देश की राजधानी दिल्ली में लोग दूर दराज़ के शहरों से शिक्षा हासिल करने आते है. शिक्षा के मामले में दिल्ली विश्वविद्याल लोगों की पहली पसंद है. बदलते समय के साथ शिक्षा का स्तर और इसके पाठ्यक्रमों में भी बदलाव आ रहा है. आधुनिकता बढ़ने के साथ-साथ लोगों में विदेशी भाषाओँ का ज्ञान हासिल करने का चलन भी काफी बढ़ गया है. विदेशी भाषा सिखने वाले बच्चों के लिए दिल्ली में विदेशी भाषा पाठ्यक्रम का चुनाव बेहतरीन विकल्प है.
देखा जाए तो विदेशी भाषा का ज्ञान मुख्यतौर पर दो वजहों के लिए किया जाता है. पहला शौक के लिए विदेशी भाषा सीखना और दूसरा धन कमाने के लिए उसका इस्तेमाल करना. अगर देखा जाए तो यह दोनों एक दूसरे से एकदम अलग हैं. आप किसी विदेशी भाषा का ज्ञान हासिल कर उसके जरिए आजीविका अर्जित भी कर सकते हैं. ऐसा करने के लिए आपको निरंतर संबंधित विदेशी भाषा की पत्र-पत्रिकाएँ और पुस्तकें आदि पढ़ते रहना होगा. इसके अलावा आपको संबद्ध भाषा बोलने वाले दूसरे लोगों से भी संपर्क बनाकर रखना होगा, इससे आप भाषा बोलने के कौशल में सुधार कर सकेंगे और साथ हीं भाषा के सूक्ष्म पहलुओं को भी समझ सकेंगे. इसलिए विदेशी भाषा में कोई भी पाठ्यक्रम पत्राचार के माध्यम से नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर आप ऐसा करते हैं तो आप संबद्ध भाषा पर मजबूत पकड़ नहीं बना पाएंगे. बेहतर होगा कि आप विदेशी भाषा के लिए नियमित पाठ्यक्रम को ही चुनें.
विदेशी भाषा से संबंधित पाठ्यक्रम मुख्यतौर पर तीन प्रकार के हैं –
- प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम,
- डिप्लोमा पाठ्यक्रम
- और डिग्री पाठ्यक्रम
प्रमाणपत्र और डिग्री पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आपको 10+2 की परीक्षा को उत्तीर्ण करना जरूरी है. वहीँ डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एलिजबिल्टी क्राइटेरिया ज्यादातर स्थानों पर रिलेटेड भाषा में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम है.
कई बार ऐसा होता है कि बिना जानकारी के छात्र-छात्राएँ भाषा पाठ्यक्रम में एडमिशन तो आसानी से ले लेते हैं, लेकिन बाद में उन्हें संबंधित भाषा को सीखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ जाता है. किसी भी विदेशी भाषा कोर्स में एडमिशन लेने से पहले छात्रों को सभी भाषाओं के बारे में, साथ हीं उस स्थान के बारे में जहाँ से वो विदेशी भाषा सीखना चाहते हैं उसकी अच्छी तरह से जानकारी लेनी चाहिए. छात्रों को उन भाषाओँ का चयन करना चाहिए जो भाषाएँ ग्लोबलाइजेशन के दौर में महत्वपूर्ण हैं. साथ हीं विद्यार्थियों को उनकी ओर कदम बढ़ाना चाहिए जिनसे आपको रोजगार के अवसर ज्यादातौर पर प्राप्त हों.
दिल्ली में विदेशी भाषा पाठ्यक्रम –
दिल्ली विश्वविद्यालय में न केवल रेग्यूलर कोर्सेज बल्कि विदेशी भाषाओं के पाठ्यक्रम में पार्ट टाइम, सर्टिफिकेट कोर्स और डिप्लोमा कोर्सेज भी उपलब्ध हैं. सबसे खास बात यह है कि दिल्ली में विदेशी भाषा पाठ्यक्रम में कम अंक वाले छात्र भी दाखिला ले सकते हैं. डीयू के विभिन्न कॉलेजो में विदेशी भाषाओं जैसे जर्मन, स्पैनिश, फ्रेंच और रशियन के लिए सर्टिफिकेट व डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं. इन कोर्सेज को पार्ट टाइम कोर्स या एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स कहा जाता है.
