भारत के राष्ट्रीय उद्यान के बारे में जानकारी देने से पहले आपको जानना जरुरी है की मनुष्य की असीमित जनसंख्या की वृद्धि के चलते हुए अन्य जीवों पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ने लगा है. उनके रहन-खाने-पीने के क्षेत्र लगभग ख़त्म हो ही चुके है. इसलिए यह काफी जरुरी है कि हम सभी लोगों को अपनी जनसंख्या पर काबू करना और जंगल को बचाना जिससे हमारी अगली पीढ़ी भी इन जिव-जंतुओं को सिर्फ कागज़ के पन्नो में ना पढ़ के रह जाए.
- जिम कॉर्बेट – भारत के उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में स्थित है जिम कॉर्बेट. यह भारत का सबसे पुराना उद्यान है, इस उद्यान की स्थापना 1936 में हुई थी. इस उद्यान का नाम इसके संस्थापक जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है. इस उद्यान में शेर, हाथी, भालू, बाघ, सुअर, हिरण, साँभर, पांडा, काकड़, नीलगाय, और चीता के साथ अजगर और कई अन्य प्रकार के सांपो का आश्रय यह है. इन जंगली पशुओं के साथ यहाँ पर लगभग 600 विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे पक्षियों की जाती का भी आश्रय है. यदि आप इस उद्यान का आन्नद लेना चाहते है तो आप नवम्बर से मई के मध्य में यहाँ आ सकते है.
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान – जिसे “कान्हा टाइगर रिज़र्व” भी कहा जाता है. इस पार्क को भारत देश का सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व के रूप में जाना जाता है. यह पार्क भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में स्थित है. कान्हा शब्द हिंदी के कनहार शब्द से बना है जिसका अर्थ चिकनी मिट्टी होता है. इस क्षेत्र में चिकनी मिट्टी बहुत अधिक मात्रा में पाई जाने के कारण इस मिट्टी के नाम पर इस पार्क का नाम कान्हा रखा गया है. इस पार्क में आपको खासतौर पर बंगाल टाइगर, भारतीय चिता, शुस्त भालू, बारासिंघा एवं जंगली कुत्ता देखने को मिलेंगे. यह पार्क जुलाई से अक्टूबर के समय बंद रहता है और बाकि समय में खुला रहता है.
- रणथम्भोर – उत्तरी भारत का सबसे बड़ा उद्यान है. यह पार्क भारत के राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर में स्थित है. भारत सरकार के द्वारा 1955 में सवाई माधोपुर गेम सैंक्चुअरी के रूप में स्थापित किया गया था. जिसे 1973 में टाइगर सैंक्चुअरी के रूप में घोषणा किया गया और 1980 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दे दिया गया. रणथम्भोर नेशनल पार्क में आप आसानी से बाघ देख सकते है इसके साथ तेंदुआ, नील गाय, जंगली सूअर, धारीदार लकड़बग्घा, स्लॉथ बीयर, दक्षिणी मैदानी लंगूर, रीसस मकाक और हिरण देखने को मिल जाएँगे. आप इन सभी को देखन चाहते है तो आप नवम्बर से मई के मध्य यहाँ आ सकते है और इन सभी को देखकर आनंद उठा सकते है.
- केओलादेव पक्षी अभयारण्य – राष्ट्रीय जिसे सभी उद्यान केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है. यह पुरे भारत में बर्ड सैंक्चुअरी के रूप में काफी प्रसिद्ध है. यह उद्यान राजस्थान के भरतपुर में स्थित है. इस उद्यान को भरतपुर पक्षी विहार के रूप में भी जाना जाता हैं. यहाँ कुल 230 प्रजाति के पक्षियों को आश्रय दिया गया है. इस उद्यान का नाम यहाँ स्थित केवलादेव मंदिर के नाम पर रखा गया हैं. यहाँ अक्सर पक्षी वैज्ञानिक अपने किसी न किसी ख़ोज के सिलसिले में आते रहते हैं. आप भी इस उद्यान का आनंद लेकर घूमना चाहते है तो आप मानसून के मौसम को छोड़, किसी भी समय यहाँ आ सकते है.
