दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दम्भ भरने वाली भारतीय करेंसी अमरीकी डॉलर के सामने औंधे मुंह गिर गई है. 1 डॉलर के मुकाबले भारतीय रूपए की कीमत 70.07 पर पहुँच गई जो अपने सबसे न्यूनतम स्तर पर मापी गई है. बीते 72 सालों में इंडियन करेंसी की इतनी बुरी दशा कभी नही हुई.
- जानिए क्या है पूरा मामला
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है. इस रिकॉर्ड गिरावट के बाद सरकार ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है. आर्थिक मामलों के सचिव की मानें तो यह गिरावट आंतरिक ना होकर बाहरी कारकों की वजह से है जो कुछ समय में ठीक हो जाएगा. हालांकि यह गिरावट बीते सोमवार से ही ज़ारी थी जो आज अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई. रूपए की इस दुर्गति पर विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हो गई हैं.
मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनज़र वित्त मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने बताया है कि मार्केट में रुपया ज्यादा दिन इस स्थिति में नही रहेगा उसमें जल्द ही सुधार हो जाएगा. उनके मुताबिक़ शेयर बाजार में लगातार बिकवाली की वजह से मार्केट में रूपए की वैल्यू में थोड़ा सा अंतर आया है.
आपको बता दें कि कुछ आर्थिक चिन्तक भारतीय रूपए के इस स्तर पर पहुँचने में तुर्की और अमेरिका के बीच तनातनी भी मान रहे हैं. गौरतलब है कि इन दिनों अमेरिका ने तुर्की के स्टील प्रोडक्ट्स पर आयात शुल्क दो गुना कर दिया है जिसके चलते तुर्की करेंसी लीरा में लगातार गिरावट का असर देखा जा रहा है. तुर्की और अमेरिकी राष्ट्रपतियों के बीच लगातार जुबानी जंग ज़ारी है. अभी हाल ही में तुर्की राष्ट्रपति ने अमेरिका को चेतावनी दी थी कि उसके पास अल्लाह हैं वो किसी से नही डरते. हलांकि अमेरिका ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है कि उनकी वजह से तुर्की में आर्थिक संकट आया है.
आपको बता दें कि तुर्की के आर्थिक संकट पर जर्मनी ने भी उसका खुलकर साथ दिया है. उसने कहा है कि यदि यूरोप के देश आर्थिक तौर पर मजबूत रहेंगे तभी संगठन में स्थिरता आएगी. आपको यहाँ जानना जरुरी है कि तुर्की कई दशक से अमेरिका का बड़ा सहयोगी देश रहा है और नाटो का सदस्य भी है.
जानकार बताते हैं कि तुर्की की अर्थव्यवस्था पर पड़ते प्रभाव की वजह से ही डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी कमजोर हुई है. अब वजह जो भी हो लेकिन भारतीय मुद्रा का लगातार टूटना देश के लिए चिंता का विषय है. अब सरकार इस पूरे मामले पर क्या करती है यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा.
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