विश्व की सबसे ऊँची इमारतों की बात हो तो सबसे पहले सबकी जुबा पर बुर्ज खलीफ़ा का नाम ही आता है. इसकी ऊंचाई 828 मीटर है. एफ़ील टॉवर से लगभग तीन गुना ज्यादा है. इससे बनाने में करीबन 1.5 डॉलर लगे थे. इस ईमारत में 163 मंजिले हैं जिसमे कुल 58 लिफ्ट्स, 2957 पार्किंग स्पेस, 305 होटल और 900 अपार्टमेंट है.
इसको पहले बुर्ज दुबई के नाम से जाना जाता था. राष्ट्रपति खलीफ़ा बिन ज़ायेद अल न नहयान के सम्मान में इनका नाम बदल दिया गया था. बुर्ज खलीफ़ा 2004 से बना शुरू हुआ था जिसका कार्य 2010 में ख़त्म हुआ. इसे बनाने में मजूदरों को रात-दिन काम करना पड़ता था जिसमें करीब 12,000 मजदूर थे. इस ईमारत में लगभग 35,000 लोग एक साथ रह सकते हैं.
यह इतनी ऊंची ईमारत है कि आप दूसरे देश ईरान को देख सकते है. इस इमारत में 100 पाइपलाइन बनाई गई है जिसकी मदद से रोज़ाना 946,000 लीटर पानी पहुँचाया जाता है. इस इमारत के 76वें मजिल पर सबसे ऊँचा स्विमिंग पूल और 122वें पर रेस्टोरेंट है. दुनिया की सबसे ऊँची इमारत के साथ अन्य विषयों पर भी 6 वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल हैं.
अब कुछ ख़ास बात-
रेतीले माहौल के बीच खड़ी इस इमारत को चमाचम व साफ़ रखना रखना कोई आसान काम नहीं है. कांच की सारी खिड़कियां साफ की जाती हैं. इतनी ऊंची इमारत में बाहर से खिड़की साफ करना हर किसी के बस का काम नहीं है. इस काम के लिए खास प्रतिभा वाले लोगों को चुना जाता है खासकर वह लोग जिन्हें ऊंचाई से डर नहीं लगाना चाहिए. ऐसे काम करने वालो की तनखा भी अच्छी होती है. जर्मनी के हैंगर लिफ्ट में सवार होकर सफाई कर्मचारी इसकी खिड़कियाँ साफ़ करते हैं.
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