दुनिया ऐसे कई सारे खेल खेले जाते हैं. लेकिन जितनी अहमियत क्रिकेट को डी जाती है उतनी अहमियत दूसरे खेलों को नहीं दी जाती है. बावजूद इसके ऐसे कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने खेल के दम पर पूरी दुनिया को अपना लोहा मनवाया है. क्या कभी कोई सोच सकता कि वॉलीबॉल और बैटमिंटन जैसे खेल को खेल कर कोई खिलाड़ी पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन कर सकता है? लेकिन ऐसा है आज हम आपको ऐसे ही कई भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं. क्योंकि भारत में ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने खेल जगत को दिया तो बहुत कुछ है. लेकिन उसके बदले उन्हें उतना नाम नहीं मिला है.
तो हम आपको ऐसे ही भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने देश-विदेश में भारत का नाम रौशन किया है. इस सूची में सबसे पहले आते हैं जिमी जॉर्ज.
जिमी जॉर्ज: जिमी भारत के ऐसे पहले वॉलीबॉल प्लेयर हैं जिन्होंने पेशेवर तरीके से वॉलीबॉल खेलना शुरू किया था. जिमी वॉलीबॉल क्लब में भाग लेने इटली भी गए थें. इस दौरान उन्होंने इटली में ही रह कर 6 सीजन भी खेले थें. वहां उनके प्रदर्शन को देखते हुए उनके कई सारे फैन भी बने थें. जिमी का खेलने का अंदाज एकदम अलग था. लोग यह देख कर हैरान रह जाते थें कि कैसे जिमी दूसरे से ऊपर उछल कर बॉल मार देते थें. जिमी भारतीय वॉलीबाल टीम के खिलाड़ी थें. इसके साथ-साथ उन्होंने तेहरान (1974), बैंगकॉक (1978) और सीओल (1986) एशियाई खेलों में टीम का नेतृत्व भी किया था. उन्होंने अपने प्रदर्शन के दम पर 1986 में कांस्य पदक भी जीता था. इसके अलावा उन्होंने 1986 में हैदराबाद में हुए, इंडिया गोल्ड कप इंटरनेशनल वॉलीबॉल टूर्नामेंट में उन्होंने भारत को स्वर्ण पदक भी जिताया. ऐसे कई भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी और उनकी उपलब्धियां है जिसके बारे में लोग नहीं जानते हैं.
रामानाथन कृष्णन: भारत के प्रसिद्द खिलाड़ी में एक नाम रामनाथन कृष्णन का भी है. कृष्णन एकलौते ऐसे टेनिस प्लेयर थें जिन्हें दुनिया के 5 सबसे बेहतरीन टेनिस प्लेयर्स में शामिल किया गया था. वो एक दो बार नहीं बल्कि भी 5 बार. कृष्णन ने भारत कि तरफ से खेलते हुए डेविस कप में 69 सिंगल गेम्स में से 50 जीते और 29 डबल गेम्स में से 19. विम्बलडन के 2 बार सेमी-फाइनलिस्ट रहे. इसके अलावा रामानाथन ने दुनिया के 58 दूसरे टूर्नामेंट्स भी जीते हैं. जिसमें 1954 का जूनियर विम्बलडन सिंगल टाइटल भी शामिल है. उनकी वजह से ही आगे आने वाली पीढ़ी की टेनिस में रूचि बढ़ी.
भारतीय हॉकी टीम: हॉकी हमारे देश का राष्ट्रीय खेल है ओलंपिक्स के दौरान भारत में 8 स्वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्य पदक जीते हैं. जब कभी भी दुनिया में प्रसिद्ध खिलाड़ी और उनकी उपलब्धियां गिनवाई जाती है तो भारत की हॉकी टीम का ज़िक्र किया ही जाता है. ओलिंपिक में भारत की इतनी सारी जीत अपने आप में एक उपलब्धि के साथ-साथ एक कीर्तिमान भी है. 1928 से 1956 के बीच भारतीय हॉकी टीम ने 6 ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीते थे. ओलिंपिक खेलों के इतिहास में ये किसी भी टीम का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रहा है.
जीव मिल्खा सिंह: गोल्फ एक ऐसा खेल है जिसे भारत में शौक के तौर पर ही खेला जाता रहा है. लेकिन भारत के प्रसिद्द खिलाड़ी में शामिल जीव मिल्खा सिंह ने इस खेल कर भारत का नाम रौशन किया. मिल्खा ने इस खेल को एक पेशेवर तरीके से खेला और इस दौरान उन्होंने कई सरे टूर्नामेंट जीतें. मिल्खा भारत के सबसे सफल गोल्फ प्लेयर्स में से एक हैं. उन्होंने 3 यूरोपियन, 4 जापान गोल्फ़ टूर और 6 एशियाई गोल्फ़ टूर के टाइटल जीते हैं. भारत में गोल्फ इतना प्रचलित ना होने के बावजूद भी मिल्खा ने जितने कीर्तिमान जीतें वो उनके लिए बहुत मायने रखते हैं.
