हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के दिन को काफी शुभ माना जाता है। इस दिन नदियों मे स्नान कर भगवान विष्णु की अराधना करने से सुख-समृधी और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस दिन को इसलिए भी खास माना जाता है क्योंकि आज के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर को मारा था। इस खुशी मे सभी देवी-देवताओं ने दीवाली मनाई थी। इसी अवसर को ध्यान में रखकर कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन होती है तुलसी पूजा
कहते हैं तुलसी की पूजा करने से घर में धन की प्राप्ति होती है। आपने देखा होगा कि घर की सभी महिलाएं रोज़ाना सुबह नहा कर अपने आंगन की तुलसी को पूजती हैं। ऐसा इसलिए क्योकि तुलसी पूजन से धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन तुलसी पूजन की खास मान्यता है। इसलिए आज के दिन तुलसी पूजन करते समय तुलसी के पौधे के नीचे घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। इसके अलावा आज के दिन घर में पूरे 31 दीपक जलाएं व लक्ष्मी माता की अराधना करें। और सुख-समृधी की कामना करें।
इसलिए की जाती है तुलसी की पूजा
कहा जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है। शास्त्रों में मान्यता है कि तुलसी जी की बात भगवान विष्णु कभी नहीं टालते थे। इसलिए माना जाता है कि यदि तुलसी माता प्रसन्न हो जाएं तो सभी दुख-तकलीफें दूर हो जाती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
- सभी तीज-त्योहारों पर तुलसी के पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि तुलसी के पौधे को बहुत ही पवित्र माना जाता है। जिसके इस्तेमाल से पवित्रता फैलती है।
- तुलसी के पूजन से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही ये भी कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति तुलसी की अराधना करता है उसके सारे पाप धुल जाते हैं।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पाठ करने से धन की प्राप्ति होती है। और घर में सुख-शांती बरकरार रहती है।
पूजा का मुहूर्त
इस साल कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर के दिन मनाई जाएगी। और इस बार खास बात ये है कि ये त्यौहार मंगलवार के दिन है। पूजा की मुहूर्त की बात करें तो 12 नवंबर के दिन शाम के 7 बजकर 4 मिनट तक पूजा की जा सकती है। इस दिन 32 दीपक जलाकर तुलसी की अराधना करें।
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