बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं बिना इनके बिना विकास की धारा को मजबूती मिलना कल्पना से परे है. यमन जो कभी दुनिया के लिए शांतिदूत का कार्य करता था आज वही देश गृहयुद्ध की विभीषिका का दंश झेल रहा है. यहाँ सऊदी अरब सेना द्वारा चलाए जा रहे सैन्य अभियान के तहत हवाई हमले में 29 स्कूली बच्चे हलाक़ हो गए हैं और दर्ज़नों घायल बताए जा रहे हैं.
- खबर पर एक नज़र
आपको बता दें कि साल 2014 से यमन में आंतरिक राजनैतिक कलह के चलते गृह युद्ध चल रहा है. इस युद्ध में अबतक कई हज़ार लोग मारे जा चुके हैं और लाखों बेघर हो गए हैं. कुछ लोगों ने तो भागकर पड़ोसी देशों में रिफ्यूजी के रूप में रहना शुरू कर दिया है.
आंतरिक कलह के चलते समुदाय के दो धडों में से मौजूदा सरकार की सुरक्षा के लिए सऊदी सेनाओं ने मोर्चा संभाला है. सऊदी सेनाएं हूथी विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चला रही हैं. इसी सिलसिले में तनावग्रस्त इलाके दहयान बाज़ार से गुजर रही एक बस पर हवाई हमला हुआ.
इस हमले में करीब 44 लोगों की मौत हो गई है जिसमें 29 स्कूली बच्चे भी बताए जा रहे हैं. हूथी समुदाय के लोग इस हमले के बाद और भी उग्र हो गए हैं. उनके मुताबिक़ सऊदी सेनाएं आम लोगों पर निशाना बना रही हैं.
इस बाबत मौजूदा सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वे और उनके संगठन की सेनाओं ने आम नागरिकों को निशाना नही बनाया है बल्कि वे हूथियों से लड़ाई लड़ रहे हैं.
इस तरह से इस हमले को उन्होंने जायज़ ठहराया है. प्रवक्ता के मुताबिक़ यह हमला हूथी विद्रोहियों द्वारा किए गए मिसाइल हमले का जवाब था. यदि हूथी समुदाय अपनी हरकतों से बाज नही आए तो उन्हें और भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.
यमन में मौजूद कई सामाजिक संगठनों ने सऊदी अरब के इस तरह के हवाई हमलों को गैर जिम्मेदाराना ठहराया है. संगठनों के मुताबिक़ सेनाएं लगातार आम लोगों को निशाना बना रही हैं जिससे निर्दोष हलाक़ हो रहे हैं.
रेड क्रास सोसाइटी के मुताबिक़ अरब सेना. आवासीय इलाकों, अस्पताल और स्कूलों पर लगातार हमले कर रही है जिससे देश की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. गौरतलब है कि पिछले 3 साल से यमन में भड़के आंतरिक द्वन्द से देश के 10 लाख से ज्यादा लोग भुखमरी का शिकार हो गए हैं. बच्चे लगातार कुपोषण का शिकार हो रहे हैं. यूएन भी यमन के हालात पर चिंता जाहिर कर चुका है.
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