जिंदगी सभी के लिए एक जैसी नहीं होती है। जिंदगी एक चलती हुई गाड़ी की तरह है जिसके रास्ते में कई मोड़ आते हैं और हर एक मोड़ नया रास्ता शुरू कर देता है। जिंदगी का परम सत्य यही है कि जिंदगी का हर मोड़ आसान नहीं होता। इस जिंदगी में आपको कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बैंगलोर के उदय कुमार जी पेट की समस्या से काफी परेशान थे आइये जानते हैं उनकी पूरी आत्मकथा के बारे में।
आज हम बात कर रहे हैं बैंगलोर के रहने वाले उदय कुमार जी की। जिनकी उम्र करीब 48 वर्ष है और वे आज अपनी जिंदगी बहुत ही खुशहाल के साथ बिता रहे हैं। कारण है उनकी सेहत। वे अपनी सेहत का बहुत ही सावधानी के साथ ख्याल रखते हैं। वे जानते हैं कि सेहत के मामले में हल्की सी चूक से भारी नुकसान हो सकता है। आखिर व्यक्ति के लिए उसकी सेहत से बढ़कर और हो भी क्या सकता है?
उदय जी की जिंदगी काफी बेहतर चल रही थी। अचानक उनकी जिंदगी में भी परेशानी आ गयी। उदय जी की अभी शादी नहीं हुई है और वे अपनी मां के साथ रहते हैं। दरअसल उन्हें पेट की समस्या हो गयी थी। पेट में गैस बनना, एसिड़ बनना। इसी समस्या के कारण उनकी दैनिक दिनचर्या पर भी इसका असर दिखाई देने लगा। उन्हें मोशन से लेकर दिन के काम काज करने तक में दिक्कतें आने लगीं। शुरूआत में उदय जी ने ऐसे ही किसी डॉक्टर से दवाई ली और आराम समझकर अपने काम में लग गये। लेकिन जब यह समस्या जल्दी जल्दी होने लगी तो उन्हें लगा कि वे किसी गंभीर समस्या में फंसते जा रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले एलौपेथिक इलाज कराना शुरू किया। इस इलाज से उन्हें कुछ समय के लिए आराम होता। कुछ समय बाद समस्या फिर वैसी की वैसी दिखाई पड़ती थी। उदय जी अपनी इस समस्या से काफी परेशान हो चुके थे। उनकी परेशानी को देखते हुए उनकी मां भी परेशान रहने लगीं। आखिर वे करें तो क्या करें। ऐसा क्या इलाज हो सकता था जो उनकी समस्या को जड़ से खत्म कर सकता हो। इसी सोच विचार में वे अपने दिन काट रहे थे।
एक दिन उनसे मिलने उनका दोस्त आया। उदय जी ने अपनी सारी समस्या अपने दोस्त को बताई। उनके दोस्त ने उनकी समस्या को देखकर आयुर्वेद में विशेषज्ञ माननीय हकीम सुलेमान खान साहब का नाम सुझाया। उन्होंने बताया कि हकीम जी के घरेलू नुस्खे और यूनानी दवाइयाँ कई समस्याओं में कारगर हैं। उदय जी ने उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और हकीम जी के घरेलू नुस्खों को अपनाने का फैसला किया। उन्होंने हकीम जी से संपर्क किया। हकीम जी ने उनकी सारी समस्याओं को सुनकर P. CARE कैप्सूल लेने की सलाह दी। उदय जी ने बिना देरी किये ATIYA HERBS से कैप्सूल मंगाए और हकीम जी के बताये गए निर्देशों द्वारा इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। उदय जी का कहना है कि उन्होंने अपनी पेट की समस्या के लिए कई तरह का इलाज कराया लेकिन हकीम जी के इलाज जैसा फर्क उन्हें आज तक महसूस नहीं हुआ था। उदय जी को P. CARE के इस्तेमाल से मात्र एक हफ्ते में आराम दिखाई देने लगा। उदय जी अपनी समस्या में आराम देखते हुए काफी खुश हुए। अपने आराम की खबर सबसे पहले उन्होंने अपने उसी दोस्त को बताई जिसने उन्हें हकीम जी की यूनानी दवाओं को इस्तेमाल करने की सलाह दी थी।
उदय जी को अपनी पेट की समस्या में करीब 80 प्रतिशत आराम हो चुका है। उदय जी अभी भी हकीम जी की यूनानी दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। उदय जी एक खास बातचीत में बताते हैं कि आज वे स्वस्थ हैं और अपनी समस्या में काफी हद तक आराम पा चुके हैं। मेरे स्वास्थ्य का सारा श्रेय हकीम जी को जाता है। पेट की समस्या के साथ ही उन्हें आंखों की भी समस्या थी। उन्होंने उसके लिए भी हकीम जी की ही यूनानी दवाओं का इस्तेमाल किया। उनकी आंखों में भी काफी फर्क महसूस हुआ है। उदय जी का कहना है कि मैंने अपने जीवन में ऐसा बेहतर इलाज नहीं देखा। जैसा कि हकीम जी की यूनानी दवाओं से होता है। हम चाहते हैं कि हकीम जी इसी प्रकार लोगों की सेवा करते रहें। हमारी दुआएं हकीम जी के साथ हैं। हकीम जी भगवान का दूसरा रूप हैं।
यहाँ देखिये उन्होंने हकीम साहब को धन्यवाद करते हुए क्या कहा
P. CARE क्या है?
अतिया हर्ब का पी-केयर विभिन्न जड़ी-बूटियों का एक मिश्रण है जो पेट को आराम पहुंचाता है और भारी भोजन के बाद कई लोगों को होने वाली एसिडिटी से बचाता है। एक हर्बल संयोजन है जो न केवल पाचन को बढ़ावा देता है बल्कि हमारी त्वचा को भी स्वस्थ बनाता है। यह पाचन/आंत संबंधी समस्याओं, लिवर संबंधी समस्याओं, एसिडिटी, कब्ज बवासीर, किडनी और पित्त पथरी के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, यह लिवर की रक्षा करने में कुशल है और पित्त स्राव को बढ़ावा देता है। यह सोरायसिस जैसे त्वचा रोगों के इलाज में कारगर है और रक्त को भी शुद्ध करता है।