न्यूयॉर्क में स्थित स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी काफी अद्भुत व् विशाल मूर्ति है. यह विश्वभर में लोगों की चर्चा का विषय बनी रहती है, इनकी बनावट कैसे की गयी होगी? कितना समय लगा हो? आदि जैसी बाते सभी के ज़हन आती होंगी. हमारा आज का आर्टिकल इसी विषय पर है जो आपको स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी की सच्चाई के बारे में बताएंगे.
अमेरिका ने फ्रांस को स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी उपहार स्वरूप दिया गया था जो इनकी की दोस्ती की निशानी है. अमेरिका के राष्ट्रपति ग्रोवर क्लीवलैंड ने फ्रांस के लोगों की ओर से मिले इस उपहार को अपनी जनता की ओर से स्वीकार किया था. इस भव्य मूर्ति के स्टील के ढांचे को दो मशहूर फ्रांसीसी वास्तुकारों यूजेन इमानुएल विओले ले दुक और एलेक्जेंडर गुस्तोव एफिल ने मिलकर तैयार किया था. एफिल वही डिजाइनर हैं जिन्होंने पेरिस के लिए एफिल टावर को भी डिजाइन किया था.
स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी की सच्चाई की बात करे तो स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी न्यूयॉर्क के लिबर्टी आइलैंड पर स्थित है. इस टापू का पुराना नाम बेडलॉज था. यह मूर्ति रोमन के लोगों की स्त्री देवी लिवटिस की है जिसे स्वतंत्रता की देवी कहा जाता है और इनके एक हाथ में मशाल और दूसरे हाथ में एक पुस्तक है. जिसके ऊपर रोमन में 6 जुलाई 1776 लिखा हुआ है. इस मूर्ति पर तॉबे की परत चढ़ी हुई है. स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी को बनाने में 9 वर्ष से अधिक का वक़्त लगा था. इस मूर्ती की ऊचाई 151 फुट और लम्बाई 305 हैं. इस मूर्ति का वजन 225 टन और इसमें कुल 359 घुमावदार सीढ़ियों के साथ 25 खिडकीयॉ है.
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