दिल्ली-एनसीआर के लोग वायु प्रदूषण से बेहाल हो रहे हैं। तेज़ हवा चलने के बावजूद भी प्रदूषण का कहर लगातार भरपा रहा है। हालंकि अंदाजा लगाया जा रहा था कि, हवा चलने से लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। फिलहाल, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम है, परंतु गजियाबाद और नोएडा में प्रदूषण स्तर उतना ही है। लोगों का बढ़ते प्रदूषण से बुरा हाल हो रहा है। शुक्रवार को दिल्ली से लेकर गाजियाबाद तक खराब हवा की वजह से लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हवा की गुणवत्ता बेहद खराब और गंभीर स्तर की सीमा रेखा पर बनी हुई है।
आपको बता दें कि, प्रदूषण के स्तर में बढ़ोत्तरी दिवाली के बाद से हुई। जिस पर काबू पाने के लिए सरकार ने ऑड-ईवन का नियम लगभग 10 तक लागू किया था। फिर भी स्तर में ज्यादा गिरावट नहीं देखी गई। ऐसे में एक बार फिर से लोग प्रदूषण के कहर का शिकार हो रहे हैं। कई प्रकार की बीमारियों ने लोगों को घेर रखा है। इतना ही नहीं, दमा और अस्थमा वाले मरीज़ खुलकर सांस भी नहीं ले पा रहे हैं। कुछ लोग तो प्रदूषण की वजह से अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। ऐसा भयानक कहर देखकर सरकार भी चिंतित है। यह मामला संसद तक भी पहुंच चुका है। आखिर इस प्रदूषण से बचने के लिए क्या कदम उठाना चाहिए।
बता दें कि, दिल्ली-एनसीआर में गाजियाबाद में आज प्रदूषण का चौथा दिन है। चार दिन से लोग परेशान है।यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 रिकॉर्ड किया गया। खबर है कि, शुक्रवार शाम से चल रही हवा की वजह से प्रदूषण में कमी होने के संकेत मिल रहे हैं। अगर इसी तरह हवा की गति तेज़ रही तो अगले दो दिनों तक प्रदूषण कम होने के आसार है। ‘सफर’ का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिन तक हवाएं तेज चलेंगी। इससे शनिवार से हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
सफर ने बताया कि, पंजाब और हरियाणा में पराली कम जलाने से दिल्ली के प्रदूषण स्तर में कमी आ रही है। शुक्रवार को पराली के धुएं का हिस्सा बृहस्पतिवार की 5 फीसदी की तुलना में चार फीसदी पर पहुंच गया। वहीं, दिल्ली का एक्यूआई 360, नोएडा का 380 और ग्रेटर नोएडा का 390 पर रहा। बीते इन पांच दिनों सबसे साफ हवा गुरुग्राम की रही है। शुक्रवार को यहां का सूचकांक 288 पर रिकार्ड किया गया। इसी के साथ दिल्ली के रोहिणी इलाके में हवा की गुणवत्ता सबसे खराब स्तर पर रही। रोहिणी का एक्यूआई 416 रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद बवाना (411), आनंद विहार (410), मुंडका (401), नरेला (401) और विवेक विहार में 402 एक्यूआई रिकॉर्ड किया गया।
स्काईमेट वेदर के एक विशेषज्ञ ने बताया कि, पश्चिमी विक्षोभ के चलते 25 नवंबर को हवा की रफ्तार में कमी आएगी। इससे लोगों को दोबारा प्रदूषित हवा का सामना करना होगा। फिलहाल, दिल्ली-एनसीआर के बदलते हालत की वजह से लोगों को कुछ दिन और मुसीबत का सामना कर पड़ सकता है। ऐसे में सरकार क्या ठोस कदम उठाएंगी इसका इंतज़ार लोगों में है। साथ ही प्रदूषण से बेहाल लोगों को कब तक राहत मिलेगी यह प्रश्न हर किसी के जह्न में है।