान नहीं होता। लेकिन गुरबिंदर जी बिना किसी समस्या के ये सब बहुत ही आसानी के साथ कर लेती हैं। आज उनके पति इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन एक वक्त था जब गुरबिंदर जी अपने पति के साथ काफी गोल्फ खेला करती थीं। आज भी गोल्फ खेलने का शौक गुरबिंदर जी का बना हुआ है। हफ्ते में तीन दिन वे गोल्फ जरूर खेलती हैं। गोल्फ खेलना उन्हें काफी पसंद है।
काफी वक्त पहले की बात है गुरबिंदर जी को शरीर में दर्द होने की समस्या पैदा होने लगी। शरीर दर्द के कारण उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। सुबह बिस्तर से उठने से लेकर रात को बिस्तर पर लेटने तक के बीच के समय में वे काफी दर्द महसूस किया करती थीं। यह दर्द उनके हाथ से होना शुरू होता था और पैरों तक लगातार होता रहता था। गुरबिंदर जी बताती हैं कि उन्हें शुरू से ही आयुर्वेद पर भरोसा था। इसी लिए उन्होंने अन्य दवाओं पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया। धीरे-धीरे वक्त निकलता गया। गुरबिंदर जी की समस्या भी बढ़ने लगी। अपनी मां की समस्या को बढ़ता देख उनके बच्चे भी काफी परेशान रहने लगे। गुरबिंदर जी अपनी समस्या के लिए किसी यूनानी जड़ी-बूटी की तलाश में थीं। लेकिन इतनी जल्दी कोई यूनानी जड़ी-बूटी मिलना थोड़ा मुश्किल था। गुरबिंदर जी अपनी समस्याओं को लेकर काफी परेशान थीं। वे बस खुद को स्वस्थ करने के लिए कोई ना कोई रास्ता निकालती रहतीं। एक दिन टीवी देखते हुए ही उनकी मुलाकात यूनानी में मशहूर विशेषज्ञ माननीय हकीम सुलेमान खान साहब से हुई।
उन्होंने हकीम जी को सबसे पहली बार टीवी पर देखा था। उस समय हकीम जी का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी चल रहा था। वैसे तो गुरबिंदर जी टीवी नहीं देखती हैं लेकिन हकीम जी के इस शो ने उन्हें देखने के लिए मजबूर कर दिया। सेहत और जिंदगी के शो को पूरा देखने के बाद वे हकीम जी से काफी प्रभावित हुईं। उन्होंने देखा कि हकीम जी किस प्रकार यूनानी नुस्खों से लोगों की मदद कर रहे हैं। साथ ही लोग भी स्वस्थ होने के बाद अपना फीडबैक दे रहे थे। गुरबिंदर जी ने भी हकीम जी के घरेलू नुस्खों को इस्तेमाल करने का मन बना लिया। उन्होंने हकीम जी से संपर्क किया और अपनी समस्या के बारे में बताया। हकीम जी ने उनकी समस्या के लिए दर्द में सबसे कारगर बूटी गोंद सियाह के सेवन करने की सलाह दी। गुरबिंदर जी ने अपना समय खराब ना करते हुए ATIYA HERBS से गोंद सियाह ऑर्डर किया और हकीम जी द्वारा बताये गए निर्देश अनुसार उपयोग करना शुरू कर दिया। अभी गुरबिंदर जी को गोंद सियाह का इस्तेमाल करते हुए कुछ समय ही हुआ था उन्हें अपनी समस्या में काफी आराम दिखाई देने लगा। वे हकीम जी की इस यूनानी बूटी से काफी प्रभावित हुईं और जब तक हकीम जी ने कहा तब तक वे गोंद सियाह का सेवन करती रहीं। जिसका असर यह हुआ कि आज वे पूरी तरह से स्वस्थ और सेहतमंद हैं।
गुरबिंदर जी हकीम जी की यूनानी जड़ी-बूटी को अपनाकर काफी खुश हैं और सेहतमंद जिंदगी बिता रही हैं। वे काफी निडर महिला हैं। इतनी उम्र होने के बाद भी वे किसी से नहीं डरती हैं। उनसे खास बातचीत में उन्होंने बताया कि वह अपने साथ एक बंदूक रखती हैं। इसी लिए वे किसी से नहीं डरती हैं। अपने नौकरों को वे अपने परिवार की तरह ही प्यार करती हैं। उनके घर के सभी नौकर बहुत ही मेहनती और ईमानदार हैं। आज गुरबिंदर जी कई लोगों तक हकीम जी की यूनानी जड़ी-बूटी को पहुँचा चुकी हैं।
हकीम साहब की यूनानी जड़ी-बूटी को इस्तेमाल करने के बाद आज वह काफी प्रभावित हुई हैं क्योंकि इस उम्र में उन्हें अपने शरीर के दर्द से काफी राहत मिली है। आज वह अपनी स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी का सारा श्रेय हकीम सुलेमान खान साहब को देती हैं। वह चाहती हैं की जिस तरह उन्हें आराम मिला उसी तरह और लोगों को भी हकीम जी के नुस्खों से आराम मिले। हकीम साहब इसी तरह से और लोगों की भी मदद करते रहें।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं। यह एक मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के ही औषधीय गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।
- Clinic – The Herbals – Atiya Healthcare
- Address – 21B/6, Basement Near Liberty Cinema, New Rohtak Road, Karol Bagh, New Delhi-5