दुनिया में सबसे ज्यादा हिन्दू पंथ को फॉलो करने वाला देश भारत हैं. लेकिन यहाँ सिर्फ एक ही धर्म से जुड़े तीर्थस्थल मौजूद नही हैं. भारत ने विश्व को अध्यातम के अलावा हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख आदि धर्मों की शुरूआत भी हिंदुस्तान की धरती से हुई थी. इतने सारे धर्मों की शुरूआत होने की वजह से यहाँ पर लगभग सभी धर्मों और पंथों के तीर्थस्थल मौजूद हैं. यही कारण है कि भारत में तीर्थयात्रा पर्यटन भी एक अच्छी खासी इंडस्ट्री हैं.
तीर्थस्थलों की बात करें तो भारत में लगभग हर प्रदेश में बहुत से तीर्थस्थल मौजूद है, इसलिए भारत को देवभूमि भी कहा जाता हैं. भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म का उदाहरण ले, तो भारत में चारों दिशाओं में शंकराचार्य द्वारा स्थापित मठ और अखाड़े हैं. इसके अलावा बहुत सारी पौराणिक कथाओं में बहुत से स्थानों व जगहों का वर्णन हैं. जो आज के समय में तीर्थस्थल हैं. केंद्र सरकार द्वारा भारत में तीर्थयात्रा पर्यटन को देखते हुए रामायण सर्किट, बुद्ध सर्किट, चारधाम की यात्रा के लिए काम के साथ-साथ धार्मिक स्थलों पर टूरिज्म बढ़ाने के लिए विशेष ध्यान दे रही हैं.
वैंसे तो भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म का अर्थव्यव्सथा में अच्छा खासा योगदान देता हैं. फिर चाहे वह भारत का कोई भी भाग क्यों न हो, तो आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे भारत में तीर्थयात्रा पर्यटन के साथ ही भारत में मौजूद धार्मिक स्थलों और उनकी मान्यताओं के बारे में, जिसमें हम देश के उत्तरी भाग से शुरू करेंगे जिसमें सबसे पहले आता हैं.
- श्री वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू – कश्मीर
भारत के उत्तरी छोर पर स्थित यह मंदिर देश के साथ-साथ विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हैं. भक्तों के लिए यह किसी शक्तिपीठ से कम नही हैं. यहां साल के हर महीने भक्तों की भारी भीड़ देखी जा सकती हैं. भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म के चलते जम्मू – कश्मीर सरकार को इस मंदिर से अच्छा खासा टैक्स लाभ होता हैं. इस मंदिर के होने से वहां के आस-पास के क्षेत्र में पर्यटको की भारी भीड़ देखने को मिलती हैं. इन सभी के अलावा वहां का अच्छा खासा विकास भी पिछले कुछ वर्षों में देखा गया हैं.
आपको बता दें कि यह प्रचीन माता श्री वैष्णो देवी का मंदिर, जम्मू की त्रिकूटा पहाड़ श्रृखला पर स्थित हैं. इसके वहां होने के पीछे एक बहुत ही प्रसिद्ध श्रीधर नाम के ब्राह्मण भक्त की कथा हैं. जो बच्चे के रूप में आई माता के कहने पर पूरे गांव को भंडारे के लिए निमंत्रण देता हैं. वह भैरवनाथ नाम के बाबा गोरखनाथ के शिष्य को भी आमंत्रित करता है जो अपने शिष्य के साथ वहां पहुँच मांस मदीरा की मांग करते है और छोटी बच्ची के रूप में माता वैष्णो देवी ऐसा करने से मना कर देती हैं.
फिर भैरवनाथ उस बच्ची को पीछा कर पकड़ने की कोशिश करता है, लेकिन ऐसा हो नही पाता हैं. इसके अलावा कहा जाता है कि माता ने वहां पर गुफा के अंदर, भैरवनाथ नाम के दुष्ट का वध करने से पहले कुछ समय तक तप किया था. बाद में भैरवनाथ की सिर काटकर भैरव पर्वत पर फैक दिया था. साथ ही बाद में उसके क्षमा मांगने पर उसे माफ किया था. बाद में श्रीधर नाम के भक्त को दर्शन देकर उसे मोक्ष प्रदान किया था. भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म में इसका अहम योगदान हैं.
