सभी जानते है कि आंध्र प्रदेश से तेलंगाना राज्य का निर्माण हुआ है लेकिन इसके अलग होने का इतिहास जाने के लिए आज का आर्टिकल ज़रूर पढ़े. आखिर किस तरह तेलंगाना राज्य का निर्माण हुआ. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व में 29 नवंबर 2009 को टीआरएस ने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी और केंद्र सरकार के सामने शर्त रखकर तेलंगाना की मांग की. जब केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ने लगा तब 3 फरवरी 2010 को पूर्व न्यायाधीश श्रीकृष्ण के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया जिसमें पांच सदस्य थे.
इससमिति पूरा विचार कर अपनी रिपोर्ट 30 दिसंबर 2010 को केंद्र को सौंप दी थी. फिर विरोध और चुनावी दबाब के चलते हुए 3 अक्टूबर 2013 को यूपीए सरकार ने तेलंगाना राज्य के लिए मंजूरी दे दी. 2 जून, 2014 को तेलंगाना राज्य का निर्माण हुआ जो देश का 29 वां राज्य बना गया और चंद्रशेखर राव इसके पहले मुख्यमंत्री बनकर शपथ ली. यहॉ की राजधानी हैदराबाद हुई जो आंध्र प्रदेश की भी वर्तमान राजधानी है.
इस राज्य में जिलों की संख्या 31 है और प्रमुख नदियां कृष्णा और गोदावरी मानी गयी है. भारत के सबसे बड़े राज्यों में तेलंगाना 12 वे नंबर पर आता है. इस राज्य का क्षेत्रफल लगभग 112,077 किमी है. इस राज्य में 17 सीटे लोकसभा, 119 सीटें विधान सभा की है. यहां की राजकीय भाषा तेलुगु थी फिर कुछ वक़्त के बाद उर्दू भी बनी इस राज्य की आधिकारिक भाषा.
अब कुछ ख़ास बातें तेलंगाना राज्य के बारे में –
- तेलंगाना का राजकीय पशु चित्तीदर हिरण है और राजकीय पक्षी इंडियन रोलर है.
- यहॉ का राजकीय पेड़ जम्मी ट्री और राजकीय फूल टंगेडू है.
- तेलंगाना के सबसे बड़े शहर हैदराबाद, वारंगल, निजामाबाद, करीम नगर हैं.
- इस राज्य की प्रमुख फसलें चावल, गन्ना, कपास, आम, तम्बाकू है.
- तेलंगाना का राजकीय फल आम है और यहाँ कबड्डी को राजकीय खेल माना गया है.
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