बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यानि BSEB ने इस साल 10वीं(मेट्रिक) परीक्षा के दौरान बच्चों के लिए ऐसे नियम बनाए हैं कि अब बोर्ड के इस फैसले पर ही सवाल उठने लगे हैं. समिति ने बोर्ड एग्जाम के दौरान परीक्षार्थियों जूता मोजा पहनकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं देने वाला है. BSEB ने साफ़ आदेश दिया है कि एग्जाम हॉल में उन्हीं बच्चों को प्रवेश करने दिया जाएगा जो चप्पल पहन कर परीक्षा देने आएंगे.
इस बात की जानकारी देते हुए बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने सोमवार को बताया है कि,
- परीक्षा केंद्र में इस साल परीक्षार्थियों को जूता-मोजा पहनकर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. इसके लिए सभी अधिकारीयों को सूचित भी कर दिया गया है. साथ ही सख्त निर्देश दिए गए हैं. किशोर ने आगे कहा है कि अगर कोई विद्यार्थी जूता मोजा पहनकर आता है तो उससे परीक्षा केंद्र के बहार ही जूता खुलवा लिया जाएगा. उसके बाद ही उसे परीक्षा भवन में घुसने दिया जाएगा. आपको बतादें कि अगर ऐसा होता है तो यह पहला बोर्ड एग्जाम होगा जिसमे ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं. मिली जानकारी के मुताबिक परीक्षा हॉल में विद्यार्थियों को को केवल एडमिट कार्ड, पेन और पेंसिल ले जाने की अनुमति ही रहेगी. परीक्षा हॉल में घुसने से पहले ही परीक्षार्थियों के गहन जांच करवा लिए जाएँगे.
- किशोर ने जानकारी देते हुए कहा है कि इससे पहले भी बिहार बोर्ड के कई परीक्षाओं में ऐसे निर्देश दिए गए हैं जिनमें विद्यार्थियों को ऐसे निर्देशों का पालन करना पड़ा है. अब ऐसे ही नियम को इस साल होने वाले मेट्रिक परीक्षा में लागू किया जाना है. इस साल होने वाले मैट्रिक परीक्षा में 17.68 लाख विद्यार्थी शामिल होने वाले हैं. यह परीक्षा 21 से 28 फ़रवरी तक चलने वाली है.
इन परीक्षाओं को सफलता पूर्वक करवाने के लिए 1426 परीक्षा केंद्र बनवाए गए हैं. बिहार बोर्ड क दावा है कि इस परीक्षा को नकल मुक्त बनाने के लिए पूरे प्रयास किये जा रहे हैं. आपको बतादें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा के दौरान नकल के आरोप में लगभग 1,000 परीक्षार्थियों को निष्कासित कर दिया गया था.
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