प्रकृति सबसे रचनात्मक होने के साथ सबसे बड़ी विनाशकारी भी होती है. इसे छेड़ना मानव जीवन के लिए कितना भारी पड़ सकता है समय-समय पर अपने तांडव से यह सबको अपनी मौजूदगी का अहसास कराती रहती है. फिलहाल केरल में अतिवृष्टि ने ऐसा रूप धारण कर लिया कि वहां के बाशिंदों का जीना मुश्किल हो गया है. पिछले एक सप्ताह से केरल में हो रही मूसलाधार बारिश से आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस कुदरत के कहर में 67 लोग मारे गए और हज़ारों बेघर हो गए हैं. प्रकृति के इस रौद्र रूप ने सैकड़ों मवेशियों की जिन्दगी भी निगल ली. बचाव कार्य के लिए केरल में सेना को उतरना पड़ा है .
- खबर पर एक नज़र
केरल में आई भीषण बाढ़ से कोच्चि हवाई अड्डे को पूरी तरह से बंद करना पड़ा है. इसके अलावा केरल के सभी डैमों को खोल देना पड़ा. डैम का मुंह खोलने से कई इलाके पूरी तरह से पानी में समा गए या तो पानी के साथ बह गए.
पिछले 10 दिन से लगातार हो रही बारिश से आम ख़ास सबका जीवन अस्त व्यस्त हो गया. रिहाइशी इलाकों में पानी भर गया. कारें बह गई तो कहीं-कहीं पूरा गाँव ही बारिश की भेंट चढ़ गया.
मौसम विभाग ने केरल के 12 जिलों में हाई एलर्ट ज़ारी किया है और वहां लोगों को सावधान रहने की अपील की है. गौरतलब है कि इस समय केरल में रेल सेवा बंद कर दी गई है. कई इलाकों में ट्रेन ट्रैक डूब चुके हैं. एक्सप्रेस और स्थानीय गाड़ियों को कई अलग अलग स्टेशनों पर रोक दिया गया है. केरल के मुख्यमंत्री इस बाढ़ की समीक्षा कर रहे हैं.
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक़ अथिराप्पल्ली, पोनमुदी और मन्नार सहित कई पर्यटन स्थलों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. निचले इलाके गोवरीसपट्टोम में कम से कम 18 परिवार बुरी तरह बाढ़ में फंस गए हैं.
पुलिस और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी परिवार को बाहर निकालने की कोशिश में लगे हैं. कई इलाकों में तो लोग छतों पर बैठे नज़र आ रहे हैं. ऐसे लोगों के पास पीने का पानी और खाने के नाम पर कुछ भी नही है. नवजात बच्चों के लिए दूध भी नही है. सेना के हेलीकाप्टर मदद के लिए ऊपर से राशन और पानी की बोतलें उपलब्ध करा रहे हैं लेकिन शायद यह पर्याप्त नही है.
मौसम विभाग के अनुसार, तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलप्पुझा, पथनमथित्ता, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर और कोझिकोड जिलों में 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी आने का अनुमान लगाया गया है. उत्तर में कासरगोड से लेकर दक्षिण में तिरुवनंतपुरम तक सभी नदियां उफान पर है और मुल्लपेरियार सहित कई बांधों का फाटक खोल दिया गया है.
केरल देश का ऐसा प्रांत है जिसके इलाके चेरापूंजी में हर समय बारिश होने का रिकॉर्ड है लेकिन इससे किसी तरह की जनहानि नही होती. इस बार प्रकृति के विनाशकारी रूप ने पूरे केरल को तहस नहस कर दिया है. सूबे के मुख्यमंत्री विजयन केंद्र सरकार के संपर्क में है. केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केरल को 100 करोड़ रूपए की आर्थिक मदद का ऐलान किया है. इस बारिश से हज़ारों लोग विस्थापित होकर ऊँचे इलाकों में कैम्पों में रह रहे हैं. सेना ने कई इलाकों में तम्बू लगाकर अस्थाई कैम्प बना रखा है.
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