देशभर में शराब का सेवन अधिक मात्रा में करने वाले लोगों के परिजन काफी परेशान रहते हैं। नशे की लत आजकल कम उम्र में ही लग जाती है। जिससे पीछा छुड़ाने के लिए लोग तमाम कोशिशें करते हैं इसके बावजूद भी वह इसमें अपना पूरा कर देते है, जोकि एक बड़ी समस्या बनी रहती हैं उन परिवारवालों के लिए जिनके घर में उनका एक ही लड़का कमाने वाला हो। वो दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाते है। यह हर दूसरे घर की कहानी बनती नज़र आ रही है। शराब एक ऐसी लत है जिसकी तलब हमेशा पीने वाले को लगती है। हालांकि, कुछ लोग शराब सिर्फ थोड़ा-बहुत एंजॉय करने के लिए पीते हैं, लेकिन कई लोग इसके आदि हो जाते है और खुद की ज़िंदगी बर्बाद कर लेते हैं।
हाल ही में, शराब की तलब पर नियत्रंण पाने के लिए एक खोज सामने आई है। जिससे शराब पीने वाले व्यक्ति की तलब कम हो जाएगी। इस अध्ययन से दावा किया जा रहा है कि, शराब पीने के आदि लोगों को शराब की तलब लगनी कम हो जाएगी। इससे कई परिवार सुखी हो जाएंगें। तो कई लोग जो शराब की लत से खुद छुटकारा पाना चाह रहे थे और नहीं छोड़ पा रहे हैं उनके लिए यह खबर बेहद ही अहम है। अध्ययन का दावा है कि, केटामाइन नामक दवा की एक खुराक लोगों में शराब पीने की तलब को कम कर सकती है। नेचर कम्युनिकेशन पत्रिका में छपे अध्ययन के मुताबिक, इस दवा की एक खुराक से अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने वाले लोगों की तलब में कमी आई। इस प्रयोगात्मक अध्ययन को 90 लोगों पर करीब नौ महीने तक किया गया। जिसके निष्कर्ष में सामने आया है कि, यह दवा वाकई शराब पीने वाले लोगों पर असरदायक साबित हो रही है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ता रवि दास ने कहा, ‘हमने बहुत ज्यादा पीने वालों पर एक आसान प्रयोगात्मक उपचार का दीर्घकालीन प्रभाव पाया।’ इसी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर संजीव कांबोज ने कहा, ‘केटामाइन सुरक्षित और आम दवा है, जिसके प्रभाव को डिप्रेशन समेत कई मनोरोगों पर परखा जा रहा है। इस दवा में शराब की समस्या को दूर करने की संभावना भी तलाशी जा रही है’।
आपको बता दें कि, शराब पीने वालों पर लगाम कसने के लिए सरकार ने कई कड़े कदम उठाए है। हालांकि इन फैसलों पर लोगों ने काफी विवाद भी किया, लेकिन सरकार टस से मस नहीं हुई। आज भी उन नियम का पालन कई जगहों पर हो रहा है। कई राज्यों में शराब बिकनी बैन है तो कई जगह शराब की कीमतों को अधिक महंगी कर दी गई है जिसकी वजह से लोग उसे खरीदने से कतराते हैं। शराब पर पाबंदी करने वाले राज्य में सबसे पहला नाम गुजरात का है फिर दूसरा नागालेंड, तीसरा मिजोरम और चौथा बिहार है। वहीं, इस मामले में बिहार चौथा ड्राई देश बन गया है। वहीं, यूपी और गाजियबाद इलाके में शराब महंगी दर पर बिकती है, इसलिए वहां के लोग इसे खरीदने से कतराते हैं। ऐसे में शराब की तलब कम करने की दवा के मार्केट में आने का लोगों का इतंजार रहेगा।