राजधानी दिल्ली का मौसम काफी समय से भयानक स्मॉग से घिरा हुआ है। जिसका बुरा प्रभाव लोगों की सेहत पर पड़ता दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं, लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। आस्थमा और दमा के मरीज़ बहुत परेशान हो रहे है। यह ज़हरीली हवा किसी को नहीं बख्श रही। बच्चों के स्कूल की छुट्टियों को बढ़ा दिया गया। वहीं, सरकार ने ऑड-ईवन नियम को भी कुछ दिन के लिए लागू कर दिया था। तमाम कोशिशों के बावजूद भी अब एक बार फिर से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर फिर से देखने को मिल रहा है।
आपको बता दें कि, दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद से ही स्मॉग की चादर फैली हुई है। जिसमें लोगों का दम घुट रहा है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से वायु की गुणवत्ता खराब हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी में आज की बात करें तो लोधी रोड इलाके में सुबह के समय पीएम2.5 261 रहा तो पीएम10 249 है। यह दोनों ही खराब श्रेणी में माना जाता है।
गुरुवार को हवा की गति में कमी आई। जिसकी वजह से आर्दता का स्तर अधिक बढ़ गया। जिसकी वजह से दिल्ली और राजधानी के कई क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई थी।राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे एक्यूआई 361 था। रोहिणी में गुरुवार को एक्यूआई 410, आनंद विहार में 413, नेहरू नगर में 403 और बवाना में 404 था। यहां प्रदूषण गंभीर श्रेणी में रहा। निजी मौसम विज्ञान संस्था स्काईमेट वेदर के मुताबिक, 23 नवंबर को हवा का रुख बदलेगा। हल्की हवा चलने से स्मॉग से राहत मिलेगी, लेकिन यह भी अस्थायी होगी क्योंकि 25 नवंबर से एक और पश्चिमी विक्षोभ बन रहा है जिससे हवा की गति फिर मंदी पड़ सकती है। उन्होंने कहा, ’25 और 26 नवंबर को अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। ऐसा होता है तो प्रदूषक तत्व हट जाएंगे।’ सरकारी वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था सफर ने बताया कि, शनिवार को हवा की गति मे तेज़ी आएगी। जिससे प्रदूषक तत्व छितरा जाएंगे और प्रदूषण से राहत मिल सकती है।
बता दें कि, प्रदूषित हवा लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। पूरी दिल्ली स्मॉग से घिरी हुई है। आज दिल्ली की हवा काफी खराब है। एयर क्वालिटी का स्तर बढ़ने से लोगों की परेशानियां बढ़ गई है। इससे पहले भी 10 दिन तक दिल्ली के लोग इस मार को झेल रहे थे। वैसे मौसम विभाग की मानें तो, दिल्ली में जल्द बारिश होने के आसार है जिससे प्रदूषण साफ हो सकता है और फिर साफ हवा में सांस ले पाएंगें। राजधानी में प्रदूषण का स्तर बढ़ते देख संसद में चर्चा हुई थी। इस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि, यह साल का एक ऐसा समय है, जब राजधानी दिल्ली सहित कई शहरों की वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो चुकी है, उन्होंने कहा कि हम सब एक ऐसी चुनौती का सामना कर रहे हैं जो पहले कभी नहीं रही।
राज्यसभा में एक सवाल पर जवाब देते हुए पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री बाबुल सुप्रीयो ने बताया कि दिल्ली में पराली का असर 7 नवम्बर से 31 अक्तूबर के बीच 2 से 46 प्रतिशत तक रहा है। राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता ने अपने प्रश्न के जवाब में आए तथ्यों को साझा किया। केंद्र सरकार ने बताया है कि पंजाब, हरियाणा में पराली जलाने से संबंधित योजना पर केंद्र सरकार ने करीबन 1151 करोड़ रूपए खर्च का प्रावधान रखा है।