जिंदगी में कभी-कभी हम ऐसे दर्दनाक मोड़ों से गुजरते हैं, जिनसे उबर पाना मुश्किल हो जाता है। उत्तर प्रदेश के सहरानपुर में खालापार मोहल्ले में रहने वाली 76 वर्षीय विमलेश जी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जो एक समय घुटनों के असहनीय दर्द से परेशान थीं। एक दिन अचानक सर्दियों में उनके घुटनों में इतना दर्द हुआ कि वह अपनी रोजमर्रा की गतिविधियाँ भी नहीं कर पा रही थीं। उठना-बैठना, चलना-फिरना सब कुछ असंभव सा हो गया था। लाख कोशिस करने और डॉक्टरों के चक्कर लगाने के बावजूद, उन्हें राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी। लेकिन फिर एक दिन उन्होंने हकीम सुलेमान खान साहब का एक प्रोग्राम देखा जिसमें उन्होंने देखा कि लाखों लोग ऐसे हैं जो हकीम साहब के यूनानी नुस्खों को अपनाने के बाद पुरानी से पुरानी जोड़ो के दर्द की समस्या से राहत पा चुके हैं। यूनानी नुस्खों को अपनाने के बाद उनकी जिंदगी में ऐसा बदलाव आया,जो उनके लिए एक नई उम्मीद और शक्ति लेकर आया। यूनानी नुस्खों से राहत पाने के बाद विमलेश जी दूसरों को हकीम साहब के नुस्खों के बारे में बताकर लोगों की मदद कर रही हैं।
घुटनों का दर्द बना जिंदगी का बोझ : डॉक्टर ने दी ऑपरेशन की सलाह
विमलेश जी बहुत ही धार्मिक महिला है, वह रोजाना सुबह 3 बजे उठती हैं, ध्यान लगाती हैं और मंदिर जाती हैं। उनके परिवार में उनका बेटा, बहु, पोता, पोती, और वो खुद हैं। एक दिन सर्दियों के मौसम में अचानक ही उनके घुटनों में असहनीय दर्द होने लगा। विमलेश जी बताती हैं कि दर्द की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि वो सुबह उठते ही रोने लग गई थी, बेड से उठा भी नहीं जा रहा था। उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपने पैरों को सीधा किया और एक कुर्सी के सहारे बाथरूम तक गई। विमलेश जी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर उनके साथ क्या हो रहा है? धीरे-धीरे ये दर्द बढ़ता गया और उनकी हालत ऐसी हो गई कि घुटनों को छूने मात्र से भी उन्हें दर्द होता था, इस समस्या की वजह से उन्हें रोजमर्रा के कामों को करने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने कई जगह दिखाया, एक दिन में आठ-आठ गोलियां एक साथ खाईं, दर्द के इन्जेक्शन लगवाए, लेकिन उतने देर के लिए ही राहत मिलती थी जब तक दवाइयों का असर रहता था। उनके जीवन के चार साल घुटनों के असहनीय दर्द से जूझते हुए ही निकल गए था वह डॉक्टरों के चक्कर लगा-लगाकर वह परेशान हो गईं थीं। डॉक्टर ने जाँचे करने के बाद बताया की घुटनों के बीच में गेफ़ आ गया है और ग्रीस खत्म हो गया इसलिए घुटनों का ऑपरेशन करना पड़ेगा। डॉक्टरों की ऐसी बाते सुनकर विमलेश जी अपने ठीक होने की उम्मीद तक खो चुकी थी। लेकिन फिर भी उन्होंने ऑपरेशन नहीं कराया और दवाइयों के सहारे अपनी जिंदगी गुजारने लगी।
हकीम सुलेमान खान साहब से जुड़ना कैसे हुआ?
