भारत वो देश जहाँ विविध प्रकार की प्राकृतिक जड़ी बूटियां पाई जाती हैं। आयुर्वेद की पुरानी पद्धति को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय माना जाता है। क्योंकि आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां आपके स्वास्थ्य को काफी बेहतर कर सकती हैं। प्राचीन समय में भी यूनानी पद्धति की मदद से ही लोगों का उपचार किया जाता था। उसी प्रकार आज भी लोग अपनी समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक दवाओं को चुनते हैं। आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसकी समस्या में उसे जल्द से जल्द आराम मिल जाये। इसके लिए वह कई तरह के आसान तरीको को भी अपनाते हैं। जीवन में परेशानियों का आना जाना लगा ही रहता है पर उन परेशानियों का डटकर सामना करना ही जिंदगी है। आमतौर पर हम और आप कई बार अपनी समस्याओं से काफी परेशान रहते हैं। उसमें हमारी शारीरिक समस्याएं काफी तकलीफ पहुँचाती हैं। दरअसल ये ना केवल हमारे शरीर को बल्कि आर्थिक रूप से हमारी स्थिति को भी काफी प्रभावित करती हैं। जिसके कारण हमारी पूरी दिनचर्या पर भी प्रभाव पड़ता है। तो आज हम आपको कुछ ऐसे व्यक्तियों के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपनी कई परेशानियों में आराम पाया है और हकीम सुलेमान खान साहब के घरेलू नुस्खों से खुद को सेहतमंद किया है।
आपको बता दें कुछ सेहतमंद लोगों ने हमारे साथ हुई खास बातचीत में अपने अनुभव को भी साझा किया है तो चलिए सबसे पहले बात करते हैं बेंगलुरू के एक पेशंट जिनका नाम है इम्तियाज़ अली जी। बेंगलुरू के रहने इम्तियाज़ जी की उम्र 55 साल है। इम्तियाज़ साहब जब बिल्डर थे तो उनके जोड़ों में हल्का दर्द हुआ। उस समय काम इतना ज्यादा था कि उन्होंने खुद पर ध्यान ही नहीं दिया। समय बीतता गया इम्तियाज़ साहब का दर्द बढ़ने लगा। दर्द इतना बढ़ गया कि उन्हें अपना काम ही छोड़ना पड़ा। जोड़ों के दर्द के कारण उनका इस उम्र में चलना फिरना भी काफी मुश्किल हो रहा था जब उन्हें कहीं से भी आराम ना मिला तो उन्होंने हकीम साहब की यूनानी जड़ी बूटी को इस्तेमाल किया। साथ ही उनकी यूनानी दवा टी केयर को लिया जो जोड़ों के दर्द में काफी कारगर है। आज हकीम साहब की मेहरबानी से ही उनको नया जीवन मिला है। इसके लिए वह हकीम साहब के काफी शुक्रगुजार हैं।
साथ ही हमारे दूसरे पेशंट महेंद्र सिंह जी जो दिल्ली के रहने वाले हैं। आपको बता दें बढ़ती उम्र के साथ इनका घुटनों का दर्द भी बढ़ता गया। घुटनों के दर्द के साथ उन्हें दिल की बीमारी भी थी। पर हकीम साहब के घरेलू नुस्खे से आज वह काफी स्वस्थ हुए हैं। घुटनों के दर्द में उन्होंने गोंद सियाह का सेवन किया। ये गोंद खाने में भले ही कड़वा हो पर इसके फायदे काफी असरदार हैं। आज वो अपने स्वस्थ होने का सारा श्रेय हकीम सुलेमान खान साहब को देते हैं। इनकी पत्नी दयावती जी हकीम जी के घरेलू नुस्खों को घर घर पहुँचा रही हैं। जिससे जरूरतमंद लोगों की काफी मदद हुई है।
हमारी तीसरी पेशंट मुंबई की जहां आरा जी हैं। इन्हें भी अपने बरसों पुराने दर्द की समस्या थी। मुंबई की रहने वाली जहां आरा जी की उम्र 35 साल है। इस उम्र में भला कौन इतनी गंभीर समस्याओं को झेल सकता है। लेकिन जहां आरा ने अपने जीवन में काफी समस्याओं का सामना किया है। जहां आरा जी की एक बात बहुत ही अलग है। और वो ये है कि उन्होंने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी। इसी विश्वास के साथ ही उन्होंने अपनी बीमारी को दूर किया है। पैरों में होने वाले दर्द और जोड़ों के दर्द के कारण उनका उठना बैठना भी काफी मुश्किल था पर अब उन्हें S CARE के इस्तेमाल से अपनी तकलीफ में काफी आराम मिला है।
साथ ही हमारे चौथे पेशंट दिल्ली के अशोक अग्रवाल जी को भी काफी फायदा हुआ है। इनकी उम्र 65 वर्ष है। अशोक अग्रवाल जी पेशे से एक सम्मानित वकील हैं। और दिल्ली के ही एक न्यायालय में प्रैक्टिस करते हैं। उनका काम ही उनकी पहचान है। दरअसल अशोक अग्रवाल जी पिछले 15 सालों से घुटनों के दर्द से काफी परेशान थे। दर्द के इस शुरूआती दौर में तो अशोक को ज्यादा कुछ महसूस नहीं हुआ। थोड़ा बहुत दर्द होता भी था तो उसके लिए वे पेनकिलर का इस्तेमाल किया करते थे। धीरे धीरे घुटनों का बढ़ना शुरू हो गया। उसके बाद उन्होंने गोंद सियाह का इस्तेमाल किया जिसके बाद वो हैरान ही रह गए क्योंकि इतनी जल्द ही इसने अपना असर जो दिखा दिया। अब अशोक जी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। वे खुद को काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे कि वे हकीम साहब के संपर्क में आये।
