1947 में जब भारत आजाद हुआ तब से लेकर अब तक देश में बहुत कुछ बदल चुका है. हर क्षेत्र में बे बदलवा हुए हैं. यहाँ तक कि खेल जगत में भी बहुत कुछ बदला है. इसमें कोई दो मत नहीं है कि भारत ने आजादी के बाद खेलों में उपलब्धियां हासिल की है. आज हम आपको उन्ही उपलब्धियों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनके बारे में जानकार आपको इस बात का फक्र होगा कि आप भारतीय हैं.
भारत में आजादी के बाद खेलों में उपलब्धियां
- साल 1983 में कपिल देव कि अगुआई में भारतीय क्रिकेट टीम ने इतिहास रचा. भारत ने वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में वेस्ट इंडीज़ को हराकर वर्ल्डकप को अपने नाम किया था. इस दौरान कपिल देव कि टीम ने मात्र 183 रन को डिफेंड कर के सीरीज़ को अपने नाम किया था.
- हॉकी में तो भारत ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल आजादी से पहले ही जीत लिया था. उसके बाद भारत में 1960 में सिल्वर मेडल भारत के हाँथ लगा. लेकिन 1964 में एकबार फिर भारतीय हॉकी टीम के हाँथ में गोल्ड मेडल लगा. इसके बावजूद ये टीम यही नहीं रुकी 1980 में भारत ने एक बार फिर गोल्ड मैडल जीता.
- ओलंपिक गेम्स में पहलवानी यानि कि कुश्ती में भारत ने पहली बार गोल्ड केदार जाधव के दम पर जीता. इसके बाद उन्होंने 1952 में ब्रोंज मेडल जीता. आजादी के बाद उन्होंने पुलिस में अपनी सेवा दी. 1984 में एक रोड एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गई.
- इन्डियन एक्सप्रेस के नाम से जाने-जाने वाले पेस भूपति कि जोड़ी ने 1996 से लेकर 2002 तक धमाल मचाया. इस जोड़ी ने 1999 में विंबलडन खिताब जीता. इस तरह यह ऐसी पहली जोड़ी थी जिसने टेनिस में ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था.
- राज्यवर्धन सिंह राठौर जो कि वर्तमान में बीजेपी के नेता हैं. इन्होंने निशानेबाजी में पहला व्यक्तिगत मैडल जीता था. 2004 में इन्होंने देशवासियों को यह तोहफा दिया था. इन्होंने यह मेडल एथेंस ओलंपिक में जीता था.
- भारतीय निशाने बाद अभिनव बिंद्रा ने 2008 में ओलंपिक में पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल जीता था. बिंद्रा ने यह मेडल 10 मीटर एयर राइफल में जीता था.
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