घुटनों के दर्द से परेशान विमलेश जी ने एक दिन मोबाइल चलाते समय एक ऐड देखा जिसमें हकीम सुलेमान खान साहब कुछ घरेलू नुस्खों और जोड़ों के दर्द में असरदार गोंद सियाह के फ़ायदों के बारे में बता रहे थे। जब विमलेश जी ने यूट्यूब पर हकीम सुलेमान साहब को सर्च किया तो उन्हें कई मरीजों के वीडियो देखने को मिले जो हकीम जी के नुस्खों का सेवन करके सालों पुराने जोड़ों के दर्द में राहत पा चुके थे। इतने लोगों को फायदा मिलते देखा तो विमलेश जी को हकीम साहब के नुस्खों पर भरोसा हो गया। उन्होंने तुरंत हकीम साहब की संस्था में संपर्क किया और अपनी तीन-चार साल पुरानी घुटनों के दर्द की समस्या के बारे में बताया। हकीम साहब की संस्था के काबिल यूनानी डॉक्टरों ने उनकी समस्या को अच्छे से सुनने और समझने के बाद जोड़ों के दर्द में कारगर नुस्खे गोंद सियाह और T. CARE खाने की सलाह दी।
विमलेश जी ने हकीम साहब की ऑफिसियल वेबसाईट ‘अतिया हर्ब्स’ से दोनों नुस्खे मंगा लिए और सेवन करना शुरू कर दिया।
हकीम साहब के यूनानी नुस्खों का असर
हकीम सुलेमान साहब की गोंद सियाह का सुबह-शाम एक-एक चुटकी सेवन करने के कुछ ही महीनों के बाद विमलेश जी को अद्भुत फायदा मिला। धीरे-धीरे उनके घुटनों का दर्द कम होने लगा और उनके जीवन में सुधार आने लगा। एक डिब्बा गोंद सियाह का सेवन करने के बाद उन्होंने पहले से ज्यादा राहत महसूस की। चौथे डिब्बे के बाद वह बिना किसी दर्द के अपने घर के काम करने लगीं। अब उन्हें सीढ़ियाँ चढ़ने-उतरने में भी कोई परेशानी नहीं होती। कुर्सी के सहारे बेड से बाथरूम तक जाने वाली विमलेश जी गोंद सियाह के असर से अब आराम से चल लेती हैं, उठ बैठ लेती हैं, मंदिर भी आसानी से चली जाती हैं, घर के काम भी कर लेती हैं। गोंद सियाह छोड़े हुए उन्हें 6 महीने से ज्यादा हो गए हैं और वह आसानी से बिना दर्द के जीवन जी रही हैं।
हकीम साहब के नुस्खों से राहत पाने के बाद विमलेश जी अब लोगों की करती हैं मदद
घुटनों के दर्द से राहत पाने के बाद, विमलेश जी का जीवन पूरी तरह से बदल गया। अब वह बिना किसी परेशानी के घर के काम करती हैं, मंदिर जाती हैं और अपने परिवार के साथ खुशहाल समय बिताती हैं। पहले जहाँ वह अपनी जिंदगी से निराश हो चुकी थीं, वहीं अब उन्होंने नए जोश और उम्मीद के साथ जीवन को जीने का निर्णय लिया है। उन्होंने अब तक कम से कम 25 लोगों को गोंद सियाह के बारे में बताया है और उन्हें यह नुस्खा मंगवाकर दिया है। उनका मानना है कि इस प्राकृतिक उपाय ने न केवल उनके जीवन को बदल दिया है, बल्कि उन्होंने जीतने लोगों को भी हकीम साहब के यूनानी नुस्खों के बारे में बताया है सभी को फायदा मिल रहा है।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
गोंद सियाह क्या है?
यह पौधा तिन्दुक कुल एबीनेसी का सदस्य है जो समस्त भारतवर्ष में पाया जाता है। इस पेड़ के तने को चीरा लगाने पर जो तरल पदार्थ निकलता है उसे गोंद सियाह कहते हैं, इस गोंद में उस पेड़ के गुण पाये जाते हैं। यह गोंद बहुत पौष्टिक होता है जो सूखने पर काला और ठोस हो जाता है, गोंद सियाह हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है जो हमारे जोड़ों के दर्द के साथ शरीर की कई समस्याओं को हमसे दूर रखता है।
T. Care क्या है?
T. Care हकीम सुलेमान खान साहब के द्वारा तैयार की गई S. Care और R. Care दवाओं का मिश्रण है, जो ऑर्थोपेडिक्स और मांसपेशियों की समस्याओं से लड़ने और आराम दिलाने में सहायक है। अगर आप शरीर के किसी भी तरह के दर्द से परेशान हैं या फिर जोड़ों में सूजन की वजह से दुखी हैं, और हर तरह का इलाज कर चुके हैं लेकिन आराम नहीं मिल रहा है तो T. Care आपके लिए समाधान हो सकता है इसे एक बार जरूर अपनाएं।