भारत एक ऐसा देश है जिसकी धरती पर लंबे समय से अध्यात्म का बोल-बाला रहा है. समय-समय पर हमारे देश में कई ऋषि-मुनियों के अवतार हुए जिन्होंने लोगों को आंतरिक शांति, ध्यान, करुणा और त्याग आदि के पथ पर बढ़ने को प्रेरित किया है. इन धार्मिक और अध्यात्मिक गुरुओं ने न केवल देश बल्कि विदेश में भी योग और ध्यान के माध्यम से स्वस्थ और सुखी जीवन जीने का मार्ग दिखाया. भारत में आध्यात्मिक गुरु को अधिकांश लोग भगवान का दर्ज़ा दे देते हैं.
लोगों का भारत में आध्यात्मिक गुरु में पूरी श्रद्धा है और यह विश्वास भी कि अगर भगवान के बाद कोई है जो आपकी समस्याओं को हल कर सकता है तो ये गुरु हीं हैं. लोग बाग अपनी हर तरह की परेशानियाँ, अपने कष्टों के उपाय की तलाश में इन गुरुओं की शरण में पूरी आस्था के साथ जाते हैं कि उनके कष्टों का निवारण हो जाएगा.
जहाँ एक तरफ भारत में आध्यात्मिक गुरु में लोगों की आस्था दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, वही दूसरी तरफ कुछ लोगों ने इसे व्यवसाय बना लिया है. आजकल समाज में नकली संतों की भरमार है, मानो धर्म-अधर्म की राह पर चल पड़ा हो. आए दिन हमें इस तरह की कोई न कोई खबर मिल ही जाती है जिसमें किसी न किसी बाबा के ढोंग का खुलासा होता है. ऐसी खबरें थोड़ी देर के लिए लोगों का विश्वास तो जरूर हिला देती हैं लेकिन उनकी आस्था तब भी बरक़रार रहती है, शायद यही कारण है कि सामान्य लोगों की भावनाओं से खेलना इन बाबाओं के लिए आसान हो गया है. साथ ही ये धार्मिक गुरु आसानी से अपनी कुकृत्य के बाद भी बच जाते हैं क्यूंकि इनके भगतों में न केवल अज्ञानी आते हैं बल्कि वो लोग भी होते हैं जो काफी पढ़े लिखे होते हैं और इनकी गलतियों का इन्साफ कर सकते हैं. वहीँ अगर इसके दूसरे पहलू को देखें तो कुछ समाज में ऐसे भी गुरु हैं जो लोगों को ध्यान और अच्छे कार्यों में लिप्त रहने की सलाह देते हैं. भारत में आध्यात्मिक गुरु के शिष्य लाखों-हजारों की संख्या में हैं जो इन्हें ईश्वर के दूत की तरह मानते हैं हालांकि समय-समय पर इनके द्वारा किए गये कार्यों को आस्था और अंधविश्वास से जोड़ा जाता है.
आज हम ऐसे हीं कुछ बड़े भारतीय आध्यात्मिक गुरुओं के बारे में जानेंगे जिन्होंने समाज और लोगों के हितों के लिए काफी योगदान दिया है.
- श्री रामकृष्ण परमहंस
भारत के एक महान संत एवं विचारकों में श्री रामकृष्ण परमहंस का भी नाम आता है जिनकी आध्यात्मिकता की कई कहानियां हैं. इन्होंने सभी धर्म के लोगों के बीच एकता और उनके बीच प्यार पर जोर दिया. स्वामी रामकृष्ण भगवती काली के भक्त और मानवता के पुजारी थे. इतना हीं नहीं, स्वामी विवेकानंद के आध्यात्मिक आरोहण की वजह भी रामकृष्ण हीं थे. गुरु परमहंस को बचपन से हीं विश्वास था कि कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताने से ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं इसीलिए वह ईश्वर की प्राप्ति के लिए लंबी समाधियों में लीन रहा करते थे. साधना के अंत में वह इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि संसार के सभी धर्म सच्चे हैं और उनमें किसी तरह कि कोई भिन्नता नहीं है. वह ईश्वर तक पहुँचने के अलग-अलग साधन मात्र हैं. स्वामी रामकृष्ण के प्रशंसक न केवल देश बल्कि विदेश में भी थे.
