पिछले तीन साल से सूखे की मार झेल रहे इस शहर की हालात इतनी खराब है कि पूरा शहर इससे त्रस्त हो चुका है. इसका कारण है वहां की बढ़ती आबादी, यह शहर साउथ अफ्रीका में स्थित है. कुछ दिनों पहले यहां पर क्रिकेट मैच हुआ था. तब खिलाड़ियों को सिर्फ दो मिनट के लिए शॉवर करने की अनुमति दी गई थी.
साउथ अफ्रीका पृथ्वी की भू-मध्य रेखा यानि इक्वेटर के पास है. जिसको लेकर एक्सपर्ट का मानना है कि इस साल मई में यहां पानी की समस्या भयानक रूप लेने वाली होगी. इस 40 लाख की जनसंख्या वाले शहर के बाँधों में सिर्फ 30 प्रतिशत पानी बचा हुआ है. जब यहां के बाँधों में 13.5 प्रतिशत पानी रह जाएगा तो शहर में पानी का सप्लाई बंद कर दी जाएगी और हर एक नागरिक को सिर्फ 25 लिटर पानी ही दिया जाएगा.
पानी की समस्या इतनी भयावह हो चुकी है कि फिलहाल बीती 1 फरवरी से वहां हर नागरिक को प्रतिदिन 50 लिटर पानी दिया जा रहा है और शॉवर के लिए दो मिनट का समय तय किया गया है. साथ ही वहां पर प्रशासन द्वारा कुछ हिदायते भी दी गई है जैसे कार धोने की मनाई, टॉयलेट में कम से कम फल्श का प्रयोग, बगीचों में पानी नही देना और स्विमिंग पूल में पानी न भरने की सलाह दी गई है. इसके अलावा पुलिस 200 जगहों पर पानी का वितरण करेगी.
प्रशासन द्वारा यह भी कहा गया है कि नहीने के पानी को रिसाइकल और वाशिंग मशीन का कम प्रयोग करना है. पानी की कमी से त्रस्त साउथ अफ्रीका का शहर केपटाउन में नलों पर पानी लेने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. पिछले पांच सालों में यहां सिंचाई का प्रयोग बेहद कम हो गया है. बढ़ती पानी की समस्या से निपटने के लिए अधिकारी समुद्र के पानी को साफ करने को प्रयास कर रहे हैं. इसके अलावा नालियों के पानी को भी रिसाइकिल करने पर जोर दिया जा रहा है. इसके अलावा जमीन के भीतर से सात गहरी बोरिंग कर टेबल माउंटेन के नीचे से पानी निकालने की कोशिश की जा रही है. यहां करीब 1,00,000 क्यूबिक किलोलिटर पानी होने का अनुमान है.
1977 के बाद से केपटाउन इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने हर साल औसतन 508 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की है, मगर पिछले तीन साल में यह आंकड़ा सिर्फ 153 मिमी, 221 मिमी और 327 मिमी रह गया है. तीन साल मिलाकर भी उतनी बारिश नहीं हुई, जितनी 1993 में हुई थी. लगातार तीन साल सर्दियों की बारिश कम होने का यह पहला वाकया जिसके चलते लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार, इसके पीछे अल-नीनो एक वजह हो सकता है.
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