लखनऊ के मिर्ज़ा मुम्ताज नज़ीर साहब की उम्र 62 साल से अधिक है। वे अपने परिवार के साथ ही लखनऊ में रहते हैं। नज़ीर साहब सरकारी जॉब करते थे और साल 2020 के जून में रिटायर हो गये। रिटायरमेंट के बाद से ही वे अपना समय अपने परिवार के साथ बिताते हैं। लेकिन थोड़े ही समय बाद उन्हें भी परेशानियों ने आ जकड़ा। दरअसल उन्हें घुटनों में दर्द हो गया। घुटनों का दर्द उन्हें इतना तेज होता था कि उनका चलना फिरना तक मुश्किल हो गया था।
कई बार ऐसा होता है कि चलते-फिरते, उठते-बैठते या फिर सीढ़ियां चढ़ते-उतरते समय घुटने में चोट लग जाती है। हालांकि, घुटने में चोट लगना कोई गंभीर विषय नहीं है, लेकिन कई बार चोट इतनी गहरी होती है कि उसके लिए घुटनों के दर्द की दवा लेनी पड़ती है। अपनी समस्या से परेशान नज़ीर साहब ने कई तरह के उपाय किये लेकिन उन्हें अपनी समस्या में कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा था। अब यह समय आ गया था कि जब दर्द ज्यादा हो जाता था तो वे एलोपैथिक दवाओं का इस्तेमाल कर लेते थे। इसी जद्दोजहद में उनका जीवन चल रहा था। उन्हें अपने स्वस्थ होने की कोई किरण नहीं दिखाई दे रही थी। वो कहते हैं ना कि जब इंसान के सारे रास्ते बंद हो जातें हैं तो भगवान एक ना एक रास्ता उसके लिए खोल ही देता है। नज़ीर साहब के लिए भी एक रास्ता खुला हुआ था। वो भी आयुर्वेद के महान और मशहूर माननीय हकीम सुलेमान खान साहब का।
दरअसल नज़ीर साहब की मुलाकात हकीम जी से टीवी के माध्यम से हुई। टीवी पर हकीम जी का बहुचर्चित शो सेहत और जिंदगी चलता है। बस उसी के माध्यम से नज़ीर साहब की पहली बार मुलाकात हुई। उन्होंने हकीम जी का शो पूरा देखा और देखा कि किस प्रकार हकीम जी लोगों की बड़ी से बड़ी समस्या में घरेलू नुस्खे बता रहे हैं। हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाकर लोग स्वस्थ भी हुए हैं। नज़ीर साहब के मन में भी आया कि क्यों ना वे भी एक बार हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनायें। उन्होंने हकीम जी से संपर्क किया और उन्हें अपने घुटनों के दर्द बताई। हकीम जी ने उन्हें घुटनों के दर्द के लिए सबसे कारगर बूटी गोंद सियाह का इस्तेमाल करने की सलाह दी। नज़ीर साहब पहले ही अपनी समस्या को लेकर काफी परेशान थे। उन्होंने सबसे पहले ATIYA HERBS से असली गोंद सियाह ऑर्डर कर दिया। दवाओं के आने के बाद उन्होंने जैसा कि हकीम जी ने बताया था उसी प्रकार इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। नुस्खों का इस्तेमाल करने के बाद उन्हें कुछ ही समय में आराम होने लगा। अपनी समस्या में आराम होने के बाद वे काफी खुश हुए। हालांकि उन्होंने हकीम जी का नुस्खा छोड़ा नहीं। वे अब भी हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपना रहे हैं। अपनी घुटनों के दर्द में आराम मिलते देख नज़ीर साहब ने अपनी शुगर की समस्या में भी हकीम जी की बूटी अपनाया और अपने आप को स्वस्थ कर लिया।
गोंद सियाह और जैतून के सिरके के इस्तेमाल से नज़ीर साहब अपनी समस्याओं को अलविदा कह चुके थे। अब उन्हें कोई समस्या नहीं थी। साथ ही वे अपनी हर छोटी मोटी समस्या के लिए भी हकीम जी के घरेलू नुस्खे अपना रहे थे। नज़ीर साहब हकीम जी का शो रोजाना देखते हैं और जो नुस्खे हकीम जी बताते हैं उन्हें एक कॉपी में लिखते हैं। नज़ीर साहब पिछले 2 साल से हकीम जी से जुड़े हुए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने यूनानी और हकीम जी दोनों पर भरोसा किया और दोनों ने ही बहुत ही वफादारी के साथ अपना काम किया है। आज अगर वे स्वस्थ हैं तो केवल हकीम जी और उनके यूनानी नुस्खों की मदद से। नज़ीर साहब अपने इलाके के कई लोगों को हकीम जी के नुस्खों को अपनाने की सलाह दे चुके हैं। कई लोगों ने हकीम जी के नुस्खे लिए भी हैं और जिन्होंने लिए हैं उन्हें काफी आराम मिला है।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गोंद सियाह कैसे मिलता है और यह देखने में कैसा होता है। यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है। यह समस्त भारतवर्ष में पाया जाता हैं। यह एक मध्यप्रमाण का वृक्ष है जो अनेक शाखाओं प्रशाखाओं से युक्त होता है। गोंद सियाह, पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है वह सूखने पर काला और ठोस हो जाता है उसे गोंदिया कहते हैं, गोंद सियाह देखने में काले रंग का होता है। वह बहुत ही पौष्टिक होता है उसमें उस पेड़ के ही औषधीय गुण पाए जाते हैं गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है जो हमारे जोड़ों के दर्द, शरीर की कई बीमारियों को हम से दूर रखता है।
आप भी असली गोंद सियाह मंगवाने के लिए इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।
011 4023 1546
- Clinic – The Herbals – Atiya Healthcare
- Address – 21B/6, Basement Near Liberty Cinema, New Rohtak Road, Karol Bagh, New Delhi-5