- स्वर्ण मंदिर या हरमंदिर साहिब, अमृतसर
भारत के पंजाब प्रात में स्थित यह धार्मिक स्थल सिखों के प्रमुख स्थलों में से एक हैं. यह सरोवर के बीचों बीच स्थित मंदिर हैं. महराजा रंजित सिंह ने बाद में इसमें मार्बल और गोल्डन फोइल लगवाई, जिसके चलते इसका नाम गोल्डन टेम्पल पड़ा. इस मंदिर ने विदेशी अक्रांताओ के बहुत से वार झेले हैं. साथ ही अगर इतिहास के पन्नों पर नज़र डाले तो अफगान और मुग़लों ने कई बार इसे तोड़ने की कोशिश की और क्षति पहुँचाई थी. इसके अलावा गुरू अर्जन सिंह जी द्वारा यहां आदि ग्रंथ साहिब भी रखी गई हैं. इसके अलावा भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म की बात करें तो यहां पर भी दुनियाभर से पर्यटक को देखा जाता हैं.
- सूर्य मंदिर, कोणार्क, ओड़ीशा
भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म में भारतीय आर्किटेक्चर या कहे भारतीय वास्तु विद्या के अदभुत नमूनो में से एक हैं. हिंदू मान्यताओं के अनुसार यहां पर सूर्य भगवान की प्रार्थना के लिए हैं. इस मदिर की वास्तु कला अपने आप में देखने लायक हैं. वैंसे तो मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा इसे कई बार क्षति पहुँचाई जा चुकी हैं. लेकिन फिर भी अगर आप भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म करने निकले है तो यहां एक बार जरूर जाए. यह अपने आप में एक देखने वाली जगह हैं.
- जगन्नाथ मंदिर, पुरी
भारत में तीर्थयात्रा पर्यटन के लिहाज़ से सबसे प्रमुख तीर्थस्थानों में से एक जगन्नाथ पुरी अपनी रथयात्रा के लिए प्रसिद्ध हैं. जिसमें भगवान जगन्नाथ, बालभद्रा और देवी सुभद्रा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता हैं. यह भारतीय संस्कृति के सबसे अच्छे पलों में से एक नज़ारा होता हैं. जहां लाखो की संख्या में भक्त भगवान का रथ खिंचते दिखते हैं. इस नज़ारे को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं. इसके अलावा पुरी को चार धामों में से भी एक हैं. यहाँ इसके चलते भी काफी भीड़ देखने को मिलती हैं.
- सोमनाथ मंदिर, गुजरात
भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म की बात करें तो अरब सागर के छोर पर स्थित यह भगवान शिव का मंदिर, द्वादश ज्योतिर्लिंग होने के साथ-साथ भक्तों के लिए विशेष हैं. इस मंदिर ने विदेशी आक्रमणकारियों के बहुत से वार झेले हैं. साथ ही इस मंदिर को हिंदूओं की आस्था के साथ-साथ एकता के रूप में भी जाना जाता हैं.
- रणकपुर जैन मंदिर, राजस्थान
अरावली पर्वत श्रृंखला की घाटियों के मध्य स्थित रणकपुर में ऋषभदेव का चतुर्मुखी जैन मंदिर हैं. यह मंदिर चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ हैं. भारत में जैन मंदिरो की तुलना में इसकी इमारत और भवन सबसे भव्य हैं. भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म की बात करें तो यह परिसर चालीस हज़ार वर्ग फीट में फैला हुआ है और इसमें चार बड़े प्रार्थना कक्ष हैं. यह मंदिर मनुष्य के जीवन मृत्यु की 84 योनियों से मुक्ति प्राप्त कर मोक्ष प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं.
- तिरुमाला वेंकटेशवर मंदिर, तिरुपति
भारत में तीर्थयात्रा पर्यटन की बात करें तो देश के सबसे अमीर मंदिरो में से एक तिरूपति का तिरूमाला मंदिर, भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म में काफी आगे हैं. यह समुद्र तल से 3200 फीट की ऊँचाई पर तिरूमाला की पहाडियों पर स्थित हैं. कई शताब्दी पूर्व बना यह मंदिर दक्षिण भारत वास्तुकला और शिल्पकला का बहतरीन उदाहरण हैं.
- हेमकुंड साहिब, उत्तराखंड
उत्तराखंड के चमोली में स्थित इस पवित्र जगह की सिख धर्म में विशेष स्थान हैं. यह हिमालय में 4632 मीटर की ऊँचाई पर एक बर्फीली झील के किनारे सात पहाड़ो के बीच स्थित हैं. इस स्थान का जिक्र सिखों के दसवे गुरू गोबिंद सिंह ने अपने दसम ग्रथ में किया था. इस कारण भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म में यह विशेष महत्तव रखता हैं.
- अजमेर शरीफ, अजमेर
भारत में तीर्थयात्रा पर्यटन में जाना-माना यह पाक स्थान सभी धर्मों के लोगों के द्वारा प्रिय हैं. भारत में तीर्थस्थान के टूरिज़्म की बात करें तो यह प्रसिद्ध सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है और यहां एक मकबरा भी स्थित हैं. यहां पर लोग देश के साथ-साथ विदेशों से भी घूमने आते हैं.
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