प्रकाश पादुकोण: प्रकास को केवल भारत के प्रसिद्द खिलाड़ी का ख़िताब देना काफी नहीं होगा क्योंकि प्रकाश ने महज 16 साल के उम्र में ही 1971 में बैडमिंटन की राष्ट्रीय सीनियर चैंपियनशिप जीत ली थी. इस जीत के कारण वो इतिहास का सबसे कम उम्र के विजेता बन गए थें. लेकिन प्रकाश यही नहीं रुके. इसके बात वो लगातार 9 राष्ट्रीय टायटल जीतें. 1978 के कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीता और उसके बाद स्वीडिश ओपन और डेनिश ओपन जीत कर पूरे यूरोप में तहलका मचा दिया था. प्रकाश के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी 1980 में ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीतना है. ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय थे. प्रकाश भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी में से एक हैं.
पंकज आडवाणी: क्या आप कभी सोच सकते हैं कि कोई ऐसा खिलाड़ी हो सकता है जिसने सारे वर्ल्ड टाइटल जीते हों. जी हाँ ऐसा एक खिलाड़ी है वो भी भारत का जिनका नाम है पंकज आडवाणी पंकज एक मात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने बिल्यार्ड और स्नूकर के सारे सारे वर्ल्ड टाइटल अपने नाम कर रखा है. इतना ही नहीं आडवाणी 12 बार दुनिया के स्नूकर और बिलियर्ड्स चैंपियन रह चुके हैं. वैसे तो स्नूकर और बिलियर्ड्स दिखने में एक जैसे लगते हैं लेकिन दोनों में ज़मीन-आसमान का फ़र्क है और इसीलिए पंकज आडवाणी की ये उपलब्धियां बहुत ही अनमोल हैं. पंकज के उपलब्धियों को देखते हुए कहा जा सकता है कि पंकज भी भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी की सूची में शामिल हैं.
विश्वनाथन आनंद: भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी में शुमार चेस मास्टर विश्वनाथ आनंद को “लाइटनिंग किड” के नाम से भी जाना जाता है. उन्हें इस नाम से इस लिए बुलाया जाता है क्योंकि महज 18 वर्ष की उम्र में चेस ग्रैंड मास्टर बनने वाले वो पहले भारतीय थें. आनंद ने भी चेस की सारी वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती है. भविष्य में विश्वनाथन को भी भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के ख़िताब से नवाज़ा जाएगा.
नारायण कार्तिकेयन: फार्मूला 1 रेसिंग के सुपर स्टार नारायण कार्तिकेयन उस वक़्त भारत के पहले फार्मूला 1 ड्राईवर बन गए जब उन्होंने Australian Grand Prix में भाग लिया. नारायण के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि की बात यह है कि उन्होंने रेसिंग जगत के सबसे हरफनमौला ड्राईवर माइकल शुमाकर को हराया था. उसे साल वो यूएस ग्रैंड पिक्स में भी चौथे स्थान पर आए थें. भारत के प्रसिद्ध खिलाड़ी और उनकी उपलब्धियां जब भी गिनवाई जाती है उसमें नारायण का नाम जरूर आता है.
भारतीय कबड्डी टीम: भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी में भारतीय कबड्डी टीम के सारे खिलाडियों का नाम शामिल है. लेकिन आपको एक ऐसा कीर्तिमान भारतीय कबड्डी टीम के नाम है जो हमेशा भारतीय कबड्डी के प्रसिद्ध खिलाड़ी और उनकी उपलब्धियां के नाम पर याद की जाएगी. शायद ही लोग इस बात को जानते होंगे कि भारत की महिला और पुरुष कबड्डी टीमों ने आज तक सारे वर्ल्ड कबड्डी वर्ल्ड कप जीते हैं. ऐसा आज तक किसी भी खेल में किसी भी टीम ने नहीं किया है. आशा करते हैं कि ये कीर्तिमान सदा भारत के नाम ही रहेगा.
पीटी उषा: यह नाम भी भारतीय इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी में शुमार है. पीटी उषा को तो कई सरे लोग जानते होंगे लेकिन शायद ही कोई इस बात को जानता होगा कि 1986 के सीओल एशियाई गेम्स में उन्होंने 4 स्वर्ण पदक जीते थे इसके साथ ही उन्हें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ एथलीट की ट्रॉफी भी मिली थी.
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