भारत में अफगानिस्तान से आने वाले प्याज़ की सप्लाई बढ़ने से अब राजधानी दिल्ली के साथ-साथ उत्तर भारत के कई बड़े बाज़ारों में प्याज के बढ़ते दामों पर ब्रेक लगता हुआ दिखाई दे रहा है। पिछले हफ्ते की तुलना में इस हफ्ते राजधानी दिल्ली में प्याज़ के कीमतों में 15 रुपये प्रति किलो की नरमी आई है। बज़ारों की बात करें तो दिल्ली की आजादपुर मंडी में बुधवार के दिन प्याज़ का थोक दाम 309-70 रुपये प्रति किलो था। मंडी में बातचीत के दौरान सूत्रों से पता चला कि प्याज़ का थोक दाम मंगलवार की तुलना में पांच रुपये प्रति किलो नरम था।
प्याज़ की कीमतों में क्यों आई गिरावट
कारोबारियों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान के साथ-साथ तुर्की और मिस्र से भी प्याज़ की आपूर्ति हो रही है। जिसके कारण राजधानी दिल्ली में अब प्याज़ की किमतो में कुछ हद तक की नरमी आई है। इतना ही नहीं अब महाराष्ट्र और गुजरात में भी प्याज़ की नई फसल की तेज़ी से सप्लाई होने लगी है। मिली जानकारी के अनुसार दाम बढ़ने के कारण किसान समय से पहले ही खेतों से प्याज़ निकालने लगे हैं।
प्याज़ की सप्लाई बढ़ने से केवल थोक भाव में ही नरमी नहीं आई है बल्कि खुदरा कीमत जो लगातार आसमान छू रही थी उनपर भी लगाम लग चुका है। लेकिन आपको बता दें कि अधिकांश शहरी बाज़ारों में अभी भी प्याज़ 100 और 120 रुपये किलो ही बिक रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों पहले की बात करें तो देश के कई हिस्सों में प्याज़ 200 रुपये तक बिक रहा था वही राजधानी दिल्ली में भी प्याज़ के दाम 150 रुपये किलो तक पहुंच चुका था।
केंद्र सरकार ने की पहल
प्याज़ के दामों में आग लगने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। अधिकांस लोगों ने तो प्याज़ खरीदना भी बंद कर दिया था। हांलाकी अभी भी प्याज़ की किमतों में कुछ खास अंतर नहीं आया है। लेकिन इससे राहत पाने के लिए केंद्र सरकार ने एक लाख टन से ज़्यादा प्याज़ का आयात करने का फैसला किया है और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी ने अब तक 36,000 टन प्याज़ का आयात करने के ऑफर भी दिए है। जिनमें से 21,000 टन से ज़्यादा प्याज़ों के सौदे भी हो गए हैं। इतना ही नहीं एमएमटीसी ने 6,090 टन प्याज मिस्र से और 15,000 टन तुर्की से मंगाने के सौदे किए हैं।
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