मुंबई के मोहम्मद रफीक जी की उम्र 53 साल है। इस उम्र में वे काफी फिट और सेहतमंद हैं। वे मुंबई में ही एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। रफीक जी चाहते थे कि उन्हें कोई ऐसा नुस्खा मिले जिससे उनका कमर दर्द और पेट की समस्या सही हो सके। रफीक जी बताते हैं कि उनके लिए सबसे अच्छी बात ये थी कि वे साल 2015 में ही आयुर्वेद में मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब से मिल चुके थे। इसीलिए उन्हें यूनानी पर काफी भरोसा था। गोंद सियाह के जरिए ही उन्होंने अपना कमर दर्द दूर किया साथ ही पेट के लिए हकीम साहब का घरेलू नुस्खा अपनाया।
मुंबई की कल्पना जी की उम्र 49 है। कल्पना जी के घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वे घर का खर्च चलाने के लिए साडियों पर फॉल लगाती हैं। जिन्हें शरीर में काफी दर्द था पर आज वो आसानी से अपने घर के काम कर लेती हैं पहले जहाँ उन्हें किसी और का सहारा लेकर चलना पड़ता था वहीं आज वह खुद अपने काम कर लेती हैं। यह सिर्फ और सिर्फ हकीम जी के घरेलू नुस्खे से संभव हो पाया है। उनके बेटे कार्तिक जी अपनी माँ की अच्छी सेहत को देखते हुए काफी खुश हैं इसके लिए वह हकीम जी का तहे दिल से धन्यवाद करते हैं।
एक और खास पेशंट हैं जिनके स्वास्थ्य में काफी सुधार आया है। वो पेशंट हैं मुंबई की हसीना खान। मुंबई की रहने वाली हसीना खान जी की उम्र 58 साल है। हसीना खान जी को कमर में काफी दर्द था जिसकी वजह से वह काफी परेशान थी। दरअसल एक दिन हसीना खान जी काम करते हुए गिर गयीं और उन्हें इसकी वजह से रीढ़ की हड्डी में चोट लग गयी। रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से उन्हें दर्द रहने लगा। जब उन्हें कोई रास्ता नहीं मिला तो उन्होंने हकीम जी की कारगर दवा S CARE का सेवन किया जिसकी वजह से आज वो अपने घर का काम भी आसानी से कर पाती हैं। हसीना जी कहती हैं कि जब उन्होंने हकीम जी के ये शब्द सुने की वह ऑपरेशन से बचाते हैं। तो यही बात उनके अम्ल में रही। आज परिणाम ये है कि वह दूसरों की भी काफी मदद कर रहीं है।
मुंबई की रहने वाली आलिया खातून खान जी की उम्र 45 साल है। दरअसल आज के समय में वे बहुत ही स्वस्थ और सेहतमंद जिंदगी बिता रही हैं। लेकिन आज से कुछ समय पहले वो अपने हड्डियों के दर्द से काफी परेशान रहती थी। उन्हें हड्डियों और नसों में काफी दर्द रहता था। जिसके कारण उनका खड़ा रहना भी काफी मुश्किल था। पर हकीम जी की यूनानी दवा S CARE ने उनकी जिंदगी ही बदल दी। आज उन्होंने खुद तो अपना दर्द दूर किया ही है साथ ही और लोगों की भी काफी मदद कर रही हैं। उनका कहना है कि आज जो वह सही तरह से खड़ी हो पाती हैं उसका सारा श्रेय वो हकीम सुलेमान खान साहब को देती हैं।
हकीम साहब के बेहतरीन और असरदार नुस्खे की वजह से ही आज कई सारे लोग स्वस्थ हुए हैं। माननीय हकीम साहब से जुड़कर लोगों को काफी फायदा पहुँचा है। हकीम जी के सभी पेशंट अपनी दवाईयों को ATIYA HERBS से ऑर्डर करते हैं। यहाँ पर उन्हें सभी दवाईयां आसानी से मिल जाती हैं। सभी के लिए समस्याएं चाहे कितनी भी गंभीर क्यों ना हो पर उनका कोई ना कोई हल जरूर होता ही है। इसके साथ ही हकीम जी काफी लोगों को यूनानी जड़ी बूटियों से स्वस्थ कर चुके हैं। जिसकी वजह से लोगों को हकीम जी पर अटूट विश्वास भी हो गया है। आज करोड़ो लोग सेहत और जिंदगी प्रोग्राम के जरिये हकीम जी के घरेलू नुस्खों को देखते हैं और इसके जरिए लोगों को ये नुस्खे अपनाने की सलाह भी देते हैं। अगर आपको भी इन पेशंट की तरह स्वस्थ होना है तो आपके लिए भी यूनानी जड़ी बूटियां काफी असरदार हो सकती हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं। यह एक मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के ही औषधीय गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।
- Clinic – The Herbals – Atiya Healthcare
- Address – 21B/6, Basement Near Liberty Cinema, New Rohtak Road, Karol Bagh, New Delhi-5