विदेशी भाषाओं में दाखिले का क्रेज दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. इसीलिए हर दिन हजारो-और लाखों की संख्या में लोग दिल्ली में विदेशी भाषा पाठ्यक्रम के लिए आवेदन करते हैं. डीयू में विदेशी भाषाओं में जर्मन, स्पैनिश, फ्रैंच और इटैलियन भाषा में ऑनर्स कोर्स उपलब्ध है. इसके अलावा डीयू में इन भाषाओं के साथ-साथ चीनी, जापानी, रशियन, पोलिश, बुलगेरियान व इटैलियन भाषा में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व एडवांस कोर्स भी कराये जाते है. ऑनर्स कोर्सेज में छात्रों को उस लैंग्वेज की रीडिंग और राइटिंग स्किल्स, ग्रामर, ट्रांसलेशन के साथ-साथ उस भाषा की हिस्ट्री, उस देश के कल्चर, लिटरेचर और सोशल लाइफ के बारे में भी जानकारी दी जाती है.
दिल्ली में विदेशी भाषा पाठ्यक्रम हंसराज कॉलेज, हिंदू कॉलेज, वेंकटेश्वर कॉलेज के आलावा मिरांडा हाउस, एसजीटीबी खालसा कॉलेज, कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, गार्गी कॉलेज, सेंट स्टीफंस कॉलेज, रामजस कॉलेज, दौलतराम कॉलेज, आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज और लक्ष्मीबाई कॉलेज में मौजूद हैं. जर्मन एवं रोमानियन स्टडीज में स्पेनिश, इटेलियन, जर्मन, पुतर्गाली, रोमेनियन और फ्रेंच भाषा की पढ़ाई भी कराई जाती है. दौलत राम कॉलेज, सेंट स्टीफंस कॉलेज में चीनी भाषा, जापानी भाषा और कोरियाई भाषा में एडवांस डिप्लोमा पाठ्यक्रम कराए जाते हैं.
चीनी और जापानी भाषा में सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के लिए –
चीनी और जापानी भाषा में सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम करने के इच्छुक छात्र अगर कॉलेज की तलाश में हैं तो वे निम्नलिखित कॉलेज से संपर्क साध सकते हैं –
- दौलत राम कॉलेज,
- एसजीटीबी खालसा कॉलेज,
- सेंट स्टीफंस कॉलेज,
- भारती कॉलेज,
- कालिंदी कॉलेज,
- लक्ष्मीबाई कॉलेज,
- रामजस कॉलेज,
- दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज
जानकारों की माने तो इन पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों को संबंधित देश या फिर वहां के संस्थान छात्रवृति भी प्रदान करते हैं.
विदेशी भाषा ऑनर्स कोर्स में दाखिले के समय इन बातों का रखें ध्यान –
दिल्ली में जर्मन क्लासेज, फ्रेंच, इटैलियन और स्पैनिश पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए आपको 12वीं में कम से कम 45 फीसदी अंक मिले होने चाहिए. कॉलेज में आपका दाखिला कटऑफ के आधार पर होता है. कटऑफ लिस्ट में आने के लिए आपको कड़ी मेहनत के साथ थोड़ी सूझ-बूझ के साथ बेस्ट फोर विषयों में से एक लैंग्वेज और तीन इलेक्टिव विषयों का चयन करना होगा. लेकिन अगर आपने अपनी 12वीं भी इन्ही किसी भाषा में की है और आप उसी भाषा में ऑनर्स भी करना चाहते हैं तो छात्र को 2 फीसदी का एडवांटेज भी मिलेगा. लेकिन अगर आपने अपनी 12वीं में कोई और विषय लिया था और आपने उस लैंग्वेज की पढाई नहीं की किसी मगर उसमें ऑनर्स करना चाहते है तो आपके 5 फीसदी अंक काटे जाएंगे.
इन कॉलेजों में लैंग्वेज कोर्सेज –
हंसराज कॉलेज– फ्रैंच, जर्मन व रशियन में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व एडवांस डिप्लोमा
हिंदू कॉलेज -फ्रेंच, जर्मन, स्पैनिश, रशियन में सर्टिफिकेट कोर्स
मिरांडा हाउस -फ्रेंच, जर्मन, स्पैनिश, रशियन में सर्टिफिकेट कोर्स
इंद्रप्रस्थ कॉलेज – फ्रेंच, जर्मन, स्पैनिश में सर्टिफिकेट व स्पेनिश में डिप्लोमा
सेंट स्टीफंस– फ्रैंच, जर्मन, स्पेनिश, इटेलियन, चाइनीज, जापानी
एसजीटीबी खालसा– जर्मन, स्पैनिश में सर्टिफिकेट कोर्स
सीवीएस– फ्रैंच, जर्मन में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा कोर्स
डीसीएसी-फ्रेंच, जर्मन, स्पैनिश, रशियन में सर्टिफिकेट कोर्स
दयाल सिंह कॉलेज -फ्रैंच, जर्मन, रशियन में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा
गार्गी कॉलेज – जर्मन, रशियन में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा कोर्स
देशबंधु कॉलेज- रशियन में सर्टिफिकेट कोर्स-
कमला नेहरू कॉलेज– फ्रैंच में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा कोर्स
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