- स्वामी विवेकानंद
सन 1863 में कोलकाता में जन्में स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के निर्देशन में ईश्वर की खोज के लिए अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की थी. भारत में आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद वेदान्त के समर्थक थे. उन्होंने लोगों को यह बताया कि मानवता की सेवा ईश्वर की सच्ची सेवा का राह है. विवेकानंद ने शिकागो विश्व धर्म संसद जाकर वेदान्त और हिन्दुत्व के सिद्धान्तों को पूरी दुनिया से परिचित कराया था.
- ओशो
भारत में आध्यात्मिक गुरु में ओशो जो कि स्पष्टवादी थे उन्होंने हर एक पाखंड पर चोट की थी, उनका नाम काफी प्रसिद्ध है. उनकी इसी बात ने उन्हें लोगों के बीच बागी और विवादास्पद गुरु बना दिया था. बात करें भगतों कि तो दुनिया भर में लाखों की संख्या में ओशो के भक्त मौजूद हैं. लोगों का ओशो के लिए प्यार और सम्मान इतना है कि इस संसार को छोड़ देने के बावजूद उन्हें लेकर भक्तों में उत्सुकता है और लोग उनके बताए रास्तों पर चलना चाहते हैं.
- श्री श्री रविशंकर
श्री श्री रविशंकर सर्वाधिक लोकप्रिय और महान अध्यात्मिक गुरुओं में से एक हैं. रविशंकर आर्ट ऑफ लिविंग कोर्स के संस्थापक हैं जिनके लाखों की संख्या में शिष्य पूरी दुनिया भर में फैले हुए हैं. रविशंकर इस कोर्स के माध्यम से लोगों को यह सिखाते हैं कि आप किस प्रकार संतुष्टि हासिल कर सकते हैं. उन्होंने अपने अद्भुत ज्ञान से अब तक सैकड़ों लोगों के अंतर्मन को छूकर उनकी ज़िन्दगी बदल डाली है. अपनी अभूतपूर्ण योगदान और प्रसिद्धि के कारण वह अध्यात्म के क्षेत्र में भारत के प्रभावशाली गुरुओं की सूची में शीर्ष पर आते हैं.
- बाबा रामदेव
किसान परिवार में जन्में बाबा रामदेव का असली नाम रामकृष्ण यादव है. उन्होंने योगासन और प्राणायाम के क्षेत्र में अपना योगदान दिया है, रामदेव को अपने योग-आसनों की वजह से काफी बड़े स्तर पर जाना जाता है. पिछले कुछ सालों में हीं उनका नाम न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध हो चूका है. बाबा रामदेव के लाखों-करोड़ों शिष्य पूरी दुनिया में मौजूद हैं, जो योग के माध्यम से समाज को ऊर्जावान बनाने के काम में अपना योगदान दे रहे हैं. रामदेव ने योग को अपनाने के लिए लाखों लोगों को प्रेरित किया है कि वे आगे बढ़कर योग को अपनाएं और अपनी ज़िन्दगी को स्वस्थ और सुखी जिएं. रामदेव अपने योग-शिविरों का आयोजन जगह-जगह पर स्वयं जाकर करते हैं, जिसमें हर सम्प्रदाय के लोग आ कर योग की सिख लेते हैं. भारत में आध्यात्मिक गुरु रामदेव के शिष्यों में न केवल देश बल्कि विदेश के भी करोड़ों लोग हैं जिन्हें रामदेव ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से योग सिखाया है.
- सत्य सांई बाबा
पिछले लगभग 60 वर्षों से सत्य सांई बाबा भारत में आध्यात्मिक गुरु में अत्यधिक प्रभावशाली अध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे. बचपन में सत्य सांई बाबा का का नाम सत्य नारायण राजू था. इन्हें प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु शिरडी वाले सांई बाबा का अवतार कहा जाता है और वे अपने अनुयायियों में बेहद प्रसिद्ध हैं. 23 नवम्बर 1926 को आन्ध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी गांव में जन्में सत्य सांई का मानना था कि मानवता की सेवा हीं ईश्वर की सच्ची सेवा है. केवल भारत हीं नहीं बल्कि विश्वभर में लाखों की संख्या में सत्य सांई के अनुयायी मौजूद हैं. एक लंबी बीमारी के बाद 24 अप्रैल 2011 को बाबा ने इस संसार से विदा ले लिया.
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