राजस्थान, भारत देश एक ऐसा राज्य है जहां बाकि देशों के मुकाबले यहाँ की संकृति ज्यादा रंग-बिरंगी हैं. इनके पहनावे से लेकर इनके सजाने सवारने के सिंगार की बात ही निराली है. यहाँ सब कुछ इतना दिलचस्प है तो इनके यहाँ की पकवान, खिलौने और त्यौहार में एक आलग स्वाद व बात होगी. इनकी बोली भी इतनी मीठी होती है मानों कि कहीं चाशनी न फीकी पड़ जाए. लग रहा है आप थोड़े उत्साहित हो गए है राजस्थान की संस्कृति के बारे में जाने के लिए तो आज का आर्टिकल आप लोगों को राजस्थान की संस्कृति में जाने में मदद करेगा.
आइए बात करते है कुछ राजस्थान की लोक कलाएं की-
- देवरा – राजस्थान मे ग्रामीण क्षेत्रों में लोक देवताओं के चबुतरेनुमा थान को “देवरा” के नाम से जाना जाता है.
- पथवारी – राजस्थान मे ग्रामीण क्षेत्रों में गांव के बाहर रास्ते में मिट्टी से बनाया गई जगह को तीर्थ यात्रा पर जाने से पूर्व पूजा जाता है. उस जगह को पथवारी कहा जाता हैं.
- सांझी – राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में कुवांरी कन्याओं के द्वारा अच्छे वर की कामना के लिए दीवार पर उभरे गए रंगीन भित्ति चित्र सांझी कहलाते है. यह पर्व श्राद्ध पक्ष से दशहरे तक मनाया जाता है. केले की सांझी के लिए श्री नाथ मंदिर का प्रसिद्ध है. उदयपुर का मछन्द्र नाथ मंदिर सांझी का मंदिर भी कहलाता है.
- पिछवाई – राजस्थान श्रीनाथ मंदिर पिछवाई कला के लिए बहुत प्रसिद्ध है.
- पावे – राजस्थान मे कागज पर लोक देवता या देवी का चित्र बनाने को पावे कहा जाता है.
- भराड़ी – यह भीलों में प्रचलित वैवाहिक भित्ति चित्र की लोक देवी है.
- गोदाना – राजस्थान में गरासिया जनजाति की मुख्य प्रथा होती हैं जिसमें सुई या बबूल के कांटे से मानव शरीर पर विभिन्न आकृत्तियां (टैटू) बनाई जाती है. इसमें घाव को कोयले के चूर्ण या फिर खेजड़ी की पतियों का पाउडर बना के इस्तेमाल करने से जख्म भरा जाते है.
- घोड़ा बावी – गरासिया जनजाति में मन्नत पूरी होने पर मिट्टी से बनी घोड़े की आकृति की पूजा करने के बाद लोकदेवता को चढ़ाए जाने की प्रथा हैं.
- ओका-नोका गुणा – राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर से बनाई गई कलाकृति को चेचक (चिकन पॉक्स) के समय उसकी पूजा की जाने का रिवाज़ है.
- राज्य में निम्न प्रकार की फड का प्रचलन है-
- पाबु जी की फड़ का वाचन.
- देवनारायण जी की फड़ का वाचन.
- रामदेव जी की फड़ का वाचन.
- रामदला व कृष्णदला की फड़ का वाचन.
- भौंसासुर की फड़ का वाचन.
- अमिताभ की फड़ का वाचन आदि फड़ का वाचन किया जाता है.
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