न्यायालय जिसे हम अदालत या कोर्ट भी कहते हैं इसका तात्पर्य उस जगह से है जहाँ पर न्याय प्रशासन कार्य होता है. अकसर हम बोलचाल की भाषा में अदालत को कचहरी भी कहते हैं. न्यायपालिका एक स्वतंत्र निकाय होती है जो कानून के अनुसार देश की जनता को इंसाफ मुहैय्या कराती है. भारत में अपराधियों को सज़ा देने के लिए हर राज्य और हर जिले में न्यायलय है. इन न्यायालयों में न्यायधीश होते है जो किसी भी अपराधिक गतिविधि की जाँच करने के बाद फैसला सुनते हैं. देश की राजधानी दिल्ली में अदालतें ढ़ेरों हैं, जो कि दैनिक रूप से उनमें आए विभिन्न तरह के मुकदमों की सुनवाई करते हैं.
आईए जानते हैं कि देश की राजधानी दिल्ली में अदालतें कौन-कौन सी हैं.
सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट)
भारत का सर्वोच्च न्यायालय, भारत के संविधान के अंतर्गत उच्चतम न्यायिक मंच और अपील की अंतिम अदालत है. यह एक उच्चतम संवैधानिक न्यायालय है जिसके पास संवैधानिक समीक्षा की शक्ति है. भारत के मुख्य न्यायाधीश और 25 से अन्य न्यायाधीशों के साथ इसमें मूल, अपीलीय और सलाहकार क्षेत्राधिकार के रूप में व्यापक शक्तियां हैं. यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करता है और देश में विभिन्न सरकारों के बीच के विवाद को सुलझाता है.
यह एक सलाहकार अदालत के रूप में उन मामलों की सुनवाई करता है जो विशेष रूप से भारत के राष्ट्रपति द्वारा संविधान के तहत निर्दिष्ट किए जा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा घोषित कानून भारत के भीतर और साथ ही संघ और राज्य सरकारों द्वारा सभी अदालतों पर बाध्य होता है.
उच्च न्यायालय दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय को 31 अक्टूबर 1966 को स्थापित किया गया था. दिल्ली के उच्च न्यायालय की स्थापना चार न्यायाधीशों के साथ हुई थी. वे मुख्य न्यायाधीश थे- के एस हेगड़े, न्यायमूर्ति आई. डी. दुआ, न्यायमूर्ति एच. आर खन्ना और न्यायमूर्ति एस. के. कापूर
जिला न्यायालय (दिल्ली उच्च न्यायालय के अधीनस्थ)
आज, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में कुल छह जिला न्यायालय हैं, जो दिल्ली उच्च न्यायालय के अधीनस्थ कार्य करते हैं. आईये जानते हैं इन न्यायालयों के बारे में.
- तीस हजारी कोर्ट कॉम्प्लेक्स – पहला तीस हजारी कोर्ट कॉम्प्लेक्स है, जिसकी स्थापना सन 1958 में हुई थी.
- पटियाला हाउस कोर्ट कॉम्प्लेक्स, जिसकी स्थापना 1977 में हुई थी. पटियाला हाउस कोर्ट कॉम्प्लेक्स, दिल्ली राज्य के छह जिला न्यायालय परिसरों में से एक है. भारत में इंडिया गेट के पास स्थित, पटियाला हाउस कोर्ट कॉम्प्लेक्स 31,872 वर्ग मीटर के एक क्षेत्र में बनाया गया है. पूरे परिसर को पांच भागों में विभाजित किया गया है: मुख्य भवन, प्रकाशन भवन, अनुलग्नक भवन, लॉक-अप बिल्डिंग और विदेश मंत्रालय भवन.
- कड़कड़डूमा न्यायालय परिसर है जिसकी स्थापना 1993 में हुई थी.
- रोहिणी कोर्ट कॉम्प्लेक्स, की स्थापना 2005 में हुई थी.
- द्वारका कोर्ट कॉम्प्लेक्स,की स्थापना सन 2008 में हुई थी.
- साकेत कोर्ट कॉम्प्लेक्स, की स्थापना सन 2010 में हुई थी.
अगर जिले की बात करें तो दिल्ली में अदालतें छह भौगोलिक स्थान पर हैं, जबकि वास्तव में ग्यारह जिला न्यायालय हैं, जिनमें सभी जिले के जिला न्यायाधीश हैं. तीस हजारी परिसर रोहिणी परिसर और साकेत परिसर में प्रत्येक के पास दो जिले हैं, कड़कड़डूमा कॉम्प्लेक्स तीन जिले का आयोजन करता है और शेष परिसरों में प्रत्येक एक जिला अदालत का आयोजन किया जाता है.
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