- निर्मित गिर – 1965 निर्मित गिर राष्ट्रीय उद्यान भारत के गुजरात राज्य में स्थित है. यह उद्यान कुल तीन जिले सोमनाथ, जूनागढ़ एवं अमरेली जिले में स्थित है. यह पार्क शेर के लिए काफी मशूहर है, शेर के सिवा यहाँ कई प्रजातियों के जीव-जंतु और पुष्प मिलते है . यहाँ कुल 30 प्रजाति के स्तनधारी, सांपो के 20 प्रजाति के साथ-साथ कीड़ो-मकोडो और पक्षियों की प्रजाति पाई जाती है. इस उद्यान के बारे में कहा जाता है कि दक्षिणी अफ्रीका के बाद अगर कही शेर प्रकृतिक आवास में रहते है तो यही रहते है. अगर आप इस उद्यान में घुमने का मान बना रहे है तो मानसून का मौसम को छोड़कर आप यहाँ किसी भी समय में आ सकते है.
- सुंदरबन – सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल के सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र में स्थित है. इस नेशनल पार्क को 1973 में टाइगर सैंक्चुअरी 1977 में वनजीव अभ्यारण एवं 4 मई 1984 में इसे राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया हैं. यह सुंदरवन नेशनल पार्क में रॉयल बंगाल टाइगर का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है. यहाँ बाघ के सिवा पक्षियों, सरीसृपो तथा रीढविहीन जीवों के कई प्रजातियां पाई जाती है. इन जीव के सिवा गंगा नदी के किनारे पर स्थित होने के कारणवर्ष यहाँ खारे पानी का मगरमच्छ भी पाया जाता है. इस उद्यान का आनंद लेने का सही समय नवम्बर से मई के बीच का वक़्त होता है.
- काजीरंगा – पुरे विश्व में एक सींग वाला गेंडा के लिए प्रसिद्ध भारत के असम राज्य के गोलाघाट और नागांव जिले में स्थित है काजीरंगा. काजीरंगा अधिक घनत्व के शेरो के लिए भी जाना जाता है. हांथी, जंगली भैसे और दलदली हिरणों के लिए बड़ी आबादी वाला क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है. इस उद्यान का आनंद लेने के लिए उचित वक़्त मानसून को छोड़ किसी भी अन्य मौसम में जा सकते है.
- बांदीपुर नेशनल पार्क – दक्षिणी भारत के राज्य कर्नाटक में स्थित है. इस उद्यान की स्थापना 1974 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिजर्व के रूप में इसकी स्थापना की गई थी लेकिन आज के वक़्त में इसे बांदीपुर नेशनल पार्क के रूप में जाना जाता है. किसी समय में यह क्षेत्र मैसूर के महाराजा का निजी शिकारगाह हुआ करता था. यहाँ कई प्रजाति के स्तनपायी जीव जैसे बाघ, तेंदुआ, हाथी, भालू, गौर,हिरण, ढोल, सांबर, काकड़ और लोरिस अदि भी पाए जाते है. स्तनपायी जीव के सिवा यहाँ 200 से अधिक प्रजातियाँ भी उपलब्द है.
- ताडोबा – मध्य भारत के महाराष्ट्र राज्य के चंद्रपुर जिले में स्थित ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र का सबसे पुराना और बड़ा पार्क है. ताडोबा नाम यहाँ के स्थानीय लोगो के द्वारा पूजे जाने वाले भगवान तडोबा या तरु के नाम पर रखा गया है. यह उद्यान मुख्य रूप से टाइगर सैंक्चुअरी के रूप में भी जाना जाता है, लेकिन बाघ के सिवा यहाँ कई प्रजातियों के जीव-जन्तुओं का निवास स्थान भी है. इस स्थान पर यदि घुमने का मन हो तो उसका उचित समय नवम्बर से मई का है.
- पेरियार – केरल के म्लाप्पारा जिले में उद्यान पेरियार स्थित है. यह उद्यान बाघ और हाथी का अरक्षित क्षेत्र है. बाघ और हाथी के सिवा यहाँ कई तरह प्रजातियों का आश्रय भी है. जीव के साथ-साथ कई किट-पतिंगों और पक्षियों का भी निवास स्थान भी है. इस स्थान में घुमने का मन बना रहे तो उसका उचित समय नवम्बर से मई के बीच का है.
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