मध्यप्रदेश एक अनोखी और लुभावनी जगह है जहाँ आपको विभिन्न प्रकार के मेले, नृत्य, बोली देखने व् सुनने को मिलेगी. आज इस आर्टिकल में आपको मध्यप्रदेश की संस्कृति के बारे में बताएँगे जिससे आपको पता चले की आखिरी क्यों इसे भारत का दिल कहा जाता है?
यूनेस्को द्वारा मध्य प्रदेश के चार स्थलों को विश्व धरोहर की घोषणा की गई है: खजुराहो ग्रुप ऑफ स्मारक (1986) देवी जगदंबी मंदिर, खजुराहो, सांची में बौद्ध स्मारक (1989) और भिंबेटका (2003) के रॉक शेल्टर. अन्य वास्तुकलात्मक रूप से महत्वपूर्ण या प्राकृतिक स्थलों में अजयगढ़, अमरकंटक, असिगढ़, बंधवगढ़, बावांगजा, भोपाल, विदिशा, चंदेरी, चित्रकुता, धार, ग्वालियर, इंदौर, नमवार जबलपुर, बुरहानपुर, महेश्वर, मंडलेश्वर, मंडु, ओमकारेश्वर, ओरछा, पचमढ़ी, शिवपुरी, सोनागिरी, मांडला और उज्जैन है.
- मध्य प्रदेश अपने शास्त्रीय और लोक संगीत के लिए प्रसिद्ध है. मध्यप्रदेश में उल्लेखनीय हिंदुस्तान शास्त्रीय संगीत घरों में से कुछ में माहर घराना, ग्वालियर घराना और सेनिया घराना शामिल हैं. मध्ययुगीन भारत के सबसे प्रसिद्ध गायक, तानसेन और बाजू बावरा का जन्म मध्य प्रदेश में ग्वालियर के पास हुआ था. अमीनुद्दीन डागर (इंदौर), गुंडेचा ब्रदर्स (उज्जैन) और उदय भावलकर (उज्जैन) भी मध्य प्रदेश में पैदा हुए थे. उल्लेखनीय प्लेबैक गायक किशोर कुमार (खांडवा) और लता मंगेशकर (इंदौर) और गायक और संगीतकार आदेश श्रीवास्तव (जबलपुर) के जन्मस्थान भी एमपी में स्थित हैं. लोक गायन की स्थानीय शैलियों में फगा, भारथारी, संजा गीते, भोपा, कल्बेलिया, भट/भंड/चरन, वासदेव, विडिया, कलगी टूर्रा, निरुगुनिया, आल्हा, पांडवानी गायन और गरबा गार्बी गोकलन शामिल हैं.
- मध्यप्रदेश की संस्कृति में प्रमुख लोक नृत्य मटकी, गणगौर, नौराता, बधाई, बरेडी, अहिराई अहिरी और भोरिया हैं. यह के प्रसिद्ध मेले रामलीला, हीरा भूमियाँ, पीर बुधान का मेला, नागाजी का मेला, तेताजी आदि के मेले लगते है. मध्यप्रदेश में आमतौर पर हिंदी ही बोली जाती है लेकिन इन बोली भाषाओं में मालवा में मालवी, निमर में निमादी, बुंदेलखंड में बुंदेली, बागेलखंड में बागली और दक्षिणपूर्व और राजस्थान के पास राजस्थानी हैं. इनमें से प्रत्येक भाषा में अपनी बोलीभाषा है. अन्य भाषाओं में तेलुगू, भीलोदी (भिली), गोंडी, कोर्कू, कल्टो (नाहाली), और निहाली (नहली) शामिल हैं जो सभी आदिवासी समूहों द्वारा बोली जाती है.
इसे भी पढ़े: मध्यप्रदेश के निर्माण की कहानी और अन्य तथ्य