हिन्दू धर्म में कई देवी देवता हैं. हर देवी-देवता का अलग महत्व है. हर किसी के अपने इष्ट देव होते हैं. जिनको वो देवी या देवता सरे देवी-देवता से ज्यादा प्रिय होते हैं. हिंदू धर्म में पवनपुत्र हनुमान एक मात्र ऐसे देव हैं. जिन्होंने एक भक्त बनकर भगवान की उपाधि को पाया है.हनुमान जी को कलयुग का देव भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान राम ने उन्हें अमरता का वरदान दे दिया था और वो आज भी इस कलियुग में मौजूद हैं. जो भक्त सच्चे दिल से पंचमुखी हनुमान मंत्र का उच्चारण करके हनुमान जी को ध्याता है या उनकी स्तुति करता है. उसे हनुमान जी तुरंत ही फल देते हैं.
लेकिन ऐसा जरुरी भी नहीं है कि आप हनुमान मंत्र पढ़कर ही उनकी स्तुति करें. रामायण में इस बात का ज़िक्र है कि हनुमान जी ने सच्चे मन और निःस्वार्थ भाव से भगवान राम की आराधना की थी. जब राम दरबार ने उपहार स्वीकार ना करने पर विभीषण ने हनुमान जी का मजाक उड़ाया था तब उन्होंने अपनी छाती को चीर कर सीता राम के दर्शन करवाए थें. भगवान राम भी हनुमान को सबसे विष्वासी मानते थें.
पवनपुत्र हनुमान के कई रूप और कई नाम हैं. जो सच्चे मनन से इन्हें मानता है उन्हें हनुमान सब कुछ देते हैं.हनुमान जी के कई रूपों में से एक रूप पंचमुखी हनुमान का भी है. जिसके पीछे एक कहानी है. ऐसा कहा जाता है कि हनुमान ने अपना पंचमुखी रूप राम और लक्ष्मण को अहिरावन और महिरावण से बचने के लिए किया था. यहाँ हम आपको हनुमान जी की उपासना करने के लिए पंचमुखी हनुमान उपासना मंत्र बता रहे हैं.
पंचमुखी हनुमान मंत्र
ऊँ ऐं श्रीं ह्रीं ह्रीं हं ह्रौं ह्रः ऊँ नमो भगवते महाबल पराक्रमाय भूत-प्रेत-पिशाच ब्रह्म राक्षस शाकिनी डाकिनी यक्षिणी पूतना मारीमहामारी राक्षस भैरव बेताल ग्रह राक्षसादिकान् क्षणेन हन हन,भंजय भंजय मारय मारय,क्षय शिक्षय महामहेश्वर रुद्रावतार ऊँ हुम् फट स्वाहा ऊँ नमो भगवते हनुमदाख्याय रुद्राय सर्व दुष्टजन मुख स्तम्भनं कुरु स्वाहाऊँ ह्रीं ह्रीं हं ह्रौं ह्रः ऊँ ठं ठं ठं फट् स्वाहा.
इस हनुमान मंत्र का जाप प्रतिदिन कम से कम 11 बार करें. इसका जाप को करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. आपके परिवार में चल रहे कलह और क्लेश का अंत हो जाता है. यह मंत्र आपको बुरी नज़र और जादू-टोने से भी बचाता है.